नई दिल्ली . भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर संवैधानिक पद की गरिमा गिराने का आरोप लगाया। रेल व सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राहुल गांधी के लोकसभा के भीतर आचरण को दुखद बताया।
उन्होंने संसदीय प्रणाली में नेता प्रतिपक्ष और लोकसभा अध्यक्ष के संविधान पद की अहमियत बताते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अपने पद की गरिमा के गिराने के साथ ही अध्यक्ष के संवैधानिक पद पर सवाल उठाया। अश्विनी वैष्णव ने इसे संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने वाला काम करार दिया।
राहुल गांधी से माफी की मांग की
वहीं भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी अनिल बलूनी ने लोकसभा में आचरण के लिए राहुल गांधी से माफी की मांग की। अश्विनी वैष्णव के अनुसार संवैधानिक मर्यादा की धज्जियां उड़ाने का राहुल गांधी की पुराना इतिहास है। उनके अनुसार राहुल गांधी ने अपनी ही पार्टी की सरकार द्वारा बनाए गए अध्यादेश को सबके सामने फाड़कर फेंक दिया था। उन्होंने कहा कि संविधान की मर्यादा का पालन करने का राहुल गांधी कोई इरादा नजर नहीं आता।
संसद के अंदर अपने आचरण के लिए राहुल गांधी से माफी की मांग करते हुए अनिल बलूनी ने कहा कि भाषण के दौरान उन्होंने बहुत सारी बातें ऐसी कही है, जो नेता प्रतिपक्ष की गरिमा के साथ ही संसदीय परंपराओं के भी अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि नेता प्रतिपक्ष ने अपने भाषण के दौरान बजट के बारे में कुछ नहीं कहा। बलूनी ने आशंका जताई कि राहुल गांधी ने बजट के बारे में अध्ययन भी नहीं किया है। पूरे भाषण में कहीं नहीं लगा कि नेता प्रतिपक्ष बजट पर कुछ बोल रहे हैं।