High Court News: कोविड-19 काल में कोरोना योद्धा के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों ने शासन से की थी मांग, 6 माह तक सेवा देने के बाद अस्थायी कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने का कई स्तर पर हुआ था विरोध
बिलासपुर। High Court News: कोरोना योद्धाओं के लिए हाईकोर्ट (High Court News) से खुशखबरी आई है। हाईकोर्ट ने कोरोना काल में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में 6 माह तक सेवा देने वाले कर्मियों को सरकारी भर्तियों में 10 अंक बोनस देने के आदेश दिए हैं। इनमें ऐसे कर्मी भी शामिल हैं, जिन्होंने किसी संस्था में भी कार्य किया था। हालांकि राज्य शासन ने 3 साल पहले इस संबंध में घोषणा कर कहा था कि अस्थायी कर्मियों को लाभ दिया जाएगा, लेकिन अब तक उक्त लाभ से उन्हें वंचित रखा गया था।
गौरतलब है कि कोविड-19 काल में कोरोना योद्धा के रूप में सेवा देने वाले अस्थायी कर्मियों को सेवा से निकाल लिया गया था। ऐसे में कर्मियों ने उन्हें सेवा में रखने की गुहार लगाई थी। क्रांतिकारी कोरोना योद्धा संघ की अगुवाई में राजधानी रायपुर में भी कई दिनों तक प्रदर्शन किया गया था।
कोरोना काल में सेवा देने वाले कर्मी सेवा वृद्धि की मांग कर रहे थे। लेकिन सुनवाई नहीं हुई थी। फिर उन्होंने तात्कालीन स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात कर अपनी बात रखी थी।
बनाई गई थी समिति
तात्कालीन स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात के बाद इनकी मांगों पर विचार के लिए एक समिति बनाने पर सहमति बनी थी। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला की अध्यक्षता में बनी समिति में अस्थाई स्वास्थ्य कर्मियों के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए थे। प्रतिनिधिमंत्री ने शासन के समक्ष अपनी मांगे रखी थीं।
शासन से की थी ये मांग
कोरोना योद्धा के रूप में सेवा दे चुके धमतरी जिले के नवागांव निवासी आवेदक चन्द्रकांत साहू ने कोविड -19 के दौरान अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेलरगांव द्वारा संयुक्त रूप से संचालित कोविड-19 कार्यक्रम में काम लिया था।
6 माह की सेवा पूरी करने के बाद ऐसे कर्मचारियों ने आगे सर्विस जारी रखने की मांग राज्य शासन से की थी। इस पर राज्य शासन ने 7 दिसंबर 2021 को आदेश जारी किया था कि कोविड काल मे जिन कार्यकर्ताओं ने 6 माह की कार्य अवधि पूरी की है, उन्हें ही इसका लाभ दिया जाएगा।