आशंका थी कि प्रसिद्ध पं. प्रदीप मिश्रा की कथा में गिर सकता था डोम, प्रशासन की जांच में स्थल पर पानी भर जाने का खतरा पाया गया
- जगह छोटी पड़ने पर भगदड़ की भी आशंका जताई गई
- छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी में
मुंगेली। शिव महापुराण के विश्व प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा का मुंगेली जिले के लोरमी में प्रस्तावित कथा आयोजन को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। प्रशासनिक जांच के बाद कई कारणों से कथा करने पर आपत्ति की। इससे क्षेत्र के लाखों श्रद्धालु श्रोताओं का दिल टूट गया। इस कारण से लोरमी में शिव महापुराण की कथा नहीं होगी।
कथा 2 से 8 अगस्त तक होना था। कथा निरस्त करने के पीछे बिंदुवार 13 कारण गिनाए गए हैं। इसमें प्रमुख रूप से डोम निर्माण और जमीन के समतलीकरण में मानकों का ध्यान नहीं रखने के साथ ही राज्यमार्ग में अव्यवस्था व भगदड़ की आशंका को कारण बताया गया है।
जानकारी अनुसार आयोजन समिति की ओर से अध्यक्ष अनिल सलूजा ने एसडीएम को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी, साथ ही प्रशासन के आदेश पर तैयारियों की पूरी डिटेलिंग सौंपी गई थी। एसडीएम ने संबंधित 5 विभागों को ये जानकारी उपलब्ध कराकर उनका अभिमत मांगा।
इस पर विभागों ने इसकी पड़ताल करते हुए अलग-अलग कुल 13 बिंदुओं पर तैयारियों को नाकाफी बता दिया। लिहाजा अनुविभागीय अधिकारी ने यहां शिवपुराण की कथा करने की अनुमति देने से मना कर दिया।
जांच में 5 विभागों ने गिनाए 13 कारण
- पीडब्ल्यूडी: सभा स्थल का एरिया 4 एकड़ में है, जिसमें 4×43560 174240 वर्गफीट/ 6.00 कुल 29040 व्यक्ति बैठ सकते हैं, जबकि लगभग 1.50-2.00 लाख व्यक्ति प्रतिदिन आने की संभावना है। इतने जनसमूह के लिए प्रस्तावित स्थल अपर्याप्त है।
- प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल अस्थायी रूप से खेतों को नरम मिट्टी से पाटकर बनाया गया है। पर्याप्त काम्पेक्शन नहीं होने से बड़े डोम का सेल्फ वेट बहुत ज्यादा हो जाएगा, जिससे डोम के गिरने की प्रबल आशंका रहेगी।
- पर्याप्त ड्रेनेज व्यवस्था नहीं है, जिससे डोम एरिया में जलभराव की आशंका रहेगी। सभा स्थल पर कीचड़ होने और भगदड़ होने की आशंका रहेगी।
- सभास्थल कोटा-लोरमी पंडरिया मार्ग एसएच-10 के किनारे ही स्थित है। इससे बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना राज्यमार्ग को अवरुध्द नहीं किया जा सकता।
- सभास्थल पर वीवीआईपी, वीआईपी और आम जनता के लिए पर्याप्त प्रवेश व निकासी द्वार का स्थान नहीं है। इन कारणों से आयोजन के लिए स्थल उपयुक्त नहीं है।
- बिजली विभागः सहायक अभियंता (संचालन/संधारण) उपसंभाग लोरमी छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्री कंपनी ने अपने अभिमत में कहा कि वर्षाऋतु में खरीफ फसलों का रोपण व आंधी बारिश, आकाशीय बिजली समेत कई बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम की अनुमति प्रदान करना उचित नहीं है।
- पुलिस विभागः उप पुलिस अधीक्षक लोरमी ने अपने अभिमत में कहा कि दोनों प्रमुख तकनीकी विभागों की सहमति के बिना सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से आयोजकों को अनुमति दिया जाना उचित नहीं है।
- स्वास्थ्य विभागः खंड चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लोरमी ने अपने अभिमत में कहा कि 30 से 40 हजार श्रद्धालु रात्रि विश्राम पंडाल में ही करेंगे। बरसात में नम मिट्टी के ऊपर कारपेट पर सोने से उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका है।
- लोरमी क्षेत्र में अभी फेल्सीफेरम मलेरिया के केस लगातार सामने आ रहे हैं। बिना सुरक्षा के सोने पर मलेरिया का खतरा बना रहेगा।
- इस समय डायरिया का खतरा रहता है। ऐसे में यहां भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
- लोरमी में उपलब्ध चिकित्सीय मानव संसाधन प्रर्याप्त नहीं है।
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभागः सहायक अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्ड लोरमी ने अपने अभिमत में कहा कि वर्षाकाल में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के एक साथ आगमन से पानी से संबंधित विभिन्न रोग जैसे डायरिया, कालरा, जलजनित बीमारियों की आशंका है। दूषित पेयजल से होने वाली जलजनित बीमारियों से जनहानि की आशंका को देखते हुए कार्यकम के लिए व्यवस्था उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
- नगरीय प्रशासन : मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद लोरमी ने अभिमत में कहा कि बारिश का मौसम है, कार्यक्रम स्थल में पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। रोड किनारे पानी का भराव होने की आशंका है, जिससे आवागमन बाधित होगा। प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे एवं रात रुकेंगे। उनके नहाने, शौच आदि के लिए नगर पालिका क्षेत्र में पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। खुले में शौच की आशंका है। साथ ही चलित शौचालय के वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था नगर पालिका में नहीं है।