Infant changed जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। 23 जनवरी को पैदा हुए दो नवजात शिशु आपस में बदल गए। दोनों ही नवजात लड़के हैं। परिवार को इस अदला-बदली की जानकारी 8 दिन बाद तब पता चली।
दुर्ग। Infant changed जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। 23 जनवरी को पैदा हुए दो नवजात शिशु आपस में बदल गए। दोनों ही नवजात लड़के हैं। परिवार को इस अदला-बदली की जानकारी 8 दिन बाद तब पता चली। डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने ऑपरेशन के बाद खींची गई तस्वीरें देखीं। इसके बाद परिजनों के होश उड़ गए। एक परिवार ने दूसरे परिवार से संपर्क किया और यह बात बताई। Infant changed लेकिन दूसरे परिवार ने बच्चा बदलने से यह कहते हुए मना कर दिया कि अब 8 दिनों में बच्चे से लगाव हो गया है।
Infant changed ये है मामला
23 जनवरी को शबाना कुरैशी (पति अल्ताफ कुरैशी) और साधना सिंह ने दोपहर क्रमशः 1:25 बजे और 1:32 बजे बेटों को जन्म दिया। Infant changed अस्पताल में नवजात शिशुओं की पहचान के लिए जन्म के तुरंत बाद उनके हाथ में मां के नाम का टैग पहनाया जाता है, जिससे किसी तरह की अदला-बदली न हो। Infant changed इसी प्रक्रिया के तहत दोनों नवजातों की जन्म के बाद अपनी-अपनी माताओं के साथ तस्वीरें भी खींची गईं।
इस गलती का खुलासा 8 दिनों के बाद तब हुआ जब शबाना कुरैशी के परिवार ने ऑपरेशन के तुरंत बाद ली गई तस्वीरों को देखा। Infant changed तब परिवार ने ध्यान दिया कि उनके असली बच्चे के चेहरे पर तिल (काला निशान) नहीं था, जबकि जो बच्चा इस समय उनके पास है ,उसके चेहरे पर तिल है।
अस्पताल प्रशासन में मची अफरा-तफरी
यह जानकारी मिलते ही शबाना कुरैशी के परिवार में हड़कंप मच गया। उन्होंने तुरंत जिला अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी दी, जिससे अस्पताल में भी अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल प्रशासन ने मामले की Infant changed गंभीरता को देखते हुए साधना सिंह और उनके परिवार को अस्पताल बुलाया.दोनों परिवारों और डॉक्टरों के बीच चर्चा हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया। मामले में पुलिस ने भी अपना हाथ खींच लिया।