0 80 साल पहले एक पेड़ के नीचे दिखाई दी थी बजरंग बली की प्रतिमा, अब बन चुका है भव्य मंदिर, हर मंगलवार व शनिवार को लगती है श्रद्धालुओं की भीड़
अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में हनुमान जी की चमत्कारिक मूर्ति है। इस मूर्ति का आकार अपने आप बढ़ता ही जा रहा है। 80 साल पहले एक पेड़ के नीचे हनुमान जी की 1 फीट की मूर्ति देखी गई थी। तब से इसकी पूजा की जा रही है। धीरे-धीरे लोगों ने यहां भव्य मंदिर बना दिया। पेड़ सूख गया, अब हनुमान जी की प्रतिमा की ऊंचाई साढ़े 3 फीट से भी अधिक की हो चुकी है। इसे लोग चमत्कार ही मान रहे हैं। इसकी चर्चा दूर-दूर तक है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई मन्नत एक साल के भीतर पूरी हो जाती है।
सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड अंतर्गत लमगांव के चोरकीडीह में हनुमान जी की 80 साल पुरानी प्रतिमा है। पूर्व के पुजारी ने इस मंदिर की स्थापना की थी।
यह स्थल अंबिकापुर से 19 किलोमीटर दूर अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाइवे पर स्थित है। हाइवे से बायीं ओर करीब 2 किमी दूर जाने पर भव्य हनुमान जी का मंदिर दिखाई देता है।
हर मंगलवार व शनिवार को यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। कोई यहां नारियल चढ़ाता है तो कोई मिठाई, तेल या सिंदूर चढ़ाकर मन्नत मांगता है। मंदिर के पुजारी रमाकांत तिवारी का कहना है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई मन्नत 1 साल के भीतर पूरी हो जाती है।
21 साल से चौबीसों घंटे रामचरित मानस पाठ
हनुमान मुदिर के द्वार पर पिछले 21 साल से चौबीसों घंटे सस्वर रामचरित मानस का पाठ चल रहा है। वहीं इतने ही वर्षों से अखंड ज्योत भी जल रही है।
मंदिर के मुख्य द्वार से घुसने के बाद बायीं ओर बगीचा स्थित है, इसमें लोग भंडारा या अन्य धार्मिक आयोजन करते हैं। हनुमान जी के मंदिर के ठीक सामने राम जानकी दरबार है। राम-जानकी दरबार के भीतर राम जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक के चित्र आकर्षक दीवारों पर उकेरे गए हैं।