रायपुर . दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में बीते शनिवार को बड़ा हादसा हुआ। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की कोचिंग के बेसमेंट में पानी भर जाने से मौत हो गई। यह मामला देशभर में सुर्खियों में है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में सुनवाई कर रहा है। इसी बीच ुदुर्ग जिला प्रशासन भी एजुकेशन हब भिलाई-दुर्ग के कोचिंग संस्थानों में चल रही कक्षाओं का जायजा लेने में जुट गया है। भिलाई में ही करीब सौ से ज्यादा कोचिंग सेंटर्स है, जो छोटी-छोटी जगहों में बच्चों को ठुंसकर पढ़ाई करा रहे हैं।
दिल्ली जैसा हादसा भिलाई में भी न हो जाए इसके लिए कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग संस्थानों के निरीक्षण के लिए जिला स्तरीय टीम गठित कर दी है। जिले में संचालित सभी कोचिंग सेंटरों के निरीक्षण करने को कहा गया है। टीम को बेसमेंट से लेकर कक्षाओं और उनमें बैठक व्यवस्था व आपात निकासी के इंतजाम भी देखने को कहा है।
जिला स्तरीय निरीक्षण टीम में अपर कलेक्टर अरविंद एक्का, नगर पालिक निगम भिलाई के आयुक्त देवेश धु्रव, नगर पालिक निगम रिसाली के आयुक्त मोनिका वर्मा, संयुक्त कलेक्टर मुकेश रावटे, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास हेमंत कुमार सिन्हा, जिला सेनानी नगर सेना नागेन्द्र कुमार सिंह एवं सभी थाना प्रभारी शामिल है।
उक्त निरीक्षण टीम ने गुरुवार को जिला मुख्यालय के अंतर्गत संचालित कोचिंग सेंटर आईआई टायन गुरू, वेदांतु लर्निंग सेंटर, एनईई एंड जेईई, मोशन, कोटा स्टडी सर्कल, सिविक सेंटर भिलाई एवं रिसाली स्थित बायजूस, पारख सुपर मार्केट और नेहरू नगर दुर्ग स्थिति फिजिक्स वाला कोचिंग सेंटर का आकस्मिक निरीक्षण किया।
संचालित कोचिंग सेंटरो में अनुज्ञा प्राप्त भवन, मानक के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था, फायर सेफ्टि, कोचिंग सेंटर में प्रवेश एवं निकासी, आपात व्यवस्था, लायब्रेरी, सेंटरों में स्वच्छता एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं के संबंध में जांच किया गया। जिन कोचिंग सेंटरों में उक्त सुविधा/व्यवस्था की कमी पाई गई, उन संस्थाओं को इसे तुरंत दुरुस्त करने के लिए कहा गया। टीम ने कोचिंग सेंटरों में कोचिंग प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के सुविधा को ध्यान में रखकर किसी भी प्रकार की दुर्घटना एवं आपदा की स्थिति में सुरक्षात्मक उपाय करने के संबंध में कोचिंग संचालकों से जानकारी ली।