CG News: छत्तीसगढ़ के शिक्षकों के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) को खारिज कर दिया है। इससे शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ मिलने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। इस केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में हुई, जिसमें न्यायाधीश एएस ओका और न्यायाधीश एन. कोटीश्वर सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी।
वहीं जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में इस फैसले का फायदा 70 हजार से अधिक शिक्षकों को हो सकता है। (CG News) दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के खंडपीठ के फैसले के विरुद्ध थी, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार को सोना साहू के वेतनमान में उन्नयन के कारण उत्पन्न बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।
CG News: साहू ने बिना पदोन्नति के 10 वर्षों से अधिक समय तक सहायक शिक्षक के रूप में सेवा प्रदान की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ राज्य के इस तर्क पर विचार करने से इनकार कर दिया कि सोना साहू आश्वस्त वृत्ति विकास/क्रमोन्नति वेतनमान प्राप्त करने की हकदार नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने 7 वर्ष पूरा करने पर समय वेतनमान प्राप्त किया था।
वहीं माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रदेश भर के शिक्षकों को प्रसन्न होने का अवसर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब प्रदेश के 1 लाख से भी अधिक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ मिलेगा। (CG News) माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आज शिक्षकों के साथ न्याय किया है, शिक्षकों की जीत हुई है। इस ऐतिहासिक फैसले का हम सब स्वागत करते हैं।