CG High Court: बिलासपुर उच्च न्यायालय ने सुनाया अहम फैसला, हाईकोर्ट ने इसे पीडि़त पक्ष के स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन माना, सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को अवैध करार दिया
कोरबा। CG High Court: स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने के मामले में हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार सह कोरबा के सिटी मजिस्ट्रेट गौतम सिंह पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। व्यक्ति को जेल भेजने के लिए मजिस्ट्रेट की ओर से की गई कार्रवाई को हाईकोर्ट (CG High Court) ने अवैध करार दिया है। जेल भेजे जाने के बाद पीडि़त ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
बालको में कार्यरत कर्मचारी लक्ष्मण साकेत का उसकी पत्नी के साथ घरेलू विवाद चल रहा है। पत्नी ने पति के खिलाफ सिविल लाइन पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने महिला के पति पर सीआरपीसी की धारा 107, 16 के तहत कार्रवाई की। उसे गिरफ्तार कर सिटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश किया।
जब अधिवक्ता(CG High Court) ने साकेत की रिहाई को लेकर बेल बॉंड की राशि पेश किया तो शाम 5 बजे सिटी मजिस्ट्रेट ने साल्वेंट श्योरिटी का शर्त लगा दिया। शाम हो जाने के कारण साकेत के अधिवक्ता साल्वेंट श्योरिटी पेश नहीं कर सके। इसे आधार बनाकर सिटी मजिस्ट्रेट ने हिरासत में लिए गए लक्ष्मण को जेल भेज दिया।
फैसले को हाईकोर्ट (CG High Court) में दी चुनौती
सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को पीडि़त व्यक्ति ने बिलासपुर उच्च न्यायालय (CG High Court) में अपने अधिवक्ता के माध्यम से चुनौती दी थी। इसमें यह तर्क दिया गया था कि सिटी मजिस्ट्रेट को साल्वेंट श्योरिटी मांगने का अधिकार नहीं है। इस याचिका पर बिलासपुर उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं न्यायाधीश विभू दत्त गुरु की पीठ में सुनवाई हुई। न्यायालय में अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क रखा।
सिटी मजिस्ट्रेट पर लगा 25 हजार का जुर्माना
मामले की सुनवाई पूरी होने पर न्यायाधीश (CG High Court) ने सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को अवैध करार दिया और याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार का हनन बताया। मामले में कोर्ट ने कोरबा पुलिस, अपर कलेक्टर पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसका भुगतान 30 दिन के भीतर करना होगा।
CG High Court: इन लोगों को बनाया गया था पक्षकार
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशुतोष शुक्ला ने बताया कि बिलासपुर उच्च न्यायालय (CG High Court) में उनकी ओर से रीट संख्या डब्ल्यूपीसीआर नंबर 237/2024 पर याचिका दायर की गई थी। इसमें छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव, सिटी मजिस्ट्रेट कोरबा, गृह विभाग के सचिव, पुलिस अधीक्षक कोरबा, सिविल लाइन के थाना प्रभारी और थाने में मामले की शिकायत करने वाली महिला संध्या साकेत को पक्षकार बनाया गया था।