Tiger skin smuggling: वन विभाग की टीम को मिली थी बाघ का खाल बेचने की सूचना, प्लान बनाकर 2 आरोपियों को किया गिरफ्तार
अंबिकापुर। सरगुजा जिले में वन्य प्राणियों के तस्करी (Tiger skin smuggling) का मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम ने योजना बनाकर बाघ की खाल की तस्करी करते 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को पकड़ने वन विभाग के अफसरों ने खुद व्यापारी बनकर तस्करों से संपर्क किया। जैसे ही तस्कर बाघ की खाल लेकर पहुंचे, वन विभाग की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मामले में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
हम आपको बता दें कि दोनों आरोपी सरगुजा जिले के लखनपुर थाना क्षेत्र के रानीदरहा से गिरफ्तार (Tiger skin smuggling) किए गए हैं। आरोपियों के नाम रंगीन साय और पोर्ते शिकारी बताया जा रहा है। दोनो मैनपाट के उल्टापानी गांव के आसपास जड़ी बूटी बेचने का काम करते थे। इस दौरान उन्होंने बाघ का शिकार कर उसका खाल निकाल लिया था।
Tiger skin smuggling: खाल बेचने की थी तैयारी
दोनों आरोपियों द्वारा बाघ का खाल बेचने (Tiger skin smuggling) की तैयारी थी। यह बात जब वन विभाग के ऑफिसरों को पता चली तो उन्होंने आरोपियों को पकड़ने जाल बिछाया। ऑफिसर्स खुद बाघ की खाल खरीदने के व्यापारी बने और सौदा तय किया।
इसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। दोनों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।