Super mom सुनने में ये ‘क्रेजी’ लगे, लेकिन रचेल कौर ऐसा करके काफी पैसे भी बचा लेती हैं और अपने परिवार को समय भी दे पाती हैं. उन्होंने खुद ये दावे किए हैं।
ख़बरनवीस डेस्क। Super mom रोजाना सुबह उठकर ऑफिस जाना कई लोगों को थकाऊ लगता है। समय पर पहुंचने के लिए लोग बस, मेट्रो या ट्रेन के लिए भागते हैं जो वाकई में बहुत एनर्जी की डिमांड करता है. लेकिन एक भारतीय मूल की महिला रोजाना काम पर जाने के लिए फ्लाइट लेती है। आपको शायद सुनने में ये ‘क्रेजी’ लगे, लेकिन रचेल कौर ऐसा करके काफी पैसे भी बचा लेती हैं और अपने परिवार को समय भी दे पाती हैं. उन्होंने खुद ये दावे किए हैं।
रोजाना करती है 700 किमी ट्रैवल Super mom
भारतीय मूल की रचेल कौर मलेशिया में रहती है। वो एयर एशिया के फाइनेंस ऑपरेशन्स में असिस्टेंट मैनेजर हैं। रचेल को ‘सुपर-मॉम’ Super mom भी कहा जा रहा है। उनका दावा है कि वो हर कामकाजी हफ्ते के पांचों दिन दो राज्यों का सफर प्लेन से करती हैं। उन्होंने CNA इनसाइडर (चैनल न्यूज एशिया) को दिए इंटरव्यू में अपने डेली ट्रैवल रूटीन के बारे में बताया। साथ में ये भी मेंशन किया कि रोजाना फ्लाइट लेने से वो काफी पैसे बचा पाती हैं।
इसलिए हफ्ते के 5 दिन अप एंड डाउन
रचेल कौर का ऑफिस मलेशिया के कुआलालंपुर में हैं और घर पेनांग (Penang) राज्य में। दोनों के बीच 350 किलोमीटर की दूरी है। Super mom उन्होंने बताया कि पहले वो ऑफिस के पास ही एक किराये के घर में रहा करती थीं। उस समय हफ्ते में एक बार ही अपने परिवार से मिलने जा पाती थीं। बच्चों से दूर रहना उन्हें रास नहीं आता था। इसकी वजह से उनके लिए वर्क और फैमिली लाइफ को बैलेंस करना मुश्किल हो रहा था।
रचेल के 11 और 12 साल की उम्र के दो बच्चे हैं. कौर उनसे और दिन दूर नहीं रहना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने 2024 में एक फैसला किया। रचेल ने तय किया कि वो हर रोज पेनांग से अपने कुआलालंपुर वाले ऑफिस जाया करेंगी।
पैसे भी बचा पा रहीं
गूगल मैप्स के मुताबिक, रचेल आने-जाने में रोजाना लगभग 700 किमी का सफर तय करती हैं। उनका दावा है कि पहले घर का किराया और अन्य खर्चों पर वो कम से कम $474 (लगभग 41,000 रुपये) खर्च करती थीं। Super mom लेकिन अब रोज फ्लाइट पकड़ने पर भी $316 (लगभग 27,000 रुपये) का खर्च आता है
रचेल कौर को घर की बजाय ऑफिस से काम करना ज्यादा पसंद है।उन्हें लगता है कि सहकर्मियों के साथ टास्क पूरा करना आसान हो जाता है. हालांकि, वो मानती हैं कि रोजाना सुबह जल्दी उठना थका देने वाला होता है। लेकिन घर आकर बच्चों को देखने से सारी थकान दूर हो जाती है।