Friday, September 20, 2024

शराब नीति घोटाला.. सीएम केजरीवाल आरोपी नंबर 37, ईडी ने दाखिल की 232 पेज की चार्जशीट

इसमें आप भी आरोपी है, ईडी के अनुसार शराब कारोबारियों से सांठगांठ के जरिए शराब नीति को उनके पक्ष में बनवाकर पार्टी के नेताओं को फायदा पहुंचाना था

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की परेशानी और बढ़ गई है। आम आदमी पार्टी को भी दिल्ली के आबकारी घोटाले में आरोपी बनाया गया है। मामले में ईडी ने 38 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने की प्रक्रिया पूरी कर दी है। 232 पेज की चार्जशीट में ईडी ने सीएम केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

ईडी के अनुसार शराब कारोबारियों से सांठगांठ के जरिए शराब नीति को उनके पक्ष में बनवाकर पार्टी के नेताओं को फायदा पहुंचाना था। चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल को आरोपी नंबर 37 बनाया है उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) आरोपी नंबर 38 हैं।

232 पेज की चार्जशीट के अनुसार इस घोटाले में मिडिएटर विजय नायर का काम था कि वह शराब कारोबारियों से सांठगांठ कर पॉलिसी को उनके पक्ष में बनवाए जिससे आप नेताओं के लिए रिश्वत लेने में आसानी हो। ईडी की पूछताछ में 17 नवंबर 2022 को दिए बयान में नायर ने बताया कि वो मार्च 2021 से नई शराब नीति को लेकर शराब कारोबारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे थे।

यहां एक बात आश्चर्य की है कि नायर दिल्ली सरकार के आधिकारिक या राजनीतिक पद पर भी नहीं था। उसकी विज्ञापन कंपनी का काम दिल्ली सरकार के लिए पीआर करना था। जो आप में उसके रसूख और पार्टी नेताओं के साथ गहरी साठगांठ को दर्शाता है। 18 नवंबर को ईडी के सामने नायर ने स्वीकार किया कि वह सीएम आवास के पास सरकारी बंगले में रहता है। यह बंगला दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत को अलॉट हुआ था। वहीं ये बात भी सामने आई कि नायर सीएम के कैंप ऑफिस से ऑपरेट करता है।

ये था नई शराब नीति बनाने का उद्देश्य
ईडी की चार्जशीट के अनुसार, नई आबकारी नीति बनाने के पीछे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आप के अन्य नेताओं का उद्देश्य था कि रिश्वत के बदले साउथ लॉबी को फायदा पहुंचाया जाए। जांच के आधार पर चार्जशीट में विजय नायर की भूमिका का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि पार्टी में किसी भी पद पर विजय नायर नहीं था, लेकिन वो सिर्फ नेताओं के मिडिलमैन, लाइजनर या फिर ब्रोकर के तौर पर थे।

केजरीवाल ने नायर को लेकर बोला झूठ
यहां एक बात पकड़ में आई कि केजरीवाल ने ईडी को झूठ बोला। उनके पीए अक्षय मल्होत्रा ने इसी साल 1 अप्रैल को बताया था कि नायर आप के मीडिया एवं कम्यूनिकेशन के हेड थे। बावजूद इसके नायर कभी भी किसी विधायक से नहीं मिले, उनकी रिपोर्टिंग सीधे केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आतिशी को थी। खास बात यह है कि केजरीवाल ने नायर की रिपोर्टिंग उनके पास होने से साफ इंकार किया था। इधर दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने बयान में दर्ज किया था कि मैंने अपना सरकारी बंगला नायर को रहने के लिए नहीं दिया था, मैंने यह बंगला आशीष मल्होत्रा को दिया था क्योंकि वह सीएम आवास का खास सदस्य था।

शराब कारोबारी समीर ने खोला राज
ईडी के अनुसार 2 साल पहले 2022 में जांच एजेंसी ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से जेल में बयान दर्ज किया था। समीर ने बताया था कि विजय नायर ने ही फेसटाइम के जरिये उसकी बात केजरीवाल से करवाई थी, जिसमें उन्होंने बोला था कि नायर अपना लड़का है, तुम इस पर भरोसा कर सकते हो। नायर ने मुझसे कहा था कि नई शराब नीति के पीछे दिमाग केजरीवाल का ही है।

..इस सवाल का जवाब नहीं दे सके नायर और केजरीवाल
बगैर किसी पद के नायर पॉलिसी ड्राफ्ट होने से पहले ही साउथ लॉबी के शराब कारोबारी, बीआरएस नेता के कविता, बुच्ची बाबू और सुरेश मेनन के साथ लगातार बैठक कर रहा था। पूछताछ के दौरान जब नायर और केजरीवाल से पूछा गया कि नायर किस हैसियत से इनके साथ बैठकें कर रहा था तो दोनों कोई जवाब नहीं दे सके।

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