Friday, September 20, 2024

प्रदेश के ऐसे गांव जहां न सडक़े, न अस्पताल, न ही बिजली…, उनमें ड्रोन के जरिए स्वास्थ्य सेवा और दवाइयां पहुुंचाएगा IIT BHILAI

भिलाई . छत्तीसगढ़ में हेल्थकेयर इनोवेशन पर दूसरी गोलमेज चर्चा का आयोजन मंगलवार को आईआईटी भिलाई में किया गया। आईआईटी भिलाई इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन (आईबीआईटीएफ) ने यह कार्यक्रम कराया।आयोजन में एम्स रायपुर, आईआईएम रायपुर और एनआईटी रायपुर का पूर्ण सहयोग रहा। इसमें स्टैनफोर्ड बायोडिजाइन द्वारा सुविधा प्रदान की गई। इस सत्र का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा की वर्तमान स्थिति, सरकारी नीतियों के प्रभाव, स्वास्थ्य सेवा के आधारभूत संरचना, तकनीकी प्रगति, सामुदायिक भागीदारी और छत्तीसगढ़ के लिए वित्तीय सहायता संबंधी रणनीतियों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करना था। आईआईटी भिलाई इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन के सीईओ प्रशांत माथुर के संबोधन के साथ हुई, जिसमें इस आयोजन के उद्देश्यों और महत्व पर प्रकाश डाला गया।

छोटे कंटेनर पहुंचाने उपयोग

इस कार्यक्रम मेंं आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश का पूर्ण सहयोग रहा। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों में छोटे दवा कंटेनरों को पहुंचाने के लिए ड्रोन टैक्सी तकनीक में प्रगति के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा ऐप तकनीकों के विकास पर जोर दिया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध संस्थानों अस्पतालों और विभिन्न उद्योगों के व्यक्ति उपस्थित थे और विचार-मंथन सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और उनके निराकरण के लिए संभावित समाधानों की खोज की।

ड्रोन टेक्नोलॉजी से दवा वितरण

तकनीकी प्रगति पर प्रकाश डालते हुए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज द्वारा दवा वितरण के लिए ड्रोन के उपयोग के बारे में बताते हुए दूरस्थ स्वास्थ्य सेवा में एक अग्रणी उदाहरण के रूप में उद्धृत किया। उन्होंने अग्रणी संस्थानों से स्वास्थ्य सेवा में नवाचार करने का आग्रह किया। ऐसे प्रयासों के लिए पूर्ण सरकारी सहयोग का आश्वासन दिया और उल्लेख किया कि राज्य सरकार सक्रिय रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ा रही है। इस पहल में रायपुर और बिलासपुर में 700 बेड के अस्पतालों के साथ-साथ बस्तर और सरगुजा में सुपर-स्पेशिलिटी अस्पतालों के निर्माण की योजना शामिल है।

एम्स रायपुर करेगा सहयोग

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेन्द्र तिवारी ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों पर प्रकाश डाला। समान स्वास्थ्य सेवा पहुंच सुनिश्चित करने और व्यापक आधारभूत संरचनाओ और कौशल विकास उन्नयन का समर्थन करने के लिए तकनीकों को उन्नत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एम्स रायपुर के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विशेष रूप से अनूठी चुनौतियों वाले स्वास्थ्य सेवा वितरण और परिणामों को बदलने में नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ की विविध और दूरदराज में रहने वाली आबादी के लिए अनुरूप स्वास्थ्य सेवा समाधानों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। सेवा में सुधार के लिए उपकरण, प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं जैसे फ्रंटलाइन हेल्थकेयर कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने के महत्व पर जोर दिया। एनआईटी रायपुर के निदेशक प्रोफेसर एनवी रमना राव ने स्वास्थ्य सेवा में सहयोग के महत्व का प्रतिध्वनित किया। आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो. राम कुमार काकानी ने 18 अप्रैल में आईआईएम रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ में हेल्थकेयर इनोवेशन पर पहली गोलमेज चर्चा के सारांश को संक्षेप में बताया।

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