19 Cows Died In Chhattisgarh: कोपरा गौशाला में 19 गायों की मौत हो गई। मृत गायों को पैरी नदी के किनारे एक-एक करके फेंका जा रहा था। ये मंजर देख अधिकारीयों के होश उड़ गए…
गरियाबंद। CG Breaking News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के कोपरा गौशाला में 2 महीने में भूख-प्यास से 19 गायों की मौत हो गई। कुछ तो कंकाल में तब्दील हो गईं। मृत गायों को पैरी नदी के किनारे एक-एक करके फेंका जा रहा था। बदबू फैलने के बाद प्रशासन तक इसकी शिकायत पहुंची। बता दें कि यह गौशाला गोसेवा का केंद्र नहीं, बल्कि मौत की फैक्ट्री बन चुकी है।
दरअसल, यहां दो महीने से चारा-पानी तक नहीं था, चरवाहे बिना वेतन के छोड़कर चले गए थे और भूख से तड़पकर रोज गायें दम तोड़ रही थीं। बदबू फैलने के बाद इसका खुलासा हुआ। शिकायत पर राजिम एसडीएम विशाल महाराणा टीम के साथ जांच करने पहुंचे। जांच में पता चला कि, चरवाहों और केयर टेकर को पिछले दो महीने से सैलरी नहीं मिली है। इस कारण गौवंश की देखभाल नहीं हो पाई।मामला खुलने पर अधिकारी रातों रात दौड़े, लेकिन तब तक 19 गायों की हड्डियां ही बची थीं।
अधिकारियों ने थमाया नोटिस
अफसरों ने संचालक मनोज साहू को फटकार लगाया है, साथ ही गौशाला के निरीक्षण के जिम्मेदार पशु चिकित्सक को नोटिस थमाया जा रहा है। मामले के बाद अब जिला प्रशासन ने गौशाला संचालन की जवाबदारी दूसरी संस्था को देने की तैयारी कर ली है। इसके साथ ही एसडीएम विशाल महाराणा ने इस पूरे मामले को लेकर संस्था प्रमुख को दस्तावेजों के साथ तलब किया है। वीएचपी (19 cows died in Chhattisgarh) का आरोप है कि गायों की मौत उन्हें चारा न मिलने से हुई है।

भूख से टूट गई गायें
अधिकारियों ने जब गौशाला का निरीक्षण किया, तो वहां का नजारा देख उनका भी सिर चकरा गया। जैसे ही चारा लाया गया, गायें उस पर टूट पड़ीं। कुछ इतनी कमजोर थीं कि खड़ी भी नहीं हो पा रही थीं। अधिकारियों ने तुरंत चारा-पानी की व्यवस्था की, लेकिन सवाल यह है कि अब तक यह इंतजाम क्यों नहीं था?
1 माह के भीतर 45 से ज्यादा गायों की मौत
बताया जा रहा है कि एक माह के भीतर 45 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। इस मामले का खुलासा करते हुए बजरंग दल जिला संयोजक मोहित साहू और विहिप के डिगेश्वर वर्मा ने कहा कि, गौशाला में पर्याप्त चारे की व्यवस्था नहीं थी। इतना ही नहीं लापरवाही के चलते मृत गायों का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया। इस मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो और दोषियों को सजा दी जाए। साथ ही गौशाला संचालक के लिए नगर पंचायत के सुपुर्द किया जाए।