CG Naxalvaadbछत्तीसगढ़ में नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में एनटीआरओ (राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन) की सहायता मिल रही है। एजेंसी के ड्रोन व जासूसी उपग्रहों से नक्सलियों की गतिविधियों पर दिन-रात नजर रखी जा रही है। इससे मिल रही सूचना से सुरक्षा बलों का अभियान सटीक हो गया है।
बस्तर। CG Naxalvaad छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में एनटीआरओ (राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन) की सहायता मिल रही है। एजेंसी के ड्रोन व जासूसी उपग्रहों से नक्सलियों की गतिविधियों पर दिन-रात नजर रखी जा रही है। इससे मिल रही सूचना से सुरक्षा बलों का अभियान सटीक हो गया है। एनटीआरओ की सूचना के आधार पर ही जवानों ने बीजापुर में 26 व कांकेर में चार नक्सलियों को मार गिराया है। एनटीआरओ प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अधीन काम करता है।
CG Naxalvaad एनटीआरओ की भूमिका
इस खुफिया एजेंसी के बेड़े में ड्रोन व उपग्रह शामिल हैं, जिनसे मिली सटीक सूचना ने जवानों को बढ़त दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। CG Naxalvaad सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार आने के बाद नक्सलवाद के खात्मे की डेडलाइन मार्च 2026 तय कर दी गई है, तब से नक्सल विरोधी अभियान में एनटीआरओ की भूमिका भी बढ़ गई है।
सटीक लोकेशन मिल रही
एनटीआरओ से मिली सूचना के आधार पर पिछले दो वर्ष में दो दर्जन से अधिक सफल अभियान किए गए हैं। इन अभियानों में छत्तीसगढ़ में 358 नक्सलियों को मार गिराया गया है, जिनमें 336 नक्सली बस्तर में मारे गए हैं, जो इस अवधि में पूरे देश में सर्वाधिक सफलता है।
इस तरह काम करती है एनटीआरओ
यह एजेंसी भारत के सैटेलाइट कार्टोसैट-1, कार्टोसैट-2, ईएमआईसैट के अलावा दो रडार इमेजिंग उपग्रह रीसैट-1 और रीसैट-2 का उपयोग निगरानी के लिए करती है।CG Naxalvaad इनसे कहीं की भी तस्वीरें प्राप्त कर सकती है।
नक्सली ठिकानों की थर्मल मैपिंग
सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने बताया कि एनटीआरओ की ओर से छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे ओेडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश के लगभग 125 गांव की थर्मल मैपिंग भी की है। इसके साथ ही नक्सली ठिकानों पर भी लगातार निगरानी रखी जा रही है।