Chhattisgarh congress छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी हो रही है। लगातार चुनावी हार के बाद नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज हो गई है।
रायपुर। Chhattisgarh congress छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी हो रही है। लगातार चुनावी हार के बाद नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज हो गई है। इस बीच निकाय चुनाव के बाद से ही पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज की सक्रियता भी नहीं दिखाई दे रही हैं।पिछले 20 दिनों से वे रायपुर नहीं आए और सिर्फ बस्तर तक सीमित रहे हैं। फिलहाल, प्रदेश संगठन की बैठकों और गतिविधियों में उनकी भागीदारी न के बराबर रही है।
Chhattisgarh congress पॉलिटिकल ड्रामा तेज होना संभावित
संगठन में संभावित फेरबदल की अटकलों के बीच माना जा रहा है कि बैज को भी बदलाव के संकेत दे दिए गए हैं। हाल ही में उनकी तस्वीरें सिर्फ तब सामने आई थीं, जब वे बस्तर के अपने गृहग्राम गड़िया में मतदान करने पहुंचे थे। Chhattisgarh congress इसके अलावा, वे संगठन की रणनीतिक बैठकों और निर्णय प्रक्रियाओं से लगभग गायब हैं। निकाय चुनाव के बाद पीसीसी अध्यक्ष के खिलाफ कई नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आई थी। संगठन में बदलाव की मांग को लेकर पूर्व कुलदीप जुनेजा ने कहा था कि लगातार तीन चुनाव हारने के बाद भी इस्तीफा मांगना पड़े, तो यह शर्म की बात है। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। Chhattisgarh congress हालांकि, इसके बाद जुनेजा अपने बयान से पलट गए।
सिंहदेव के खिलाफ लॉबी तैयार
राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का नाम सबसे आगे है। माना जा रहा है कि दिल्ली में उनके नाम पर मुहर भी लग गई है। Chhattisgarh congress हालांकि, उनके खिलाफ पार्टी के भीतर एक अलग लॉबी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस के कई आदिवासी नेता उन्हें रोकने के लिए ‘आदिवासी कार्ड’ खेल रहे हैं। पूर्व मंत्री अमरजीत भगत इस रणनीति में खुलकर सामने आए। उन्होंने पहले ही आदिवासी नेतृत्व की मांग उठाई है। उनका कहना है कि यदि प्रदेश अध्यक्ष का पद किसी आदिवासी नेता से छीना जाता है, तो कम से कम कार्यकारी अध्यक्ष पद पर किसी आदिवासी नेता को मौका दिया जाना चाहिए।