Carmel School: राष्ट्रीय अवकाश के दिन छात्रों को बुलाया था स्कूल, पालकों ने की शिकायत तब शुरू हुई जाँच, स्कूल परिसर में मिले 200 से अधिक छात्र
अंबिकापुर। Carmel School में बुधवार को धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा था। इसकी सूचना मिलने के बाद स्कूल के आसपास अभिभावकों के समूह ने हंगामा करना शुरु कर दिया। अभिभावकों ने इसकी सूचना एसडीएम व डीईओ को दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर के निर्देश पर दोनों अधिकारियों ने मामले की जांच की।
जांच रिपोर्ट में उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि इसाई समुदाय के धर्म गुरु की उपस्थिति में Carmel School परिसर में धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा था। इसके बाद कलेक्टर सरगुजा ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस थमा दिया है। गुरुवार को कलेक्टर ने अपने न्यायालय में प्रबंधन को 5 सवालों के जवाब के साथ तलब किया है। कलेक्टर ने न्यायालय में समाधानकारक जवाब नहीं मिलने की स्थिति में एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए स्कूल की मान्यता रद्द करने का भी जिक्र किया है।
रिंग रोड नमनाकला स्थित Carmel School प्रबंधन का मनमाना रवैया खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। हालिया वाक्या गांधी जयंत के दिन का है। प्रबंधन ने राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन भी छात्रों को स्कूल बुलाया था। सुबह करीब साढ़े 8 बजे तक 200 से अधिक छात्र स्कूल पहुंच गए थे। राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन बच्चों को स्कूल बुलाए जाने से खफा कुछ अभिभावक स्कूल पहुंचे।
उनकी नजर जब धर्मसभा पर पड़ी तो वे भड़क गए और इसकी सूचना प्रशासन को दी। प्रशासन को मिली सूचना के बाद कलेक्टर भोस्कर विलास संदीपन ने एसडीएम और डीईओ को जांच के लिए स्कूल भेजा। दोनों अफसरों ने अपनी जांच रिपोर्ट में जिक्र किया है कि उन्हें शिकायत मिली थी।
इसके बाद उन्होंने स्कूल की प्राचार्य सिस्टर ट्रिसा से संपर्क किया। इस दौरान प्राचार्य ने उन्हें कहा कि स्कूल बंद है। इसके बाद भी अभिभावकों की शिकायतों का दौर नहीं थमा। तब प्रशासन ने पुलिस बल के साथ स्कूल की जांच की। यहां टीम ने पाया कि परिसर में इसाई बच्चों के साथ हिंदू बच्चों को भी इसाई धर्म की शिक्षा दी जा रही थी।
पूछताछ से पहले भाग निकले धर्मगुरु
एसडीएम और डीईओ जब पुलिस बल के साथ स्कूल परिसर तो वहां तकरीबन 200 से अधिक छात्र धर्मसभा में मौजूद थे। यहां इसाई समुदाय के एक धर्मगुरु भी मौजूद थे। अफसरों ने उनसे पूछताछ की कोशिश की लेकिन वे मौके से गाड़ी में बैठकर भाग निकले। इसके बाद परिसर में तनाव की स्थिति निर्मित होने लगी। माहौल खराब होता देख अफसरों ने स्कूल के छात्र-छात्राओं को घर भेज दिया। इसके बाद अफसरों ने अपनी जांच की और जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी।
देखें वीडियो आखिर क्या कह रही हैं प्राचार्य
गुमराह करती Carmel School प्राचार्य ने मानी गलती
प्रारंभिक सूचना के बाद अफसरों ने कार्मेल स्कूल की प्राचार्य सिस्टर ट्रिसा को कॉल किया था। उनसे यह जानने की कोशिश की गई थी कि राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन भी बच्चों को स्कूल क्यों बुलाया गया। इस पर उन्होंने अफसरों को गलत जानकारी देते हुए कहा था कि आज स्कूल बंद है और प्रबंधन ने किसी को स्कूल नहीं बुलाया है। लेकिन जब अफसर स्कूल पहुंच गए तो प्राचार्य सिस्टर ट्रिसा ने मौखिक तौर पर स्वीकारा कि तकरीबन 200 बच्चे यूनीफॉर्म में स्कूल आए थे और अवकाश वाले दिन भी स्कूल का संचालन किया जा रहा था।
सरस्वती पूजा का नहीं किया गया था आयोजन
सालों से विवादों में रहे इस स्कूल पर मिशनरी को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है। हालिया वाक्ये के अलावा सरस्वती पूजा नहीं कराकर भी प्रबंधन ने फजीहत मोल ली थी। सरस्वती पूजा नहीं कराए जाने को लेकर भी स्थानीय लोगों एवं अभिभावकों ने इसका विरोध किया था। मामले के तूल पकड़ने से पहले ही इसे शांत कर लिया गया था। इससे पहले छठवीं एक छात्रा ने भी स्कूल की सिस्टर मर्सी पर आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर लिया था। इसके बाद भी यहां विवाद की स्थिति बन गई थी। जांच के बाद सिस्टर मर्सी को जेल भेज दिया गया था।