0 अंधविश्वास के चक्कर में मानसिक संतुलन खो बैठे युवक ने बेटे को मार डाला, 2-3 दिन से कहता फिर रहा था कि वह किसी को काट डालेगा
बलरामपुर। शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में अंधविश्वास के फेर में पड़े युवक ने शनिवार की आधी रात कमरे में मुर्गे की बलि दे दी। इसके बाद उसने हथियार से अपने 4 वर्षीय मासूम बेटे का भी गला रेत दिया। घर के अन्य सदस्यों ने मुर्गे के बगल में पड़े मासूम की गला कटी लाश देखी तो वे स्तब्ध रह गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने रविवार की सुबह आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी का 2-3 दिन से मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ था तथा वह परिवार के किसी सदस्य की बलि देने की बात कर रहा था।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के शंकरगढ़ थाना अंतर्गत ग्राम महुआडीह निवासी कमलेश नगेसिया ने अपने 4 वर्षीय पुत्र अविनाश नगेसिया की गला रेतकर हत्या कर दी। उसके शव के बगल में ही एक मुर्गे की भी उसने बलि दी थी।
परिवार के सदस्यों व गांव वालों का कहना है कि आरोपी अंधविश्वास के चक्कर में पड़ा था। वह 2-3 दिन से अलग तरह की हरकत कर रहा था। वह कहता था कि उसे कान में कुछ-कुछ सुनाई दे रहा है।
वह परिवार के किसी न किसी सदस्य की बलि देगा। इसी बीच शनिवार की देर रात उसने पहले धारदार हथियार से पहले मुर्गे की बलि दी, फिर अपने बेटे का गला रेत दिया।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
घटना की सूचना परिजनों व गांव वालों ने सुबह शंकरगढ़ पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस गांव में पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसने किस वजह से बेटे को मार डाला, इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है।