Caste Sensus: केरल के पलक्कड़ में 3 दिन तक चली समन्वय बैठक के समापन के बाद जाति जनगणना के सवाल पर संघ के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने दिया जवाब
Caste Sensus: जातिगत जनगणना के पक्ष में अभी तक मोदी सरकार खड़ी होती नही दिखी है, जबकि विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया हुआ है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया है कि जातिगत जनगणना (Caste Sensus) किसी भी हाल में होकर रहेगी। लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने मोदी सरकार पर जातीय जनगणना नहीं कराने का आरोप लगाया था।
इधर आरएसएस (RSS) ने केरल के पलक्कड़ में आयोजित समन्वय समिति की बैठक खत्म होने के बाद एक सवाल के जवाब में जातिगत जनगणना (Caste Sensus) को समर्थन कर बीजेपी को झटका से दिया है। लेकिन उन्होंने कुछ शर्तें भी रखीं हैं।
हम आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष समेत कई पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में दावा किया था कि जिस तरह बिहार में नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना (Caste Sensus)कराई। फिर उसके नतीजों को सबके सामने रखा। ठीक उसी तरह सरकार में आने के बाद वे पूरे देश में जातीय जनगणना कराएंगे।
Caste Sensus: राजनीति के लिए न हो जाति का इस्तेमाल
1 सितंबर को केरल के पलक्कड़ में संघ के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर से जब जातिगत जनगणना को लेकर सवाल किया गया। इसपर उन्होंने कहा कि ‘हमारे समाज में जाति संवेदनशील मुद्दा है।
यह देश की एकता से भी जुड़ा हुआ सवाल है। इसलिए इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। इसे चुनाव और राजनीति को ध्यान में रखकर नहीं किया जाना चाहिए।
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समाज के विकास के लिए सरकार को डेटा की जरूरत
सुनील आंबेकर ने कहा कि देश और समाज के विकास के लिए सरकार को डेटा की जरूरत पड़ती है। समाज की कुछ जाति के लोगों के प्रति विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
इन उद्देश्यों के लिए जाति जनगणना (Caste Sensus) करवाना चाहिए। इसका इस्तेमाल लोक कल्याण के लिए होना चाहिए। इसे पॉलिटिकल टूल बनने से रोकना होगा। बता दें कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है।