Sandeep murder case: प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और चार विधायकों के प्रतिनिधि मंडल ने सर्व आदिवासी समाज और परिजनों से की लंबी चर्चा, अंत में बनी सहमति, 28 सितंबर को संदीप का होगा अंतिम संस्कार
अंबिकापुर। Sandeep murder case: संदीप लकड़ा हत्याकांड का मामला 21 दिनों तक परिजनों व सर्व आदिवासी समाज के विरोध प्रदर्शन की वजह से सुर्खियों में बना रहा। अंततः 27 सितंबर को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व चार विधायकों के प्रतिनिधि मंडल (Sandeep murder case) ने सर्व आदिवासी समाज और संदीप के परिजनों से लंबी चर्चा की। सरकार की ओर से मृतक के परिजन को 25 लाख रुपए मुआवजा, उसकी पत्नी को कलेक्टर दर पर नौकरी, दोनों बच्चों को हायर सेकेंडरी तक मुफ्त शिक्षा सहित अन्य मांगों का प्रस्ताव रखा गया।
इन प्रस्तावों को सर्व आदिवासी समाज और परिजन ने मान लिया और संदीप का के शव का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गए। अब 28 सितंबर को संदीप के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके साथ ही सर्व आदिवासी समाज ने 12 सितंबर से चल रहे धरना प्रदर्शन की समाप्ति की घोषणा भी कर दी।
हम आपको बता दें कि 6 सितंबर को सीतापुर के ग्राम बेलजोरा निवासी राजमिस्त्री संदीप लकड़ा का शव (Sandeep murder case) मैनपाट के लुरैना में पानी टंकी के फाउंडेशन में मिला था। उसकी हत्या कर शव को दफन कर दिया गया था। पीएम के बाद 20 दिनों से संदीप का शव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरच्यूरी में पड़ा हुआ था।
लेकिन परिजन उसका शव लेने से इंकार कर रहे थे। 26 सितंबर को फॉरेंसिक साइंस विभाग ने भी संदीप के शव में संक्रमण की आशंका जताई थी। 27 सितंबर को संदीप का शव (Sandeep murder case) उसके परिजनों के पास भेजा गया था, लेकिन उन्होंने शव को लौटा दिया था।
मंत्री, 4 विधायक और प्रशासनिक अफसर पहुंचे सीतापुर
संदीप लकड़ा हत्याकांड (Sandeep murder case) मामले को लंबा खींचता देख 27 सितंबर को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज, प्रेमनगर विधायक भूलन सिंह मरावी और सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो सीतापुर स्थित सर्व आदिवासी समाज के धरना स्थल पहुंचे।
यहां मंत्री, विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने सर्व आदिवासी समाज के सामने 25 लाख का मुआवजा, संदीप की पत्नी सलीमा लकड़ा को कलेक्टर दर पर नौकरी और दोनों बच्चों को हायर सेकेंडरी तक मुफ्त शिक्षा,सरकारी योजनाओं का लाभ तथा आरोपियों के खाते से हुए लेन देन की जांच और मामले में संलिप्त सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव रखा।
लेकिन इसे मानने से उन्होंने इनकार (Sandeep murder case) कर दिया। दोबारा प्रतिनिधिमंडल ने यही प्रस्ताव रखा तो वे मान गए, और संदीप के शव का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गए।
Sandeep murder case: मुआवजे का चेक और नौकरी का दिया नियुक्ति पत्र
प्रस्ताव मान लिए जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने धरना स्थल पर ही संदीप की पत्नी को 8.25 लाख रुपए का चेक और कलेक्टर दर पर नौकरी का नियुक्ति पत्र प्रदान किया। बाकी के 16 लाख 75 हजार रुपए भी उसे जल्द प्रदान कर दिए जायेंगे।
इसके बाद गोंडवाना महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अकबर कोर्राम द्वारा धरना प्रदर्शन भी समाप्त करने की घोषणा (Sandeep murder case) कर दी गई। इस दौरान कलेक्टर विलास भोसकर, एसपी योगेश पटेल, सीतापुर एसडीएम रवि राही, थाना प्रभारी मोरध्वज देशमुख व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
संदीप की हत्या का मुख्य आरोपी अब भी फरार
हम आपको बता दें कि सरगुजा जिले के सीतापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेलजोरा निवासी राजमिस्त्री संदीप लकड़ा (Sandeep murder case) की ठेकेदार अभिषेक पांडे ने अपने 5 कर्मचारियों के साथ मिलकर 7 जून की रात बेदम पिटाई की थी। 8 जून की सुबह तक उसकी मौत हो गई थी।
इसके बाद संदीप का शव पिकअप में भरकर में मैनपाट के लुरैना बड़वापाट स्थित पानी टंकी के फाउंडेशन के नीचे दफन कर दिया गया था। संदीप की हत्या का आरोप लगाकर उसके परिजनों व सर्व आदिवासी समाज द्वारा थाना घेराव किए जाने तथा लगातार इस मामले को उठाने के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई थी।
इसके बाद पुलिस ने 6 सितंबर की सुबह पानी टंकी के फाउंडेशन के नीचे से संदीप का शव (Sandeep murder case) बरामद किया था। इस दौरान पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। बाद में गौरी तिवारी नामक आरोपी को पकड़ा गया, लेकिन मुख्य आरोपी अभिषेक पांडे की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पुलिस (Surguja Police) उसकी खोजबीन में जोर-शोर से जुटी हुई है।