Sunday, March 9, 2025

district hospital : जिला अस्पताल में बच्चा बदला, DNA टेस्ट में जीती शबाना की ममता, मासूम को गोद में लेते ही निकले आंसु

Durg district hospital देर शाम दोनों माताओं को उनका बच्चा सौंप दिया गया है। CMHO डॉ. मनोज दानी ने बच्चा शबाना और साधना को सौंपने की पुष्टि की है।

दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अस्पताल (Durg District hospital) में बच्चा अदला बदली की गुत्थी आखिर सुलझ गई है। DNA टेस्ट की रिपोर्ट शनिवार को आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक साधना के पास जो बच्चा है वो शबाना का बच्चा है। DNA रिपोर्ट आते ही बाल कल्याण समिति की ओर से बच्चा शबाना को देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। देर शाम दोनों माताओं को उनका बच्चा सौंप दिया गया है। CMHO डॉ. मनोज दानी ने बच्चा शबाना और साधना को सौंपने की पुष्टि की है।

Durg district hospital को सौंप दिया था बच्चा

डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट के बाद शबाना के परिवार में खुशी की लहर है। बता दें कि शबाना ने ही इस पूरी लापरवाही से पर्दा उठाते हुए बच्चा बदलने का खुलासा किया था। शबाना को शक था कि उसके पास जो बच्चा है वह साधना का है और साधना के पास जो बच्चा है वह शबाना का है। जिसके बाद उसने Durg district hospital जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बच्चा जिला अस्पताल में ही डॉक्टरों को सौंप दिया था। खुद भी जिला अस्पताल में इस मामले के सुलझने तक भर्ती हो गई थी।

कलेक्टर ने बनाई थी जांच समिति

अस्पताल प्रबंधन Durg district hospital की बड़ी लापरवाही के कारण दो नवजात शिशु जन्म लेते ही आपस में बदल दिए गए थे। हिंदू शिशु मुस्लिम परिवार के पास पहुंच गया था। वहीं मुस्लिम शिशु हिंदू परिवार के पास पहुंच गया था। जन्म के आठ दिन बाद जब दोनों परिवार अपने घर पहुंचे तब जाकर उन्हें शिशुओं के अदला-बदली की जानकारी मिली। शबाना कुरैशी के परिवार ने इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई थी। जिसके बाद कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने ही डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट जिला अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिया है।

यह है पूरा मामला

23 जनवरी को शबाना कुरैशी (पति अल्ताफ कुरैशी) और साधना सिंह ने दोपहर क्रमश: 1:25 बजे और 1:32 बजे अपने-अपने बेटों को जन्म दिया। Durg district hospitalअस्पताल में नवजात शिशुओं की पहचान के लिए जन्म के तुरंत बाद उनके हाथ में मां के नाम का टैग पहनाया जाता है। जिससे किसी तरह की अदला-बदली न हो। इसी प्रक्रिया के तहत दोनों नवजातों की जन्म के बाद अपनी-अपनी माताओं के साथ तस्वीरें भी खींची गईं। हालांकि, बाद में गंभीर लापरवाही सामने आई। जब साधना सिंह लिखा हुआ बच्चा शबाना कुरैशी के पास चला गया और शबाना कुरैशी लिखा हुआ बच्चा साधना सिंह के पास।

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बच्चे से गाल पर नहीं था तिल

इस गलती का खुलासा 8 दिनों के बाद तब हुआ जब शबाना कुरैशी के परिवार ने ऑपरेशन के तुरंत बाद ली गई तस्वीरों को देखा। तब परिवार ने ध्यान दिया कि उनके असली बच्चे के चेहरे पर तिल (काला निशान) नहीं था। जो बच्चा इस समय उनके पास है ,उसके चेहरे पर तिल है। जिसके बाद उन्हें बच्चा बदलने का शक हुआ और इसकी शिकायत Durg district hospital जिला अस्पताल प्रबंधन से की।

जिला अस्पताल से हुई चूक

यह जानकारी मिलते ही शबाना कुरैशी के परिवार में हड़कंप मच गया। उन्होंने तुरंत जिला अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी दी, जिससे अस्पताल में भी अफरा-तफरी मच गई है। Durg district hospital अस्पताल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साधना सिंह और उनके परिवार को अस्पताल बुलाया। दोनों परिवारों और डॉक्टरों के बीच चर्चा हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया था। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा दोनों परिवार भुगत रहे थे।

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