Friday, November 22, 2024

आज से देश में लागू हो गए नए कानून, अब हत्या की धारा 302 की जगह लगेगी 103(1), जानिए अन्य धाराओं में क्या हुआ बदलाव

0 1 जुलाई से देश में क्रिमिनल लॉ में कई बदलाव किए गए हैं, भारतीय दंड संहिता (IPC) अब भारतीय न्याय संहिता (BNS), CRPC (दंड प्रक्रिया संहिता) अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) कलाएगा

New Criminal Law: 1 जुलाई से देश में अपराध और न्याय के लिए नए कानून लागू हो गए। अब आपराधिक घटनाओं की प्राथमिकी नए कानून के अनुसार दर्ज होंगी और मुकदमे भी नए कानून के आधार पर ही चलाए जाएंगे। संगीन अपराध करने वाले अपराधियों की मुश्किलें बढ़ेंगी। पीड़ित और गवाहों को धमकी या लालच देकर मामले को प्रभावित करना या कोर्ट से बाहर समझौता करना उनके लिए आसान नहीं रह जाएगा। पुलिस जांच में कदम-कदम पर वीडियो रेकॉर्डिंग होगी और मजबूत वैज्ञानिक साक्ष्य जमा करने की बाध्यता रहेगी, जिन्हें अदालत में झुठलाया नहीं जा सकेगा।

केंद्र सरकार ने विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों के साथ बैठकें कर नए कानूनों को लागू करने की काफी तैयारी की है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। आगे भी यह चलता रहेगा।

गवाहों को मिली सबसे अधिक सुविधा

नए कानून में सबसे अधिक सुविधा गवाह व वादी को दी गई है। अगर गवाह को सूचना नहीं मिल पा रही है तो वह वाट्सऐप पर मिलने वाले समन व वारंट को भी सूचित होना माना जाएगा।

अगर गवाह किन्हीं कारणों से नहीं आ पा रहा है तो जिस जिले में मौजूद होगा, वहां की अदालत के वीडियो कान्फ्रेंसिंग सेंटर से ऑनलाइन गवाही दे सकता है। गवाहों को धमका कर समझौता करना होगा मुश्किल।

मुख्य रूप से ये हुआ बदलाव

1- भारतीय दंड संहिता (IPC) अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) होगी। आइपीसी में 511 धाराएं थी लेकिन भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं होंगी। धाराओं का क्रम बदला गया है।

2- CRPC (दंड प्रक्रिया संहिता) अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) कहलाएगी। सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। नए कानून में अब इसमें 531 धाराएं होंगी।

3- भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA), 2023 के नाम से जाना जाएगा। पुराने कानून में 167 प्रावधान थे। नए में 170 हो गए हैं। डिजिटल सबूतों का महत्त्व बढ़ाया गया है।

4- दुष्कर्म में पीड़ित की मृत्यु व अपंगता पर मृत्युदंड की सजा होगी।

5- पहले से हत्या में सजायाफ्ता को दूसरी हत्या में उम्रकैद या मृत्युदंड।

6- दुष्कर्म-छेड़खानी पीड़िता के बयान महिला मजिस्ट्रेट ही दर्ज करेंगी।

7- महिला मजिस्ट्रेट न होने पर किसी महिला कर्मी की मौजूदगी जरूरी।

8- किसी भी घटनास्थल का मुकदमा किसी भी थाने में दर्ज हो सकेगा।

9- ऑनलाइन-वाट्सऐप पर भेजी याचिका पर दर्ज करनी होगी रिपोर्ट।

10- महिला और बाल अपराध में दो माह में जांच पूरी करनी होगी। साथ ही अब जेल जाने के 40 दिन के अंदर पीसीआर लेने की सुविधा तय।

धाराओं में ये होगा बदलाव

महिला संबंधी अपराध

IPC- BNS

354- 74

354A- 75

354B- 76

354C- 77

354D- 78

509- 79

चोरी संबंधी अपराध

IPC-BNS

379- 303(2)

411- 317(2)

457- 331(4)

380- 305

लूट संबंधी अपराध

IPS-BNS

392- 309(4)

393- 309(5)

394- 309(6)

हत्या-आत्महत्या संबंधी अपराध

IPC-BNS

302- 103(1)

304(B)- 80(2)

306- 108

307- 109

304- 105

308- 110

धोखाधड़ी संबंधी अपराध

IPS-BNS

419- 319(2)

420- 318(4)

466- 337

467- 338

468- 336(3)

471- 340(2)

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