इसी तरह का मैसेज सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर के नाम से भी भेजा गया है, इसकी शिकायत साइबर सेल में की गई है
रायपुर। ठगों से हर वर्ग चिंतित है, कब किस तरह ठगी हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। छत्तीसगढ़ में इसे लेकर बड़ा मामला सामने आया है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी IAS रीना बाबा साहब कंगाले का फेक वाट्सएप तैयार कर छत्तीसगढ़ के कई कलेक्टरों को साइबर ठगों ने मैसेज भेजे हैं। इसी तरह का मैसेज सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर के नाम से भी भेजा गया है। इसकी शिकायत साइबर सेल में की गई है।
अब साइबर ठगों ने इससे एक कदम आगे बढ़कर वाट्सएप क्लोन तैयार करने और डीपी लगाकर फेक वाट्सएप नंबर से मैसेज करने जैसे ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। अब प्रदेश की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले का फोटो लगाकर फेक वाट्सएप नंबर से प्रदेश के कई आईएएस अधिकारियों को मैसेज भेजे गए। हालांकि जिस नंबर से मैसेज आए, उसमें सिर्फ रीना बाबासाहेब कंगाले का डीपी में फोटो लगा था। यह उनका अधिकृत नंबर नहीं था।
साथ ही जिस सीरीज से नंबर की शुरुआत हुई थी, वह छत्तीसगढ़ में चलता नहीं है, इसलिए अधिकारी सतर्क हो गए थे। सात से आठ जिलों के कलेक्टरों ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब को फोन कर इसकी सूचना दी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी कलेक्टरों को सतर्क रहने समझाया।
प्रदेश के कई आईएएस और आईपीएस अफसरों की फर्जी फेसबुक आईडी तैयार कर फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों को मैसेंजर में मैसेज भेजकर रुपयों की मांग और ठगी की कोशिश के कई मामले सामने आ चुके हैं। कई अफसरों ने इसकी शिकायत पुलिस में भी दर्ज करवाई थी।
साइबर ठगों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम से एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया गया है। इस फर्जी फेसबुक अकाउंट से लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भी भेजी जा रही है। साथ ही लोगों को मैसेज भी भेजे जा रहे हैं। मामले की शिकायत पर साइबर रेंज थाने में आईटी एक्ट के तहत अज्ञात के खिलाफ अपराध कायम किया गया है।
पुलिस के अनुसार इस फर्जी फेसबुक आईडी से कई पोस्ट भी की गई है। इतना ही नहीं, कुछ लोगों को मैसेज कर आदेश भी किया जा रहा है। साइबर सेल पुलिस जांच कर रही है कि आईडी कहां से बनाई गई और उसे कौन चला रहा है? इससे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री, सहित अन्य नेताओं की फर्जी आईडी बनाई गई थी।
कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा का भी फर्जी अकाउंट का मामला सामने आया था, जिसकी शिकायत उन्होंने साइबर शाखा में की थी जिसके बाद पुलिस ने उस क्लोन एकाउंट को सोशल मीडिया से डिटिल करवाने में सफलता हासिल की थी।