DMF Scam: कोयला घोटाला में निलंबित आईएएस रानू साहू लगातार जमानत याचिका को लेकर कोर्ट में याचिका लगा रही थी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आज की सुनवाई में रानू साहू को बड़ा झटका देते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला (DMF) मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने निलंबित रानू साहू को एक बार फिर बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया है। जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने मामले की सुनवाई में रानू साहू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
दरअसल, निलंबित आईएएस रानू साहू ने ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट में डीएमएफ घोटाला में मंगलवार को जमानत अर्जी लगाई थी। बता दें कि DMF घोटाले में ACB और EOW द्वारा जांच की जा रही है, जिसमें करोड़ों रुपए के हेरफेर का आरोप है।
रोशन चंद्राकर की भी जमानत याचिका खारिज
रानू साहू के अलावा कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में आरोपी रोशन चंद्राकर ने भी जमानत याचिका दाखिल किया था। (DMF Scam) कोर्ट ने आज रोशन चंद्राकर की जमानत याचिका पर भी सुनवाई की। इस सुनवाई में भी कोर्ट ने आरोपी को राहत नहीं दी।
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जानिए क्या है DMF Scam?
DMF Scam: जानकारी के मुताबिक, ईडी की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। केस में यह तथ्य सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया।
जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है। ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।