Bhilai nagar nigam ने यहां मस्जिद के नाम से किए गए अवैध कब्जे को तोड़ दिया गया। निगम की टीम ने एक मजार, दुकानें, वैवाहिक भवन, 40 फीट ऊंचे गेट सहित आसपास के कब्जा जमींदोज कर दिया है।
भिलाई. भिलाई नगर निगम Bhilai nagar nigam की टीम ने अतिक्रमण के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए सोमवार को मदर टेरेसा नगर कार्यालय के बगल में कर्बला मैदान परिसर जीई रोड वार्ड 30 में अवैध निर्माण पर जेसीबी चलाया। यहां मस्जिद के नाम से किए गए अवैध कब्जे को तोड़ दिया गया। निगम की टीम ने एक मजार, दुकानें, वैवाहिक भवन, 40 फीट ऊंचे गेट सहित आसपास के कब्जा जमींदोज कर दिया है। इसमें मछली पालन और दुकान से लगे कई लोगों के घर भी टूटे हैं।
Bhilai nagar nigam ने की कार्रवाई
Bhilai nagar nigam के अधिकारियों ने बताया कि यहां पर धार्मिक उपयोग के अतिरिक्त गैर धार्मिक उपयोग करने के लिए अवैध रूप से अतिक्रमण करके दुकानों का निर्माण कर लिया गया था। जिसे निगम की टीम ने तड़के सुबह 5 बजे पहुंचकर जमींदोज कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, 100 से ज्यादा जवान और कई थानों की फोर्स के साथ निगम का अमला यहां पहुंचा था। प्रशासन की टीम ने मस्जिद और एक मजार को छोड़कर सारे अतिक्रमण को तोड़ दिया है। कब्जा खाली कराने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था। फिलहाल मलबा हटाने का काम चल रहा है।
मौलवी का कमरा और रहने की जगह छोड़ी
Bhilai nagar nigam अफसरों ने कहा कि जो भी गैर धार्मिक कब्जा है सब तोड़ा जाएगा। इससे पहले इन्हें नोटिस दिया गया था, लेकिन इन्होंने नहीं हटाया, इसलिए कार्रवाई की जा रही है। वहीं करबला कमेटी ने इसका विरोध किया है और कब्जे को सही बताया है। मस्जिद परिसर के अंदर एक मौलवी के लिए कमरा और एक जगह कुछ लोगों को रहने के लिए छोड़ी गई है। लोगों का आरोप है कि उन्हें निगम ने कोई नोटिस नहीं दिया और अचानक ही उनका मकान तोड़ दिया गया। इसको लेकर निगम और लोगों के बीच में काफी देर तक बहस भी हुई।
ढाई एकड़ पर किया था कब्जा
अफसरों के मुताबिक, 1984 में साडा (स्पेशल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने रायपुर-भिलाई मार्ग (जीई रोड) के किनारे करबला समिति को मस्जिद निर्माण के लिए 500-800 वर्ग फीट जमीन दी थी। आरोप है कि ढाई एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा वहां दुकानें, मजार, शादीघर और बड़ा गेट बना दिया गया था।
यह भी पढ़ें : Former minister Mohammad Akbar पर FIR, हेड मास्टर ने सुसाइड नोट में लिखा मेरी मौत के लिए यही जिम्मेदार
करबला कमेटी के सचिव गुलाब नबी ने अतिक्रमण की कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि, 1957 से मुस्लिम समाज का यहां कब्जा है। कोर्ट ने भी इसे माना है। साडा ने हमें लिखकर 72 डेसिमल दिया था। हम यहां 25 सालों से बच्चों की शादी करते आ रहे हैं। दुकान और स्वागत द्वार क्या गलत है। निगम के बगल में बनाया, तब क्यों नहीं रोका गया। हमारा इमामबाड़ा तोड़ दिया, वो हमें दी गई जमीन पर ही था।