0 हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि और चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है हनुमान जयंती
डेस्क न्यूज। हनुमान जी भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं। हनुमान जी को कई नामों से जाना जाता है। जैसे- बजरंग बली, पवनपुत्र, हनु, संकट मोचन, केशरी नंदन इत्यादि। वैसे तो आप कभी भी हनुमान की पूजा कर सकते हैं, लेकिन मंगलवार को उनकी पूजा करना सर्वोत्तम माना गया है, क्योंकि यह दिन उन्हें समर्पित है। क्या आप जानते हैं कि हनुमान जयंती एक साल में 2 बार क्यों आती है।आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह…
कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को हुआ था जन्म
हर साल कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि को स्वाति नक्षत्र में हुआ था। इस वजह से इस तिथि को इनकी जयंती मनाई जाती है।
दूसरी जयंती के पीछे ये है वजह
पौराणिक कथा के अनुसार, बचपन में एक बार हनुमान जी को भूख लगी थी। उन्होंने आसमान में सूर्यदेव को देखकर फल समझ लिया और उन्हें खाने पहुंच गए। उन्होंने सूर्यदेव को आधा से अधिक निगल लिया, इससे पूरे ब्रह्मांड में अंधेरा छा गया।
यह बात जब देवताओं के राजा इंद्रदेव को पता चली तो उन्होंने हनुमान के मुख पर वज्र से प्रहार कर दिया। वज्र के प्रहार से हनुमान मूर्छित हो गए। यह बात जब पवनदेव तक पहुंची तो उन्होंने पूरे ब्रह्मांड की हवा रोक दी।
इससे धरती पर हाहाकार मच गया। तब ब्रह्मा जी ने उन्हें शांत कराते हुए हनुमान को नया जीवन दिया। ऐसा माना जाता है कि यह जीवनदान चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को उन्हें मिला था। यही वजह है कि हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को भी हनुमान जयंती मनाई जाती है।