Durg university पोटियाकला दुर्ग में विश्वविद्यालय को मिली 40.88 एकड़ जमीन पर 5 साल में भी भवन तैयार नहीं हो पाया। इतने वर्षों में पीडब्ल्यूडी ने आज-कल का आश्वासन देते हुए आज तक भी भवन का काम पूरा नहीं किया गया है।
भिलाई . पोटियाकला में Durg university हेमचंद यादव विश्वविद्यालय का स्थाई भवन तैयारकरने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पोटियाकला दुर्ग में विश्वविद्यालय को मिली 40.88 एकड़ जमीन पर 5 साल में भी भवन तैयार नहीं हो पाया। इतने वर्षों में पीडब्ल्यूडी ने आज-कल का आश्वासन देते हुए आज तक भी भवन का काम पूरा नहीं किया गया है। शनिवार को Durg university भवन की स्थिति जानने संभागायुक्त व प्रभारी कुलपति एसएन राठौर के साथ दुर्ग जिला कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी पोटियाकला पहुंची।
Durg university का भवन का काफी काम अधूरा
भवन का जायजा लेने पर पता चला कि अभी भी भवन का काफी काम अधूरा है। संभागायुक्त ने इस लापरवाही पर पीडब्ल्यूडी के अफसरों को फटकार भी लगाई। इसके साथ ही अब संभागायुक्त ने पीडब्ल्यूडी और कॉन्ट्रेक्टर को 30 सितंबर तक Durg university भवन का काम पूरा कर इसे हैंडओवर करने का अल्टीमेटम दे दिया है।
दीपावली से पहले भवन का लोकार्पण
भवन तैयार होने के बाद अक्टूबर मध्य तक विश्वविद्यालय को शिफ्टिंग के निर्देश रजिस्ट्रार को दिए गए हैं। संभागायुक्त ने तय समय में कार्य संपन्न नहीं होने पर पीडब्ल्यूडी के अफसरों और कॉन्ट्रेक्टर पर कार्रवाई की बात भी कही है। Durg university बताया जा रहा है, दीपावली से पहले भवन का लोकार्पण राज्यपाल के हाथों से कराने की योजना है।
Durg university में खर्च हो चुके हैं 15 करोड़
पोटियाकला में हेमचंद विवि का प्रशासनिक भवन बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी ने 20 करोड़ रुपए का प्राक्लन तैयार किया। इसके बाद शासन ने निर्माण कार्यों के लिए 15 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी। Durg university यह पूरा पैसा विश्वविद्यालय के जरिए पीडब्ल्यूडी को मिल चुका है। बाद में खर्च में इजाफा होने पर और रकम दी गई। अब अफसरों का कहना है कि, भवन में सभी जरूर कार्य संपन्न करा लिया गया है। लिफ्ट लगाने का कार्य जारी है।
जगह बदलना चाहती थीं कुलपति
पोटियाकला में मिली जमीन पर बन रहे प्रशासनिक भवन से विश्वविद्यालय के अफसर बहुत अधिक खुश नहीं है। Durg university पहले भी प्रशासनिक भवन के लिए जगह बदलने के निर्णय पर विवि की कार्यपरिषद की सहमति से फैसला लिया गया था कि इस संबंध में शासन से बात करके दूसरी जगह तलाशेंगे, लेकिन इस बीच भवन निर्माण का काम शुरू हो गया और सारी योजना धरी रह गई।
ऐसे तलाशी गई जमीन
हेमचंद विश्वविद्यालय Durg university का प्रशासनिक भवन बनाने के लिए यह जगह विवि के प्रथम कुलपति डॉ. एनपी दीक्षित ने तलाश की थी। उस समय विवि से अंजोरा के कामधेनु विवि, अरसनारा, नेवई, कुटेलाभाठा में भी जमीन का चयन करने की कोशिश की गई थी, लेकिन बात नहीं बन पाई। इसके बाद डॉ. दीक्षित ने राजस्व विभाग से जानकारी लेकर पोटियाकला में जगह सुनिश्चित की। राजस्व विभाग की पोटियाकला में 40 एकड़ जमीन पर विश्वविद्यालय का निर्माण कराना तय हुआ।