0 होली के दिन निर्माण हो रहे शुभ योग में पूजा-पाठ करना शास्त्रों में बताया गया है श्रेष्ठ समय
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हर वर्ष होली का त्योहार धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी रंग-गुलाल से सराबोर होते हैं। हिंदू धर्म में सभी व्रत, त्योहार की तिथि व पूजन मुहुर्त वैदिक पंचांग के अनुसार ही होते हैं। इस बार की होली में 4 अत्यंत ही शुभ योग बन रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार इस योग में पूजा-पाठ करना अत्यंत ही श्रेष्ठ माना गया है। आइए हम आपको बताते हैं कि इस बार कब होलिका दहन होगा, कब होली मनाई जाएगी और पूजन का श्रेष्ठ मुहुर्त कब होगा….
होली 2024 की ये है तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार की होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को 24 मार्च सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर शुरु होगी। इस तिथि का समापन 25 मार्च की दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा।
चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि को महत्व दिया जाता है, इसलिए होली का त्योहार 25 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा। यानि 24 मार्च को होलिका का दहन किया जाएगा।
पूजन के बन रहे ये 4 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार होली दिन 4 बेहद शुभ योग बन रहे हैं। रात 9 बजकर 29 मिनट तक वृद्धि योग रहेगा, इसके बाद धु्रव योग शुरु हो जाएगा। इसी दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र 10 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके बाद हस्त नक्षत्र शुरु हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन सभी योग में पूजा-पाठ करनो का समय श्रेष्ठ है।
होलिका दहन का ये है इतिहास
पौराणिक धर्म ग्रंथो में होली पर्व का उल्लेख किया गया है। इसके इतिहास की बात करें तो मान्यता यह है कि पर्व की शुरुआत भक्त प्रहलाद और होलिका की कथा से हुई थी। इसके बाद से ही होलिका दहन शुरु हुआ था। मान्यता है कि होलिका की अग्रि को साक्षी मानकर जो भी अपनी बुरी आदतों का त्याग करता है, उसपर भगवान प्रसन्न होते हैं। इसका फल भी उसे प्राप्त होता है।