Wednesday, December 4, 2024

CGPSC Topper : बचपन में पिता चल बसे, मां ने खेतों में काम कर पढ़ाया, तीन बार फेलियर के बाद भी हार नहीं मानी, अब अफसर बनेगा उत्तम, ये कहानी आपको भावुक कर देगी…

CGPSC Topper यह वही युवा है, जिसमें सीजी पीएससी की हाल ही में आई सलेक्शन लिस्ट में दसवां स्थान हासिल किया है। बचपन में ही उत्तम के सिर से पिता का साय उठ गया। तब मां सीता महोबिया ने अकेले उनके लालन-पालन की जिम्मेदारी उठाई।

भिलाई . CGPSC Topper आज संघर्ष से सफलता तक पहुंचने वाले उस रियल हीरो से मिलिए जिसने  साबित कर दिखाया है कि रिजेक्शन मात्र एक शब्द है, जिसे सलेक्शन में बदला जा सकता है। यह कहानी दुर्ग जिले के नगपुरा गांव के उत्तम कुमार महोबिया की है। यह वही युवा है, जिसमें सीजी पीएससी की हाल ही में आई सलेक्शन लिस्ट में दसवां स्थान हासिल किया है। CGPSC Topper बचपन में ही उत्तम के सिर से पिता का साय उठ गया। तब मां सीता महोबिया ने अकेले उनके लालन-पालन की जिम्मेदारी उठाई।

CGPSC Topper नगपुरा के ही सरकारी स्कूल से पढऩे वाला उत्तम कभी भी कक्षा में सेकंड नहीं आया। हर साल प्रथम स्थान हासिल करता रहा। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में बारहवी में 94.6 प्रतिशत अंक आए। उस समय के बोर्ड टॉपर्स को प्रोत्साहित करने आईजी पुलिस प्रदीप गुप्ता ने उन्हें सिविल सिविसेज की तैयारी करने को कहा। समझाया कि कैसे शासकीय सेवक बनकर समाज को नई दिशा दी जा सकती है। CGPSC Topper आईजी की यह बातें उत्तम के दिल में घर कर गई और ठान लिया कि एक दिन अफसर जरूर बनेंगे। आइए जानते हैं कैसे सफलता में बदला संघर्ष…।

CGPSC Topper तीन बार नहीं हो पाया सलेक्शन

उत्तम ने बताया कि, सीजी पीएससी हो या कोई भी अन्य एग्जाम। सफलता का श्रेय सभी को जाता है। CGPSC Topper अकसर, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागी यही सोचते हैं कि यदि इस बार सफल नहीं हो पाया तो लोग क्या कहेंगे। परिवार पर बोझ बढ़ेगा। दोस्त और रिश्तेदार ताने मारेंगे। CGPSC Topper असल में ऐसा होता भी है, मगर  यदि परिवार, दोस्त और रिश्तेदार आपकी कैपेसिटी को जानते हैं और उन्हें आप पर भरोसा है तो यह सभी बातें बेमानी हो जाती है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ। मेरा यह सलेक्शन चौथे प्रयास में हुआ है। सबसे पहले प्रयास में सिर्फ प्री-क्लीयर हुआ।

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इससे परिवार को उम्मीद हो गई कि मैं आगे बढ़ सकता हूं। दोस्तों ने भी मुझ पर भरोसा जाताया। अगले प्रयास में मंै मेंस में फिर फंस गया।CGPSC Topper  तीसरे प्रयास में इंटरव्यू  तक पहुंचा मगर, सलेक्शन नहीं हो पाया। इतनी बार रिजेक्शन के बाद भी परिवार और दोस्तों ने मुझे कहा कि, अगली बार तुम बड़े अफसर बनोगे। नतीजा, आपके सामने है, मैंने चौथी बार में इंटरव्यू क्लीयर करके टॉप-१० में जगह बना ली।

इंटरव्यू का सवाल गुस्सा दिलाने वाला था

उत्तम बताते हैं कि, इंटरव्यू की शुरुआत में ही पैनल ने मुझे आजमाने का निर्णय लिया। मुझसे सवाल पूछा गया कि, तुम तीन अटेंप्ट में भी सलेक्शन नहीं हो पाए। पांच साल की तैयारी में तो बढिय़ा पोस्ट मिल जानी चाहिए थी। CGPSC Topper  स्वभाविक तौर पर कोई भी सामान्य व्यक्ति इस सवाल से परेशान हो जाता, लेकिन मैंने सूझबूझ का तरीका निकाला और पैनल को बीते पांच साल में किए संघर्ष और तैयारी की बातें इनमिनान से बताई।

इस सवाल के बाद पूरा इंटरव्यू बिल्कुल स्मूद हो गया। पैनल ने इसके बाद मुझने मेरे बायोडेटा के संबंधित सवाल ही पूछे। सीजी पीएससी और अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को सफलता का सूत्र समझाते हुए उत्तम बताते हैं कि, पीएससी प्री का पैटर्न अब बिल्कुल बदल चुका है। अब पहले से अधिक स्टैंडर्ड के सवाल पूछे जाते हैं। CGPSC Topper इन सवालों को हल करने मिलने वाला मात्र एक मिनट आपकी पूरी जिंदगी को बदल सकता है। ऐसे में नियमित तैयारी सबसे जरूरी है। कम से कम दिन में 8 से 12 घंटे की पढ़ाई जरूरी होती है।

रूंगटा आर-1 ने माफ कर दी थी पूरी फीस

साल 2015 से 2019 तक रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल ब्रांच में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उत्तम ने सिविल सर्विसेज का रास्ता चुन लिया। हमेशा से ही होनहार रहे उत्तम की काबिलियत को परखते हुए रूंगटा आर-१ गु्रप ने इन्हें प्रोत्साहित करते हुए इंजीनियरिंग के चार साल की पूरी फीस माफ कर दी। CGPSC Topper रूंगटा आर-१ ग्रुप की कोशिश की बदौलत उत्तम की मां पर बेटे की पढ़ाई को लेकर आर्थिक बोझ नहीं पड़ा। नगपुरा से भिलाई कोहका आने-जाने में लगने वाला खर्च उत्तम से शासकीय स्कॉलरशिप से निकाला। यही नहीं, परिवार की मदद करने खेतों में काम भी किया। मन में सरकारी नौकरी का ख्वाब बैठा चुके उत्तम को नौकरियों के कई ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने सिर्फ सपनों को सच करने का रास्ता ही चुना।

अब मिलेगी कौन सी पोस्ट

इस साल सीजीपीएससी में डिप्टी कलेक्टर की मात्र सात पोस्ट थी। ऐसे में उत्तम को मिली दसवीं रैंक से उन्हें सहायक संचालक अनूसूचित जाति कल्याण विभाग  का पद मिलना तय हो गया है। CGPSC Topper उत्तम कहते हैं कि, करंट अफेयर्स की तैयारी का सबसे अच्छा माध्यम अखबार है। इसके बाद ही आपको डिजिटल की ओर जाना चाहिए। परीक्षा की तैयारी के दौरान ऐसे लोगों से घिरे रहिए जो पॉजीटिव सोचते हैं जो आप पर भरोसा जताए। क्योंकि, एक बार में नहीं होगा लेकिन एक दिन जरूर होगा

sankalp
Aadhunik

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