CM vishnudev sae इस चटनी के दीवाने प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय भी हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बस्तर जिले के सेड़वा में स्थित सीआरपीएफ के 241 बटालियन के कैंप में रुके।
जगदलपुर। CM vishnudev sae बस्तर जिले में आदिवासियों के व्यंजन में सबसे अधिक लोकप्रिय है तो वो है लाल चींटी की चटनी। जिसे बस्तर में ‘चापड़ा चटनी’ कहा जाता है। जो भी बस्तर आता वो एक बार जरूर इस चटनी का स्वाद चखता है। इस चटनी के दीवाने प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय भी हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय CM vishnudev sae बस्तर जिले के सेड़वा में स्थित सीआरपीएफ के 241 बटालियन के कैंप में रुके।
इस दौरान CM vishnudev sae उनका मन ‘चापड़ा चटनी’ (चींटी की चटनी) खाने का हो गया। उन्होंने CRPF बस्तरिया बटालियन की कमांडो प्रमिका दुग्गा की मां से फोन पर बात की। उन्होंने माता जी से पूछा- घर आने पर चापड़ा चटनी खिलाएंगे? इस पर प्रमिका की मां ने कहा कि जब भी आप आएंगे, जरूर खिलाऊंगी।
CM vishnudev sae ने सदस्यों का हाल-चाल जाना
मुख्यमंत्री CM vishnudev sae ने जवान की माता को बताया कि हम इस बटालियन में जवानों और अधिकारियों के साथ रात रुके रहे। ये जवान देश-प्रदेश की सेवा के लिए तत्पर रहते है इसके साथ समय बिताकर बहुत अच्छा लगा। सीएम साय ने मोबाइल पर बात करते हुए प्रमिका की मां से घर के सभी सदस्यों का हाल-चाल जाना और सभी के स्वास्थ्य की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने CM vishnudev sae प्रमिका की मां से खेतों में धान की कटाई और फसलों के बारे में जानकारी ली।
कैसे तैयार होता है चापड़ा की चटनी?
चापड़ा चींटी की चटनी बकायदा बस्तरिया स्टाइल बनाई जाती है. दरअसल, चटनी को सिल पत्थर में टमाटर, हरी धनिया कच्ची मिर्ची और नमक डालकर पीसा जाता है। फिर इसे रोटी और चावल के साथ परोसा जाता है।
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चापड़ा चींटी ज्यादातर आम के पेड़ो, सरई, जामुन, काजू के पेड़ और चौड़े पत्ते वाले पेड़ साल वनों में पाया जाता है। वहीं बस्तर के स्थानीय ग्रामीण इस चापड़ा चींटी को जिंदा पकड़ते हैं, जिसके बाद इसे पत्ते की बनी दोनी (कटोरी ) में रखते हैं।