0 आईपीएस हिमांशु गुप्ता का इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वर्ष 1991 में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स’ विषय पर रिसर्च पेपर भी हुआ था प्रकाशित
Khabar Navis Desk। सरगुजा के पूर्व आईजी व वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में महानिदेशक के पद पर पदस्थ आईपीएस हिमांशु गुप्ता ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के भविष्य की 33 साल पहले ही परिकल्पना की थी। वर्ष 1991 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान हिमांशु गुप्ता द्वारा वर्ष 1991 में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं रोबोटिक्स’ विषय पर रिसर्च पेपर भी प्रकाशित किया गया था। इसमें उन्होंने आम जिंदगी तथा औद्योगिक क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा रोबोट्स के उपयोग, भविष्य तथा खतरों को रेखांकित किया गया था।
आज से 33 वर्ष पूर्व जब एआई को अधिकांश लोग जानते भी नहीं थे, उस समय हिमांशु गुप्ता द्वारा रिसर्च पेपर के माध्यम से बताया गया था कि एआई के विकास के साथ-साथ उसका दुरुपयोग भी बढ़ेगा। आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति अपराध घटित करने में उसका उपयोग भी करेंगे।
ऐसे में एआई के विकास के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एआई का दुरुपयोग न हो। उनका यह भी मानना है कि 33 वर्ष पूर्व एआई के जिस मॉडल की परिकल्पना की गई थी, वर्ष 2024 तक उसका 10 प्रतिशत ही विकास हुआ है। एआई के क्षेत्र में अभी भी 90 प्रतिशत विकास बाकी है।
आईपीएस हिमांशु गुप्ता की ये हैं अन्य उपलब्धियां
आईपीएस हिमांशु गुप्ता 1994 बैच के आईपीएस हैं। वे वर्ष 2016 से 2018 तक सरगुजा संभाग के आईजी रह चुके हैं। वर्तमान में वे पुलिस मुख्यालय में महानिदेशक के पद पर पदस्थ हैं तथा प्रशासन शाखा का कार्य देख रहे हैं।
सरगुजा में आईपीएस हिमांशु गुप्ता को मृदुभाषिता, कार्य कुशलता, मिलनसार व्यवहार तथा आज जनता और पुलिसकर्मियों के लिए कल्याणकारी कार्यों के लिए याद किया जाता है।
सरगुजा व दुर्ग में आईजी के रूप में रहते हुए उन्होंने ‘आग्रह कक्ष’ की स्थापना की थी, इसमें हर मंगलवार को आम जनता व पुलिसकर्मी उनसे सीधा या वीडियो कॉल के माध्यम से संवाद कर अपनी समस्याओं का निराकरण कराते थे। ये सफल पुलिस अधिकारी के साथ-साथ टेक्नोक्रेट भी हैं तथा टेक्नोलॉजी का पुलिसिंग में इनोवेटिव रूप से उपयोग करते हैं।
इन पदों पर रह चुके हैं पदस्थ
आईपीएस हिमांशु गुप्ता दंतेवाड़ा, बस्तर, धमतरी, जांजगीर-चांपा एवं कोरबा जिले में एसपी तथा सरगुजा, बस्तर तथा दुर्ग रेंज के आईजी रह चुके हैं। साथ ही एडीजी इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी काम किया है।
वे छत्तीसगढ़ के एकमात्र आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने सीईओ जिला पंचायत, आयुक्त तकनीकी शिक्षा, रोजगार तथा कौशल उन्नयन, सीईओ छत्तीसगढ़ स्किल डेव्हलपमेंट अथॉरिटी तथा सीईओ लाइव्लीहुड कॉलेज प्रोजेक्ट के रूप में सफलतापूर्वक कार्य किया है।
सीईओ छत्तीसगढ़ लाइव्लीहुड कॉलेज प्रोजेक्ट की पदस्थापना के दौरान 9 मई 2015 को पीएम नरेंद्र मोदी लाइव्लीहुड कॉलेज दंतेवाड़ा में आगमन हुआ था। इस दौरान करीब 10 मिनट तक हिमांशु गुप्ता ने पीएम मोदी के सामने लाइव्लीहुड कॉलेज की ब्रीफिंग की थी।