Colin Gonsalves Said: सुप्रीम कोर्ट के लॉयर ने दिया विवादित बयान, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे कॉलिंग गोंजालविस ने 70 लोगों के बयान किए दर्ज
रायपुर। Colin Gonsalves Said: छत्तीसगढ़ को भारत का गाजा कहकर सीनियर लॉयर ने राज्य की राजनीति में भूचाल मचा दिया है। उन्होंने पुलिसिया कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार पुलिस आदिवासियों की हत्या के लिए जिम्मेदार है। उनके बयान के बाद से प्रदेश में राजनैतिक अस्थिरता नजर आ रही है।
पीयूसीएल के फर्जी मुठभेड़ के आरोप को साय सरकार में मंत्री केदार कश्यप ने झूठा करार दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी संकल्प लिया है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ नक्सलमुक्त होगा।
लॉयर गोंजालविस (Colin Gonsalves Said) बस्तर पहुंचे हुए हैं। वे 3 दिन प्रदेश में रहेंगे। उन्होंने अपने एक बयान में छत्तीसगढ़ की तुलना गाजा से की है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश के संदर्भ में ज्यादा जानकारी नहीं थी। लेकिन अब जबकि वे यहां पहुंचे हैं तो उन्हें हकीकत पता चली। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की हत्या की जा रही है।
आए दिन हो रहा आदिवासियों का दमन
लॉयर गोंजालविस ने कहा कि आए दिन जिस तरह से आदिवासियों पर अत्याचार व दमन हो रहा है यह उन्होंने कभी सोचा नहीं था। अभी भी वे हैरान हैं कि आगे का रास्ता कैसा होगा? क्या करना चाहिए? उन्होंने कहा कि अब तक 70 लोगों के बयान उन्होंने लिए हैं। (Colin Gonsalves Said) जो बेकसूर आदिवासी हैं उनके घरों में घुसकर उनके पति बच्चों की हत्या कर दी गई है। भारत में ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां इस तरह की हत्याएं हो रही हैं।
डीआरजी को दे दी गई खुली छूट
छत्तीसगढ़ सरकार को निशाने पर रखते हुए उन्होंने कहा कि यहाँ डीआरजी को खुली छूट दी गयी है कि जाओ किसी को भी मार दो। इनके ऊपर कोई नियंत्रण नहीं है। एक तरह से छत्तीसगढ़ खतरनाक राज्य बन चुका है। अब वे लोग ही यहां रह सकते हैं जिनकी माइनिग पर नजर है। लॉयर गोंजालविस ने कहा कि वे सरकार से अनुरोध करते हैं कि बस्तर के आदिवासियों को बख्श दिया जाए।
पीड़ितों को लेकर जाएंगे शीर्ष अदालत
श्री गोंजालविस ने कहा कि उनके पास 40 से 70 परिवार की वीडियो रिकॉर्डिंग है। वे उन पीड़ितों को लेकर शीर्ष अदालत जाएंगे तथा कोर्ट के समक्ष सच्चाई रखेंगे। छत्तीसगढ़ की असली स्थिति सुप्रीम कोर्ट में दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के साथ टेबल टॉक तभी होगी जब आदिवासियों की हत्याएं बंद होंगी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को भी मालूम है कि कौन नक्सली है और कौन आदिवासी। फिर भी लगातार आदिवासियों की हत्या हो रही है जो अविलंब बंद होनी चाहिए।
रिटायर्ड डीजीपी से जांच की मांग
कॉलिंग गोंजालविस ने कहा कि हमारी मांग यही है कि एक रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए। साथ ही एक स्वतंत्र जांच कमेटी होनी चाहिए जिसके माध्यम से यह जांच संस्थित की जाए। हम सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए अपील करेंगे।
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Colin Gonsalves Said: लड़ाई से आदिवासियों को बाहर करें
पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस और नक्सलियों के बीच वॉर चल रही है इसमें से आदिवासियों को बाहर किया जाना चाहिए। सरकार की एक कला है कि जब भी कोई एनकाउंटर होता है तब नक्सलियों और पुलिस के बीच आदिवासियों को लाकर खड़ा कर दिया जाता है। सरकार यह सब करना बंद कर दे। सरकार को रास्ता पता है और उसे कैसे सॉल्व करना है।
जो नक्सली हैं उन्हें जेल भेजें, आदिवासी बेकसूर
वर्ष 2024 में 70 लोगों को जान से मार दिया गया अब दावा किया जा रहा है कि वे नक्सली थे। आम आदिवासी बेकसूर हैं जो सरकार और पुलिस के बीच फंस गए हैं। जो नक्सली हैं उन्हें जेल में डाल दिया जाए लेकिन जो आदिवासी बेकसूर है उनकी हत्याएं बंद होनी चाहिए।
डीआरजी की जांच हो, शांति नहीं चाहते सत्ताधारी
उन्होंने मांग की है कि डीआरजी की भी जांच होनी चाहिए। एक तरफ सलवा-जुड़ुम में जिस तरह से एसपीओ का इस्तेमाल किया गया ठीक वैसे ही अब आदिवासियों को खत्म करने के लिए डीआरजी को लगाया गया है। (Colin Gonsalves Said) ये इनाम और मैडल के लिए आदिवासियों की हत्या कर रहे हैं। यह सब बंद होना चाहिए जो लोग वर्तमान में सत्ता में है वे बस्तर में शांति नहीं चाहते। यही वजह है कि आदिवासियों की बड़े पैमाने पर हत्या हो रही है।
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