Friday, September 20, 2024

46 साल बाद खोला जाएगा पुरी के जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, दशकों से इस पल का इंतजार था

  • इस दौरान यहां के खजाने में मौजूद जेवरात और अन्य कीमती सामानों की सूची तैयार होगी
  • आभूषणों की क्वालिटी की जांच होगी और कीमती सामानों का वजन कर रिकार्ड तैयार किया जाएगा

भुवनेश्वर। हजारों साल से कौतुहल का क्षेत्र, विश्व प्रसिद्ध ओडिशा के भगवान जगन्नाथ मंदिर इस बार फिर से चर्चा में है। यहां के खजाने में अकुत सोने, चांदी, हीरा, मोती, माणिक्य जैसी कीमती चीजें जो है। जिसे लेकर भारत के साथ पूरी दुनिया के लोगों का कौतुहल बना रहता है। इस बाद सरकार जगन्नाथ मंदिर के खजाने यानी रत्न भंडार को 46 साल बाद एक बार फिर खोलने का फैसला किया है।

इस दौरान यहां के खजाने में मौजूद जेवरात और अन्य कीमती सामानों की सूची तैयार होगी। मामले पर कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा है कि दुनियाभर में रह रहे भगवान जगन्नाथ के भक्तों को काफी समय से इस पल का इंतजार था। आभूषणों की क्वालिटी की जांच होगी और कीमती सामानों का वजन किया जाएगा।

मंत्री के अनुसार इस खजाने को लेकर मेडिकल टीम अलर्ट है, क्योंकि यहां सांपों की मौजूदगी बताई जा रही है। एजेंसी के अनुसार, इस खजाने के कीमती सामानों की सूची की निगरानी के लिए राज्य सरकार ने समिति बनाई है। इस समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ ने कहा है कि जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार आज दोपहर 1.28 बजे फिर से खोला जाएगा।

ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने कहा है कि जिस स्थान पर कीमती सामान अस्थायी रूप से रखा जाएगा, वह भी तय कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मंदिर प्रबंध समिति के सामने एसओपी की चर्चा की। अब दिशा-निर्देश के आधार पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। मंदिर के खजाने को खोलने और इन्वेंट्री के लिए हर कार्य पूरा करने के लिए सभी प्रक्रियाएं तय की चुकी हैं।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। खजाने के आभूषणों की डिजिटल फोटोग्राफी कराई जाएगी। मंत्री ने कहा कि जेवरात की सूची को लेकर पारदर्शिता रखने के लिए हम आरबीआई की मदद ले रहे हैं। आरबीआई के प्रतिनिधि सूची बनाए जाने के दौरान मौजूद रहेंगे। इसके लिए प्रबंध समिति द्वारा गठित टीम के साथ काम करेंगे।

हर कार्य के लिए अलग टीमें हैं। रत्न भंडार के लिए एसजेटीए मुख्य प्रशासक के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ टीम बनाई गई है। इनमें एएसआई, सेवकों, प्रबंध समिति और हाई पावर कमेटी के प्रतिनिधियों को विशेषज्ञ पैनल के सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है। मंदिर का खजाना आज शुभ मुहूर्त में खोला जाएगा। पुरी जिला प्रशासन के पास मौजूद डुप्लिकेट चाबी के साथ खजाना खोलने की कोशिश होगी। कानून मंत्री ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ताला तोड़ा जाएगा।

पिछली बार इन्वेंट्री प्रक्रिया को पूरा करने में 70 दिन से अधिक का समय लगा था। उन्होंने कहा कि इस बार तकनीक की मदद से कम समय में यह काम पूरा करने की कोशिश की जाएगी। हरिचंदन ने कहा कि इस कार्य से न तो अनुष्ठान और न ही दर्शन प्रभावित होंगे। पिछली बीजद सरकार ने अपने 24 साल के शासन के दौरान रत्न भंडार नहीं खोला था।

भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के एक महीने के भीतर इसे खोलने का फैसला किया है। हमने प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए इसे भगवान जगन्नाथ पर छोड़ दिया है। पुरी में जस्टिस रथ ने कहा कि एक मेडिकल टीम, हेल्पलाइन के सदस्य और ताला तोड़ने वाले ग्रुप को स्टैंडबाय पर रखा जाएगा।

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