लैपटॉप से सड़कों में मवेशियों के जमावड़े को दिखाया गया तो चीफ जस्टिस नाराज होते हुए तल्ख टिप्पणी की
बिलासपुर। प्रदेश में सड़कों की स्थिति क्या है.. मवेशियों का किस तरह जमावड़ा लगा रहता है.. इस ओर किसी भी जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है। इसका खामियाजा मार्ग से गुजरने वाले भुगतते हैं। छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन ऐसे मामले सामने आते हैं खासकर गांवों में जिसके एक्सिडेंट के ज्यादातर कारणों में मवेशी होते हैं। ऐसी स्थिति से अब हाईकोर्ट भी वाकिफ हो गया है। इस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है।
लैपटाप पर सड़कों की हालत देखकर वे भी आश्चर्य में पड़ गए। बता दें कि सड़कों में मवेशियों के जमावड़े को लेकर परेशानी को देखते हुए जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच में हुई।
इस दौरान चीफ जस्टिस को लैपटॉप से सड़कों में मवेशियों के झुण्ड को दिखाया गया। इस पर चीफ जस्टिस नाराज हुए और फिर उन्होंने टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि पंचायतें अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही हैं। यह परेशानी दूर नहीं की जा रही हैं। खासकर बारिश के दौरान पशु सड़कों पर झुंड में बैठे रहते हैं।
समस्या दूर करने सुझाव मांगे, पर किसी ने जवाब नहीं दिया
जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ की सड़कों पर मवेशियों के बैठे होने से आम लोगों को होने वाली समस्या को लेकर 2019 में जनहित याचिकाएं लगाई गई थीं। तब से अब तक हाईकोर्ट ने कई बार दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।इससे पूर्व चीफ जस्टिस ने मार्च 2024 में हुई सुनवाई में राज्य शासन से जवाब मांगा था। राज्य सरकार, एनएचएआई और नगरीय निकायों के अधिवक्ताओं से समस्या दूर करने सुझाव मांगे, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।
सड़कों की स्थिति को लैपटाप पर दिखाया गया
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता पलाश तिवारी ने चीफ जस्टिस को अपने लैपटॉप पर चकरभाठा मोड़ से लेकर हाईकोर्ट भवन के सामने सड़क पर बैठे मवेशियों का वीडियो दिखाया। इस पर सीजे ने कहा पूरे शहर का यही हाल है बरसात शुरू होते ही समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रयास से ही इस समस्या को दूर किया जा सकता है।