IPS GP Singh दलीलों को स्वीकारते हुए यह माना कि उन्हें परेशान करने के उद्देश्य से उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए थे। सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को खारिज कर दिया।
बिलासपुर। IPS GP Singh छत्तीसगढ़ में तैनात आईपीएस जीपी सिंह को बिलासपुर हाईकोर्ट ने बुधवार को बड़ी राहत दे दी है। दरअसल, कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह, ब्लैकमेलिंग और आय से अधिक संपत्ति जैसे गंभीर मामलों को खारिज कर दिया है।
लंबे समय से राजद्रोह, ब्लैकमेलिंग और आय से अधिक संपत्ति जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को बुधवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। IPS GP Singh दरअसल, हाईकोर्ट ने सिंह के खिलाफ दर्ज तीनों मामलों की एफआईआर को रद्द कर दिया है। इस मामले में कोर्ट का यह निर्णय चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की बेंच ने सुनाया।
यह भी पढ़ें : Bilaspur crime: खूबसूरत सी दिखनी वाली इस महिला ने जानते है क्या किया, पुलिस ने क्यों किया अरेस्ट?
IPS GP Singh ने दी थी राजनीतिक षड्यंत्र की दलील
IPS GP Singh का कहना है कि तत्कालीन सरकार ने उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत झूठे मामलों में फंसाया, जबकि उनके खिलाफ किसी भी आरोप का ठोस साक्ष्य नहीं है। कोर्ट ने उनकी दलीलों को स्वीकारते हुए यह माना कि उन्हें परेशान करने के उद्देश्य से उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए थे। सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को खारिज कर दिया।
जानिए क्या है पूरा मामला
एक जुलाई 2021 की सुबह, एसीबी (ACB) और ईओडब्ल्यू (EOW) की टीमों ने जीपी सिंह और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की थी। इस कार्रवाई के दौरान करीब 10 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था। छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद होने का दावा किया गया था, जिसके आधार पर रायपुर पुलिस ने IPS GP Singh के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था।
यह भी पढ़ें : CG By Election: कांग्रेस प्रत्याशी की पत्नी बोलीं- 34 वर्षीय युवा नेता के खिलाफ सीएम को गली-गली मांगना पड़ा वोट
ब्लैकमेलिंग और धमकाने का भी था आरोप
इसके अलावा, 2015 में दुर्ग निवासी कमल सेन और बिल्डर सिंघानिया के बीच हुए विवाद के मामले में IPS GP Singh पर 20 लाख रुपये की वसूली का भी आरोप लगाया गया था। इस घटना में भी उनके खिलाफ धमकाने का मामला दर्ज हुआ था। बाद में जीपी सिंह को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।