रायपुर . छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में जेल में बंद तत्कालीन कोरबा कलेक्टर रानू साहू, उप-सचिव सौम्या सौरसिया और खनिकर्म निदेशक समीर बिश्नोई की मुश्किलें आसान होती नहीं दिख रही है। शुक्रवार को इस मामले में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने दर्जनभर जगहों पर छापेमार कार्रवाई की। विशेष टीम ने राजस्थान एवं रायगढ़ में दो कारोबारियों के घरों और दफ्तरों में दबिश दी। इसके अलावा कोरबा, गरियाबंद में 1-1 स्थान पर कार्रवाई की गई। महासमुन्द में तीन स्थानों पर एक साथ ईओडब्ल्यू का अमला पहुंचा। दुर्ग भी इस कार्रवाई से बच नहीं पाया। पहले सुबह एबीसी और ईओडब्न्ल्यू नेहर नगर स्थित एक होटल व्यापारी पर दबिश देने पहुंची थी, वहीं इसके बाद दुर्ग जिले में आठ स्थानों सख्ती दिखाई गई। रायपुर में भी ५ कारोबारियों के दस्तावेजों को खंगाला गया। इस तरह एक ही दिन में २४ स्थानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद से कारोबारियों के बीच हडक़ंप मच गया।
मिली अचल संपत्तियों के दस्तावेज
अचानक ईओडब्ल्यू की कार्रवाई से कारोबारियों को संभलने का तनिक भर भी मौका नहीं मिला। जांच के दौरान टीमों को इनके पास से कई अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनसे भारी मात्रा में बेनामी संपत्तियों का पता चला है। वाहनों से संबंधित बहुत से दस्तावेज एवं अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे लेपटॉप, मोबाइल एवं पेन ड्राइव भी बरामद हुए हैं, जिनमें संपत्तियों की जानकारी दर्ज है। दस्तावेजों एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जा रही है।
मनीष उपाध्याय रिमांड पर
अवैध कोल लेवी प्रकरण में आरोपी मनीष उपाध्याय गिरफ्तार
अवैध कोल लेवी प्रकरण में धारा 120बी, 420, 384 भादवि और धारा 7. 7ए एवं 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुख्य आरोपी मनीष उपाध्याय पिता गेंदालाल उपाध्याय, भिलाई को विधिवत गिरफ्तार किया गया। जिसे शुक्रवार को ही विशेष न्यायालय रायपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सभी साक्षर और मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने ईओडल्यू को 23 अगस्त तक की डिमांड दे दी है। बता दें कि यह आरोपी काफी लम्बे समय से फरार था। इससे पूछताछ पर नए तथ्यों का खुलासा होने की पूर्ण सम्भावना है।