Fake Drugs Case: आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी विभागीय जांच में मिला दोषी, 6 दिसंबर को किया गया था सस्पेंड
अंबिकापुर। (Fake Drugs Case) सरगुजा में पुलिस की धौंस दिखाना एक आरक्षक को महंगा पड़ गया है। सरगुजा पुलिस को मिली एक शिकायत की जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है। विभाग को शिकायत मिली थी कि आरोपी आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी उर्फ सीनू ने दो लोगों के साथ गाली गलौज की थी। इनमें से एक को उसने झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी थी।
शिकायत के बाद मामले की विभागीय जांच (Fake Drugs Case) शुरु की गई थी। इस दौरान आरक्षक सीनू को सस्पेंड कर लाइन अटैच कर दिया गया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी सरगुजा ने आरोपी आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी उर्फ सीनू को Terminate (सेवा से पृथक) कर दिया है।
समीनुल हसन फिरदौसी उर्फ सीनू सरगुजा पुलिस में आरक्षक क्रमांक 88 के पद पर पदस्थ था। उसके खिलाफ पुलिस महकमे को शिकायत पत्र मिले थे। इनमें से पहला आरोप था कि उसने चोपड़ापारा निवासी सैय्यद आलम के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की थी। इस दौरान उसने पीड़ित को झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी थी।
इसके अलावा सत्तीपारा निवासी आयुष एवं रेशमा परवीन ने विभाग को शिकायत की थी। इसमें दोनों ने आरोप लगाया था कि अपने निजी स्वार्थ के लिए समीनुल हसन फिरदौसी उर्फ सीनू ने गालियां देते हुए धमकी दी थी। इसके अलावा रेहान अहमद नाम के पीड़ित के साथ भी गाली-गलौज किए जाने की शिकायत थी।
विभाग ने उपरोक्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए विभागीय जांच की जिम्मेदारी डीएसपी मानक राम कश्यप से मामले की जांच कराई। डीएसपी ने डीएसपी कश्यप ने सैय्यद आलम, रेहान अहमद, आयुष सिन्हा इत्यादि का बयान दर्ज किया। जांच में पाया गया कि समीनुल हसन फिरदौसी उर्फ सीनू सैय्यद आलम और अजविंदर कौर के मध्य हैस सैलून को लेकर हुए विवाद में गया था।
जबकि इस मामले की थाने में कोई शिकायत नहीं हुई थी। सैय्यद आलम ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि समीनुल हसन फिरदौसी ने उसे ड्रग्स के केस में फंसाने और शहर छोड़ देने की धमकी दी थी। उसने पीड़ित को यह भी कहा था कि वह उसका सैलून उससे छीन लेगा। इन आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद विभागीय जांच कराई गई।
जांच रिपोर्ट के बाद एसपी योगेश कुमार पटेल ने समीनुल हसन फिरदौसी उर्फ सीनू को टर्मिनेट कर दिया है। एसपी ने अपने जारी आदेश में इस बात का भी जिक्र किया है कि अपचारी आरक्षक के निलंबन के 246 दिनों को निलंन अवधि में शुमार किया जाता है।
Fake Drugs Case: असामाजिक कृत्यों से भी जुड़ता रहा है नाम
समीनुल हसन फिरदौसी उर्फ सीनू का नाम लंबे समय से असामाजिक कृत्यों से जुड़े लोगों के साथ जुड़ता रहा है। कुछ महीने पहले सट्टा से जुड़े कुछ लोगों की गिरफ्तारी के बाद भी महकमे में उसके नाम के काफी चर्चे थे। ऐसे भी आरोप थे कि सीनू आरोपियों को संरक्षण देता है। इसके साथ ही शहर में स्पा सेंटर के संचालन को लेकर भी सीनू फिरदौसी का नाम विवादों में रहा है।
शारीरिक दक्षता से बनाई अपनी अलग पहचान
सीनू फिरदौसी ने अपनी शारीरिक दक्षता से शहर में एक अलग पहचान बना रखी थी। शहर के जिम जाने वाले अधिकांश युवा इसे रोल मॉडल के रुप में देखते थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी इसकी अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है।