आरोपी रानू साहू, समीर बिश्नोई और सौम्या चौरसिया द्वारा अपनी आय से कई गुना चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गई हैं
रायपुर। प्रदेश का चर्चित कोयला लेवी घोटाला मामले पर आज स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी निलंबित आईएएस रानू साहू को जमानत नहीं मिली है। ऐसे में रानू की मुश्किलें और बढ़ गई है। कोयला घोटाले में आरोपी रानू की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
बता दें कि मामले पर सुनवाई के बाद जमानत की याचिका को कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था। एसीबी- ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट में जमानत याचिका पर कल सुनवाई हुई थी। उसके बाद रानू साहू की जमानत याचिका पर आज फैसला सुनाया गया।
बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया है कि उनके पक्षकारों को परेशान करने ईओडब्ल्यू द्वारा एफआइआर दर्ज की गई, जबकि ईडी द्वारा दर्ज मामले में उनके पक्षकारों को अंतरिम जमानत दी गई है। अभियोजन पक्ष के उपसंचालक मिथलेश वर्मा ने विरोध करते हुए बताया कि शराब घोटाले में दर्ज किए गए एफआइआर में आय से अधिक संपत्तियों का ब्यौरा दिया गया है।
आय से कई गुना चल-अचल संपत्तियां
आरोपी रानू साहू, समीर बिश्नोई और सौम्या चौरसिया द्वारा अपनी आय से कई गुना चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गई है। इसे देखते हुए जमानत नहीं दिए जाने का अनुरोध किया। इससे पहले ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट में मंगलवार को जमानत आवेदन और प्रोडक्शन वारंट पर बहस हुई थी।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा
विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा। इससे पहले कोयला घोटाले में जेल में बंद दीपेश टांक को सुप्रीम कोर्ट ने राहत के बाद मंगलवार शाम रिहा कर दिया गया था। दीपेश को 7 अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत दी गई है। वहीं ईओडब्ल्यू में दर्ज मामले में निलंबित आइएएस रानू साहू की जमानत और कारोबारी दीपेश टांक प्रोडक्शन वारंट पर कोर्ट ने एक दिन के लिए फैसला सुरक्षित रखा था।