New rules for school education स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश, होम एग्जाम सेंटर का सिस्टम भी समाप्त किया, उत्तरपुस्तिका बाहर जचेंगी, प्रश्नपत्र थानों में रखे जाएंगे…
भिलाई/अंबिकापुर . New rules for school education प्रदेश में कक्षा 8वीं तक सभी बच्चों को पास करने का नियम अब बदल दिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर कहा है कि अब से कक्षा 5वीं और 8वीं के बच्चों की नियमित परीक्षाएं ली जाएंगी। ऐसे में यदि बच्चा वार्षिक परीक्षा में फेल जाता है तो उसे सीधे अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा, बल्कि उसे एक अतिरिक्त मौका देते हुए दो महीने के भीतर दोबारा से परीक्षा कराई जाएगी।
सबसे खास बात यह है कि अब स्कूल 5वीं और 8वीं कक्षा के इन बच्चों को उसी क्लास में रोक सकेंगे। अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत पहले तक सभी बच्चे, चाहे वे फेल क्यों न हो उन्हें 8वीं तक पास दिया जाता था। New rules for school education अब फेल होने वाले ऐसे बच्चों को दोबारा से उसी कक्षा में पढऩा होगा। यह व्यवस्था स्कूल के जरिए पूरी होगी। स्कूल शिक्षा संचालनालय ने आदेश में कहा है कि, जब तब बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें स्कूल से निष्काशित नहीं किया जा सकेगा।
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इस साल से बोर्ड परीक्षा की तैयारी
कक्षा 8वीं तक के बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। यही कारण है कि मंत्री परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया है कि अब प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने इसी सत्र से निजी और शासकीय स्कूलों के बच्चों की केंद्रीयकृत परीक्षा (एक तरह से बोर्ड परीक्षा) कराई जाएगी। New rules for school education कक्षा 5वीं व 8वीं केंद्रीयकृत परीक्षा छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम से संचालित सभी स्कूलों में होंगी। परीक्षाएं जिला स्तर पर ली जाएंगी। जिला शिक्षा विभाग परीक्षा कराएगा। सबसे अच्छी बात यह है कि इस परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों को परीक्षा या अन्य कोई भी शुल्क नहीं देना होगा।
New rules for school education मार्च में होगी पहली परीक्षा
कक्षा 5वीं और 8वीं की केंद्रीयकृत परीक्षा मार्च में कराई जाएगी। समय-सारिणी लोक शिक्षण संचालनालय जारी करेगा। परीक्षा के प्रश्नपत्र बोर्ड एग्जाम की तरह गोपनीय तरीके से तैयार होंगे। New rules for school education प्रश्नपत्र तैयार करने जिला स्तर पर समिति बनेगी। जिस तरह से बोर्ड परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्रों को स्कूल से नजदीकी थानों में रखा जाता है, ठीक वैसे ही केंद्रीयकृत परीक्षा के प्रश्नपत्र भी थानों में रखे जाएंगे, जिन्हें परीक्षा शुरू होने के कुछ देर पहले निकाला जाएगा और स्कूलों में वितरित करेंगे।
परीक्षा के पहले स्कूलों को प्रश्नपत्र का नमूना दिया जाएगा, ताकि शिक्षक इसके अनुसार बच्चों को तैयारी करा सकें। इस परीक्षा का पूरा सेटअप बोर्ड की तरह होंगे, अन्य स्कूलों से केंद्राध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। New rules for school education परीक्षा संपन्न होने के बाद उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए अगल से केंद्रीय मूल्यांकन केंद्र बनाए जाएंगे। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कक्षा ५वीं और ८वीं पढ़ाने वाले शिक्षक करेंगे।
होम सेंटर का सिस्टम हुआ खत्म
बदले हुए नियम के बाद अब चौथीं और सातवीं की उतर पुस्तिकाएं उस स्कूल में नहीं जांची जाएंगी जहां बच्चे पढ़ते हैं, बल्कि इन उत्तरपुस्तिकाओं को दूसरे स्कूलों को भेजा जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक स्थिति के आधार पर आगामी शैक्षणिक New rules for school education सत्र में केंद्रीयकृत परीक्षा की तैयारी सत्र शुरू होने से पहले ही कराई जा सके।
कक्षा 5वीं और 8वीं में अनुत्तीर्ण होने वाले किसी भी बच्चे की पूरक परीक्षा भी ली जाएगी। पूरक आने वाले बच्चों को उस कक्षा में रोका नहीं जा सकेगा बल्कि उन्हें अगली परीक्षा में कक्षोन्नत कर सकेंगे। केंद्रीयकृत परीक्षा के लिए बच्चों की तैयारी के लिए संकुल समन्वयक और स्कूलों के प्राचार्य जल्द बैठक करेंगे।
हर विषय में बेहद कमजोर जिले के बच्चे
हाल ही में जिला कलेक्टर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नेवई, प्राथमिक शाला डूमरडीह, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला डूमरडीह एवं स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल सेलूद का निरीक्षण करने पहुंची थीं। यहां स्कूलों की सभी कक्षाओं का अवलोकन किया गया। यहां कई सारे बच्चे पूरी गिनती तक ठीक तरह से समझा नहीं पाए।
कलेक्टर ने बच्चों से ब्लेक बोर्ड में वन (एक) की स्पेलिंग लिखने को कहा। New rules for school education जिस पर बहुत सारे बच्चों द्वारा गलत स्पेलिंग लिखे जाने पर उपस्थित शिक्षक को अंग्रेजी स्पेलिंग पर भी विशेष ध्यान देने को कहा था।
आठवीं क्लास के बच्चों को अंग्रेजी का एक पैराग्राफ पढऩे को कहा गया। ब्लेक बोर्ड पर ’छत्तीसगढ़’ को हिन्दी और अंग्रेजी में लिखने कहा। New rules for school education अधिकांश बच्चों को ’छत्तीसगढ़’ को अंग्रेजी में लिखने में दिक्कत आई। इसी प्रकार सातवीं के बच्चों को संस्कृत पाठ्यक्रम का कोई नॉलेज नहीं देखा गया।
कक्षा 5वीं और 8वीं की केंद्रीयकृत परीक्षा कराने के निर्देश मिले हैं। यह व्यवस्था बोर्ड की तरह होंगी। थानों में पेपर रखें जाएंगे। अब ८वीं तक के बच्चों के फेल होने पर सीधे कक्षोन्नत नहीं होंगे, फेल हो सकेंगे। दोबारा परीक्षा देनी होगी।
अरविंद मिश्रा, डीईओ, दुर्ग