Lifetime imprisonment: 2 साल पूर्व रास्ता रोक कर की गई युवक की हत्या के मामले में स्पेशल कोर्ट ने दोषियों को सुनाई सजा
कोरबा। Lifetime imprisonment: हत्या के लगभग दो साल पुराने मामले में कोरबा की स्पेशल कोर्ट ने 14 दोषियों को उम्रकैद (Lifetime imprisonment) की सजा सुनाई है। सभी पर युवक का रास्ता रोककर बलवा, मारपीट और हत्या का आरोप था। लगभग 2 साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद अभियोजन पक्ष आरोपियों को कोर्ट में दोषी साबित करने में कामयाब हुआ।
कोरबा जिले के सीतामणी के गोकुलगंज में रहने वाले रिंकू यादव का परिवार पशु पालन से जुड़ा हुआ है। परिवार दूध बेचने का काम करता है। घर में रिंकू के 5 भाई और एक बहन हैं। 25 अगस्त 2022 की रात लगभग 9.30 बजे रिंकू अपने गोठान की साफ-सफाई कर रहा था।
इसी बीच बाहर से उसे शोरगुल सुनाई दी। रिंकू बाहर निकला तो उसने देखा कि पिंटू, राहुल, उदेश सहित बड़ी संख्या में घर के बाहर खड़े कुछ युवक गाली-गलौज कर रहे थे और रिंकू के भाई नीतेश के साथ मारपीट (Lifetime imprisonment) कर रहे थे। बीच-बचाव करते हुए रिंकू अपने भाई नीतेश को घर ले गया।
वह घर में घटना को लेकर अपने भाई से कारण पूछ रहा था। इसी बीच रिंकू का एक और भाई कृष्णा यादव जो बुधवारी बाजार में काम करता था, वह अपने घर गोकुलगंज लौटा था। इसी बीच युवकों ने कृष्णा को घर के बाहर पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट की। उसे इतना पीटा कि वह बेहोश हो गया।
घर के बाहर हो रही आवाज को सुनकर परिवार के सदस्य फिर बाहर निकले तो कृष्णा को गंभीर स्थिति में देखा। घर के बाहर युवकों की भीड़ इतनी थी कि वे कृष्णा के घर पत्थरबाजी (Lifetime imprisonment) भी कर रहे थे और कृष्णा के घर घुसकर तोड़फोड़ भी की। घटना में कृष्णा का भाई रिंकू भी घायल हो गया था। इलाज के दौरान कृष्णा यादव की मौत हो गई थी।
17 लोगों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने रास्ता रोककर बलवा, मारपीट और हत्या का (Lifetime imprisonment) केस दर्ज किया था। इस मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें कुछ नाबालिग आरोपी भी शामिल थे।
मामले की सुनवाई कोरबा के फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी। न्यायाधीश ज्योति अग्रवाल की अदालत ने इस हत्याकांड से जुड़े मामले में 16 आरोपियों को दोषी माना। मंगलवार को इन्हें सजा सुनाई गई।
Lifetime imprisonment: ये हैं 14 आरोपी
स्पेशल कोर्ट ने जिन 14 लोगों को रास्ता रोककर मारपीट और हत्या का दोषी ठहराया है, उनमें राकेश गोंड़, भुनेश्वर शाह, संदीप यादव, उपदेश शाह, राहुल बेलदार, अनिकेत सिंह, राजेंद्र गोंड़, संजू यादव, शरद बरई, शनि यादव, जयराम सोनी, गौतम गोंड़, ओम और पिंटू गोंड़ शामिल हैं।
कोर्ट का फैसला आते ही पुलिस ने दोषियों को कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया है। यहां से सजा भुगतने के लिए उन्हें आने वाले समय में सेंट्रल जेल भेजा जाएगा।
सबूत जुटाने के लिए पुलिस ने झोंक दी थी ताकत
इस घटना से तत्कालीन समय में कोतवाली थाना क्षेत्र के गोकुलगंज में कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो गई थी। पुलिस ने काफी गंभीरता से मामले की जांच किया और मामले में शामिल सभी (Lifetime imprisonment) आरोपियों को एक-एक कर गिरफ्तार किया।
आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को कई दिन लग गए। तब से इस मामले की सुनवाई कोरबा के फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी।
आरोपियों को कोर्ट में दोषी साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष की ओर से संबंधित क्षेत्र के तत्कालीन थानेदार सहित थाने में मौजूद कई स्टॉफ की गवाही कोर्ट में कराई गई।
पीड़ित पक्ष ने भी आरोपियों की पहचान की। इससे दोषियों को सजा दिलाने में अभियोजन पक्ष को सफलता मिली।