Congress PCC secretary Siddhanshu Mishra arrested: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकंडा थाना पुलिस ने कांग्रेस नेता को गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल भेज दिया है। सिद्धांशु मिश्रा की गिरफ्तारी जमीन घोटाले के एक बड़े मामले में हुई है।
Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में पीसीसी सचिव सिद्धांशु मिश्रा को सरकंडा थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल भेज दिया है। सिद्धांशु मिश्रा की गिरफ्तारी जमीन घोटाले के एक बड़े मामले में हुई है। बताया जा रहा है कि आठ साल पहले सरकंडा थाना में दर्ज जमीन धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने उन्हें दबोचा है।
ऐसा हुआ घोटाला
मिली जानकारी के मुताबिक, 2010-11 में खसरा नंबर 424 की भूमि का फर्जी 22 बिंदु प्रतिवेदन तैयार कर सिद्धांशु मिश्रा ने जोरापारा क्षेत्र में स्थित खसरा नंबर 409 की जमीन पर कब्जा कर लिया था। इस घोटाले में उन्होंने तत्कालीन पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक से साठगांठ की थी। सरकंडा जोरापारा पटवारी हल्का 32 में 56 डिसमिल जमीन सोनिया बाई और अन्य तीन व्यक्तियों के नाम पर दर्ज थी। सिद्धांशु मिश्रा ने इस जमीन को बेचने के लिए मुख्तियारनामा हासिल किया, जबकि यह जमीन पहले ही बेची जा चुकी थी।
जांच में राजस्व अधिकारियों व सिद्धांशु मिश्रा की संलिप्तता नहीं पाई गई थी। किसी भूमि स्वामी ने शिकायत नहीं की और न ही आर्थिक नुकसान की पुष्टि हुई। पुलिस की पिछली जांच रिपोर्ट में आरोपों को तथ्यहीन बताया गया था, बावजूद इसके अब सोमवार को कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी की गई है।
2017 में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था
साल 2007 में इस पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था, जिसे जमीन धोखाधड़ी मामले को एसीबी के निर्देश पर पुन: जांच के लिए खोला गया है। कांग्रेस पीसीसी सचिव सिद्धांशु मिश्रा को सरकंडा थाना में बुलाया गया। पॉलीवे ने उनके बयान दर्ज किए। इसके साथ ही उन्हें अदालत में पेश किया, जहां उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई के निर्देश दिए गए हैं। मामले में 2017 में डीएसपी जांच के बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने खारिजी चाक प्रस्तुत की थी, लेकिन 8 साल बाद इसे दोबारा खोला गया है।
पटवारी और अन्य आरोपी फरार
इस जांच में तत्कालीन पटवारी चंदराम बंजारे, कमल किशोर कौशिक और प्रॉपर्टी डीलर सिद्धांशु मिश्रा को दोषी पाया गया। फिलहाल पुलिस ने सिद्धांशु मिश्रा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद उन्हें केंद्रीय जेल भेज दिया गया। हालांकि पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।