Friday, September 20, 2024

Engineering Counselling BIG UPDATE अब खुद निरस्त नहीं होगा सीट अलॉटमेंट, या तो कॉलेज से कैंसल कराएं या सुविधा केंद्र जाना होगा

Engineering Counselling BIG UPDATE प्रथम चरण की काउंसलिंग के लिए पंजीयन ७ अगस्त से शुरू हुए। वहीं १४ अगस्त को प्रथम चरण का सीट आवंटन किया गया। इसके बाद विद्यार्थियों को 21 अगस्त तक कॉलेज पहुंचकर एडमिशन पक्के करने थे। जिन छात्रों ने एडमिशन ले लिया, उनका आंकड़ा तकनीकी शिक्षा संचालनालय पहुंच गया। वहीं सैकड़ों छात्र ऐसे भी रहे, जिन्होंने प्रवेश नहीं लिया। अब इन छात्रों को सीट तभी निरस्त होगी, जब वें कॉलेज या सुविधा केंद्र पहुंचकर इसे खुद निरस्त कराएंगे। इस साल प्रथम चरण में बीटेक की 11,116 सीटों पर दाखिले होने है। इसके लिए प्रथम चरण में 5818 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया, वहीं इनमें से 3462 सीटों पर प्रवेश हुए। इसी तरह बीटेक लेटरल एंटी की 5393 सीटों के लिए 647 पंजीयन हुए। इनमें से 472 ने कॉलेजों में दाखिला लिया। इस साल एमबीए की 2070 सीटों पर प्रवेश के लिए 640 ने रजिस्ट्रेशन किया जबकि 340 एडमिशन हुए। इस तरह प्रदेश में तकनीकी कोर्स की 34289 सीटों के लिए कुल 11562 आवेदन आए जिसमें से 4769 ने एडमिशन लिया।

Read more : Minister Helps Accident Victim: घायल को देखकर रूका स्वास्थ्य मंत्री का काफिला, पहुंचाया अस्पताल, हो गई मौत

Engineering Counselling BIG UPDATE पॉलीटेक्निक में रुझान घट गया

इस साल से तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने एमसीए की 640 सीटों के लिए रेलेवेंट ब्रांच का नियम हटा दिया है। यानी बीए, बीकॉम सहित किसी भी ब्रांच या विषय का विद्यार्थी कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर्स कर सकता है। इस बार एमसीए की सीटों के लिए प्रथम चरण में 320 विद्यार्थियों ने पंजीयन किए हैं। जिनका सीट आवंटन कर दिया गया है। Engineering Counselling BIG UPDATE इसके अलावा इस साल पॉलीटेक्निक कॉलेजों में दाखिले का ग्राफ भी कुछ खास नहीं है। एक तरह जहां इंजीनियर बनने प्रदेश के युवाओं ने रुझान दिखाया है तो वहीं पॉलीटेक्निक करने रुझान तेजी से घटा है। शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेजों में भी अधिकांश सीटें इस बार खाली रह गई हैं।

Read more : World Breastfeeding Week: बच्चों को जरूरत के अनुसार मिले पोषण, विश्व स्तनपान सप्ताह में चलाया जागरूकता अभियान

इस साल से अलॉट की गई सीट प्रवेश नहीं लेने पर निरस्त नहीं होगी। छात्रों को संबंधित कॉलेज या सुविधा केंद्र जाकर इसे निरस्त कराना होगा। कई बार बड़ी संख्या में छात्र दूसरी काउंसलिंग में शामिल होने पहले चरण में प्रवेश पूरा नहीं करते। इससे उनका नुकसान तो होता ही है, साथ में कॉलेज और डीटीई को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
संजय सिंघाई, काउंसलिंग प्रभारी, डीटीई

Related articles

spot_img