Unbelievable Rahul gandhi: मोदी सरकार पर साधा निशाना, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया पोस्ट
NEW DELHI . कांग्रेस नेता राहुल गांधी Rahul gandhi ने आरक्षण को लेकर एक बार फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है।
राहुल गांधी ने रविवार सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि, नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।
Rahul gandhi ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि, टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। गांधी ने आगे कहा कि यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।
चंद कॉरपोरेट्स के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण SEBI है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया। प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा। IAS का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी है।
लालू प्रसाद यादव ने भी किया लेटरल भर्ती का विरोध
लालू प्रसाद यादव ने भी लेटरल भर्ती का विरोध करते हुए लिखा, बाबा साहेब के संविधान एवं आरक्षण की धज्जियां उड़ाते हुए नरेंद्र मोदी और उसके सहयोगी दलों की सलाह से सिविल सेवा कर्मियों की जगह अब संघ लोक सेवा आयोग ने निजी क्षेत्र से संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर पर नियुक्ति के लिए सीधी भर्ती का विज्ञापन निकाला है। इसमें कोई सरकारी कर्मचारी आवेदन नहीं कर सकता। इसमें संविधान प्रदत कोई आरक्षण नहीं है।
आरजेडी चीफ ने आगे लिखा, ‘कारपोरेट में काम कर रहे बीजेपी की निजी सेना यानि खाकी पेंट वालों को सीधे भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों में उच्च पदों पर बैठाने का यह “नागपुरिया मॉडल” है। संघी मॉडल के तहत इस नियुक्ति प्रक्रिया में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलेगा। वंचितों के अधिकारों पर NDA के लोग डाका डाल रहे है।’