Good News: वित्त विधेयक (2) पर लोकसभा में हुई चर्चा, वित्त मंत्री ने बताया कि एचयूएफ एकाउंट वालों को भी होगा लाभ
जमीन-जायदाद पर लगने वाले लॉंन्ग टर्म केपिटल गेन के लिए संशोधित प्रस्ताव, टैक्स पेयर को मिलेगी राहत
नई दिल्ली। संसद में बुधवार को वित्त विधेयक 2024 (2) पर चर्चा हुई। वित्त मंत्री ने बताया कि इस बजट से मध्यम वर्ग को खासी राहत मिलेगी। जमीन, जायदाद पर लॉंन्ग टर्म केपिटल गेन (दीर्घकालिक पूंजीगत लाभकर) के लिए लाए गए संशोधित प्रस्ताव से करदाताओं पर कर भार नहीं बढ़ेगा। यदि किसी ने 23 जुलाई 2024 से पहले भूमि या भवन खरीदा है तो दोनों के हस्तांतरण पर बिना इंडेक्सेशन (मुद्रा स्फीति समायोजन) के लॉंन्ग टर्म केपिटल गेन की नई 12.5 प्रतिशत या 20 प्रतिशत की पुरानी दर में से जिसमें टैक्स कम होगा, वह लागू होगी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी कहा कि लॉंन्ग टर्म केपिटल गेन (भूमि और भवन या दोनों) की बिक्री/हस्तांतरण में पूंजीगत लाभ पर व्यक्तिगत और एचयूएफ (अविभाजित हिंदू परिवार) एकाउंट के लिये राहत का प्रस्ताव किया गया है। इस बजट में मध्यम वर्ग को कर राहत दी गई है। सैलेरी एवं वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती 50 हजार से 60 हजार की गई है। इसका लाभ इस वर्ग के लोगों को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कोविड के समय विकसित देशों में भी टैक्स बढ़ाया गया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड खर्च के लिए टैक्स नहीं बढाने के निर्देश दिए थे। इस वजह से सरकार ने 2020 से 2023 के बीच किसी तरह का कोई टैक्स नहीं बढ़ाया।
देश में लगे कर आतंकवाद को हमने पीछे छोड़ा
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 में कर आतंकवाद (टैक्स टैरर) की काफी शिकायतें मिल रही थीं। इसे हमने काफी पीछे छोड़ दिया है। जनता से जबरन पैसा वसूले जाने की शिकायतें सरकार को मिल रही थीं। एमएसमई को, नए कर दाताओं का ज्यादा फायदा हुआ है। इस बार के अंतरिम बजट में 19 लाख कर दाताओं पर कर की मांग हटा दी गई थी ताकि कर विवाद खत्म हो सके।
पिछली सरकार ने लगाया, हमने एंजिल टैक्स हटाया
बजट में एंजिल टैक्स को पूरी तरह से हटा दिया गया है। इसे पिछली सरकार ने साल 2012 में लगाया था। उन्होंने कहा कि विपक्ष शोषण का बजट बताकर इसकी आलोचना कर रहा था जबकि कांग्रेस की सरकार के समय ही यह एंजिल टैक्स लगाया गया था। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि शेयर और प्रतिभूतियों में निवेश पर दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ की छूट की सीमा एक लाख से बढाकर सवा लाख कर दी गई है। इससे भी मध्यम वर्ग को फायदा हुआ है।
आयात कर में दी छूट, दुर्लभ खनिजों के आयात सस्ते
नए टैक्स रूल के अनुसार आयात कर में छूट दी गई है। सरकार की सोच है कि इससे भारत में विनिर्माण सस्ता हो सके। इसके लिए सरकार ने कई कच्चे माल और दुर्लभ खनिजों का आयात भी सस्ता किया है। सोने और चांदी पर आयात शुल्क कम करने से आभूषण उद्योग को फायदा होगा। यह उद्योग बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर देने वाला उद्योग है। जलीय कृषि के काम आने वाले संसाधनों पर भी आयात कर में कटौती की गई है। बजट में घोषणा की गई कि अप्रत्यक्ष कर ढांचे की अगले छह माह में समीक्षा की जाएगी।
पुराने मामलों को खोलने की समय सीमा भी घटाई
वित्त मंत्री सीतारमण बताया कि बजट में कर विवरण के पुराने मामलों को खोलने की अधिकतम अवधि दस साल से घटाकर पांच साल कर दी गई है। कर विवादों पर अपीलीय मंचों में जाने के लिए न्यूनतम राशि की सीमाएं भी ऊंची कर दी गई है। इससे विवादों की संख्या में कमी आएगी।