Mother’s Day: इस साल 12 मई की तारीख दुनिया के हर कोने में बेहद खास है। क्यों? क्योंकि आज Mother’s Day है। लेकिन हर साल 12 May को मदर्स डे नहीं मनाते। ये तारीख बदलती रहती है। जो नहीं बदलता, वो है- मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने का रिवाज। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों है? मदर्स डे की शुरुआत कब और कैसे हुई? मदर्स डे का इतिहास क्या है? आइए जानते हैं।
मदर्स डे की शुरुआत कब हुई?
बात 20वीं सदी की है। फिलाडेल्फिया में रहने वाली एक बेटी एना जार्विस ने अपनी मां की याद में जो किया, उससे इस दिन की नींव पड़ी। एना की मां ने अपना जीवन महिलाओं के अधिकारों, शिक्षा और गुलामी हटाने की वकालत करते हुए बिताया था। 1905 में उनकी मृत्यु के बाद, एना ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का फैसला किया।
एना की सभा
12 मई 1907 को, एना जार्विस ने वेस्ट वर्जीनिया के ग्राफ्टन के चर्च में अपनी मां की याद में ग्राफ्टन, वेस्ट वर्जीनिया के एक चर्च में एक सभा आयोजित की। पांच साल के भीतर, अमेरिका के लगभग हर राज्य में ये दिन मनाया जाने लगा।
May 2nd Sunday को मदर्स डे क्यों मनाते हैं?
फिर 1914 में यूएस प्रेसिडेंट वूड्रो विल्सन ने इसे नेशनल हॉलिडे घोषित कर दिया। मई के सेकंड सन्डे को मदर्स डे के रूप में मनाने के लिए उन्होंने एक उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा मई के दूसरे रविवार को प्राचीन ग्रीक और रोमन परंपरा की वजह से भी चुना गया। वसंत के त्योहारों के दौरान यहां लोग अपनी मां को उनकी ममता और बलिदान के लिए धन्यवाद देते हैं।
White Carnation क्यों हैं मदर्स डे का प्रतीक?
मां के सम्मान में एना का पहला समारोह बहुत सफल रहा। एना ने वहां उपस्थित सभी महिलाओं को अपनी मां का पसंदीदा फूल सफेद कारनेशन दिया। तब से व्हाइट कारनेशन मदर्स डे का प्रतीक बन गया, जो पवित्रता और प्रेम के लिए जाना जाता है।