Saturday, January 11, 2025
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यदि आप भी मोबाइल में 2 सिम लगाते हैं तो देने पड़ सकते हैं पैसे, भारत सरकार के इस फैसले से 2 सिम वालों की बढ़ जाएगी मुसीबत

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0 सरकार अब एक फोन में 2 सिम कार्ड यूज करने वालों पर जुर्माना लगाने की कर रही है तैयारी, इस फैसले के बाद मोबाइल ऑपरेटर्स यूजर्स से वसूल सकते हैं शुल्क

यदि आप भी अपने मोबाइल में 2 सिम कार्ड (Dual sim) का उपयोग करते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। यदि दो में से कोई एक सिम डीएक्टिव अर्थात निष्क्रिय अवस्था में रहता है तो उस सिम कार्ड के लिए अब शुल्क देना पड़ सकता है। दरअसल TRAI (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) ने मोबाइल ऑपरेटरों के लिए एक प्लान बनाया है, इसके अनुसार वे मोबाइल फोन या लैंडलाइन नंबरों के लिए यह शुल्क ले सकते हैं। इस स्थिति में मोबाइल ऑपरेटर यह शुल्क यूजर्स से वसूल सकते हैं।

दरअसल मोबाइल यूजर्स की संख्या कम न हो जाए, इस वजह से मोबाइल ऑपरेटर उन सिम कार्डों को बंद नहीं कर रहे हैं जो लंबे समय से एक्टिव नहीं हैं। जबकि नियम यह कहता है कि यदि किसी सिम कार्ड को लंबे समय तक रिचार्ज नहीं कराया जाता है तो उसे ब्लैकलिस्ट करना होता है।

इस स्थिति में TRAI ने मोबाइल ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाने की योजना बनाई है। इसके परिणामस्वरूप टेलिकॉम कंपनियां यह बोझ आम यूजर्स पर डाल सकती हैं।

चार्ज वसूलने के पीछे है ये वजह

यदि हम ईटी की रिपोर्ट मानें तो देश में मोबाइल नंबरों की कमी की समस्या उत्पन्न हो रही है। अधिकांश मोबाइल यूजर्स अपने मोबाइल में 2 सिम कार्ड का उपयोग करते हैं, जिसमें से एक एक्टिव जबकि दूसरा बहुत कम या नहीं के बराबर उपयोग किया जाता है। इस स्थिति को देखते हुए मोबाइल नंबरों पर शुल्क वसूलने का प्लान बनाया गया है।

करोड़ों नंबर लंबे समय से नहीं है एक्टिव

TRAI के आंकड़े बताते हैं कि भारत में इन दिनों में 219.14 मिलियन से अधिक मोबाइल नंबर लंबे समय से एक्टिव नहीं हैं। यह कुल मोबाइल नंबरों का लगभग 19 प्रतिशत है। यह एक बड़ी समस्या बनी हुई है। सरकार के पास मोबाइल नंबर स्पेसिंग का अधिकार है। सरकार ही मोबाइल ऑपरेटरों को मोबाइल नंबर सीरीज जारी करती है।

इन देशों में वसूला जाता है चार्ज

जिन देशों में मोबाइल नंबर के लिए टेलिकॉम कंपनियां शुल्क लेती हैं, उनमें नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, बेल्जियम, फिनलैंड, यूके, लिथुआनिया, कुवैत, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, ग्रीस, हांगकांग, बुल्गारिया और डेनमार्क जैसे देश शामिल हैं।

प्रीमियम नंबर की हो सकती है नीलामी

अगर आपका नंबर प्रीमियम है और एक्टिव नहीं होने के कारण उसे बंद कर दिया जाता है तो ऐसे प्रीमियम मोबाइल नंबर को 50 हजार रुपये तक की नीलामी में रखा जा सकता है। ठीक इसी प्रक्रिया के तहत ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में नंबर प्लेट की नीलामी की जाती है।

Gangrape: शादी कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रही नाबालिग को अगवा कर गैंगरेप, बेहोश हुई तब दरिंदों ने छोड़ा, 4 गिरफ्तार

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0 सहेलियां भी थीं साथ लेकिन अगवा करने आए युवकों के डर से वहां से भाग निकलीं, रातभर जंगल में ही पड़ी रही पीडि़ता, सुबह पहुंची घर, आरोपियों में 2 नाबालिग भी शामिल

अंबिकापुर। 9 जून की रात शादी समारोह में शामिल होकर सहेलियों के साथ घर लौट रही 13 वर्षीय बालिका को अगवा कर 2 नाबालिग समेत 4 युवकों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। चारों ने शहर से लगे जंगल में वारदात को अंजाम दिया। बलात्कार (Gangrape) के दौरान जब बालिका बेहोश हो गई तब दरिंदों ने उसे छोड़ा और वहां से भाग निकले। रातभर बालिका जंगल में ही पड़ी रही। सुबह वह घर पहुंची, लेकिन किसी को कुछ नहीं बताया। जब मां ने उसे शांत हालत में देखा तो उससे पूछताछ की तो उसने पूरी बात बताई। घटना के तीसरे दिन बालिका अपने परिजन के साथ महिला थाना पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 2 नाबालिग समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

9 जून को 13 वर्षीय बालिका जिस शादी समारोह में शामिल होने गई थी, वहां वे 2 आरोपी भी शामिल हुए थे, जिन्होंने उसे अगवा किया था। जब बालिका अपने सहेलियों के साथ घर लौटने लगी तो रास्ते में बाइक अड़ाकर दोनों आरोपी खड़े हो गए।

इसके बाद उन्होंने बालिका को जबरदस्ती गोद में उठाकर बाइक में बैठाया और जंगल की ओर ले गए। यहां दोनों ने उससे बारी-बारी से बलात्कार (Gangrape) किया। इसके बाद दोनों ने फोन कर 2 अन्य दोस्तों को बुला लिया।

इसके बाद दोनों ने भी उससे बलात्कार किया। बलात्कार के दौरान जब पीडि़ता बेहोश हो गई तो वे उसे जंगल में ही छोडक़र फरार हो गए। बेहोशी की हालत में रातभर पीडि़ता जंगल में ही पड़ी रही।

इधर डर से उसकी सहेलियों ने भी घटना की जानकारी किसी को नहीं दी। वहीं बालिका को जब दूसरे दिन सुबह होश आया तो वह घर पहुंची। पीडि़ता की मां ने उससे पूछताछ की तो उसने पूरी बात बताई।

चारों आरोपी गिरफ्तार

पीडि़ता 12 जून को परिजनों के साथ महिला थाने पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट पर पुलिस आरोपियों के खिलाफ धारा 341, 363, 376 सी, 376 डी, आईपीसी एवं धारा 6 पॉक्सो एक्ट का अपराध दर्ज कर गैंगरेप में शामिल 2 नाबालिग सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेज दिया है।

Video: छत्तीसगढ़ में पकड़ी गई मध्यप्रदेश की 181 पेटी ब्रांडेड शराब, अंबिकापुर से है कनेक्शन, पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में किया पीछा तो शराब से भरा पिकअप छोड़ भागा तस्कर

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0 रात्रि गश्त पर निकली पुलिस को देखकर भागने लगे शराब तस्कर, अंतरराज्यीय शराब तस्करों के गिरोह पर जीपीएम पुलिस की कार्रवाई, मरवाही पुलिस ने पकड़ा एमपी की अंग्रेजी शराब का जखीरा

जीपीएम। छत्तीसगढ़ की मरवाही पुलिस ने गुरुवार की अलसुबह फिल्मी स्टाइल में पीछा कर अवैध तरीके से एमपी की शराब परिवहन करते एक पिकअप वाहन को पकड़ा है। हालांकि शराब तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे, लेकिन पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पिकअप में 181 पेटी ब्रांडेड अंग्रेजी शराब यानी कुल 1420 लीटर भरी थी। शराब तस्करों का कनेक्शन अंबिकापुर, सरगुजा के बड़े अंतरराज्यीय शराब तस्कर से जुड़े होने की पुख्ता जानकारी आ रही है। पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

गौरतलब है कि थाना मरवाही के एएसआई चंदन सिंह और आरक्षक नारद जगत रात्रि गश्त दौरान जब रात 3:30 बजे चलचली रोड पर थे। इसी दौरान संदिग्ध सफेद पिकअप का चालक इनके वाहन को देखकर अचानक गाड़ी मोड़ने लगा। संदेह होने पर पुलिस टीम ने इनकी ओर गाड़ी तेज कर दी।

यह देख पिकअप चालक ने दोबारा कोटमी रोड पर गाड़ी तेजी से निकाल दी, जिसका पुलिस गश्त टीम ने पीछा किया, जब पिकअप चालक को लगा कि वो पकड़ाने वाला है तो वह पिकअप खड़ा कर भाग खड़ा हुआ। जब पुलिस की टीम ने उसका पीछा किया गया तो वह अंधेरे का फायदा उठाकर वह भाग निकला।

अंबिकापुर से जुड़ा हुआ है तार

जब पुलिस ने पिकअप वाहन को चेक किया तो कई पेटियों में ब्रांडेड अंग्रेजी शराब मिली। वाहन की चेकिंग में टोल की पर्चियों समेत जो कागज मिले हैं उनसे इस तस्करी का कनेक्शन एमपी और सरगुजा से जुड़ता परिलक्षित होता है।

संभवतः अंबिकापुर क्षेत्र के बड़े अंतरराज्यीय शराब तस्कर के इसमें शामिल होने की संभावना लग रही है। मामले की जानकारी मिलते ही जिले की एसपी आईपीएस भावना गुप्ता ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल की मॉनिटरिंग में साइबर की टीम को भी आरोपियों की धरपकड़ में लगाया गया है।

इतनी मात्रा में मिली है शराब

फिलहाल मरवाही पुलिस द्वारा पिकअप वाहन समेत 181 पेटी, जिसमें लगभग 1400 लीटर की ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की बॉटल जब्त गई है। इसमें बोल्ट ब्रांड की बीयर , ब्लेंडर प्राइड , मैकडोनाल्ड, रॉयल स्टैग बैगपाइपर और भारी मात्रा में गोवा ब्रांड की शराब शामिल है। सभी शराब की बॉटल मध्यप्रदेश निर्मित हैं।

संभावित रूट पर सीसीटीवी फुटेज की जांच भी की जा रही है। फरार पिकअप चालक के साथ अन्य रेकी कम पायलटिंग टीम के जुड़े होने की संभावना भी है ऐसे में पाइलेटिंग वाहन की भी पतासाजी के प्रयास भी जारी हैं। कार्रवाई में उप निरीक्षक श्यामलाल गढ़ेवाल, एएसआई चंदन सिंह और आरक्षक नारद जगत की सक्रिय भूमिका रही।

भाजयुमो नेता और उसकी पत्नी ने की आत्महत्या, शहर से घर लौटते ही खुद को कमरे में बंद कर उठा लिया खौफनाक कदम

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0 अंबिकापुर शहर के एक निजी अस्पताल में काम करता था मृतक, पत्नी और 3 साल के बच्चे के साथ रहता था किराए के मकान में, अचानक ऐसा क्यों किया, नहीं चल सका है पता

बलरामपुर। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के एक भाजयुमो नेता ने अपनी पत्नी के साथ 10 जून की दोपहर जहर सेवन कर आत्महत्या कर ली। जहर के प्रभाव से दोनों की मौत हो गई । भाजयुमो नेता अंबिकापुर शहर में किराए के मकान में रहकर एक निजी अस्पताल में काम करता था। वह पत्नी वह अपने 3 साल के बच्चे के साथ उसी दिन अपने गांव लौटा था, फिर पति-पत्नी ने खुद को कमरे में बंद कर खौफनाक कदम उठा लिया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि आखिर क्या वजह रही कि दोनों ने ऐसा कदम उठाया।

रामचंद्रपुर विकासखंड स्थित ग्राम डिंडो निवासी राकेश गुप्ता 28 वर्ष भाजपा युवा मोर्चा में मंडल सनावल का पदाधिकारी भी था। उसकी शादी करीब 4 वर्ष पूर्व ग्राम मेंढारी निवासी अंजू गुप्ता से हुई थी। राकेश अंबिकापुर में किराए के मकान में रहकर वहीं निजी अस्पताल में भी कार्य करता था।

CG commits suicide

वह 10 जून की दोपहर करीब 2.30 बजे अंबिकापुर से पत्नी व 3 साल के बच्चे के साथ डिंडो आया था। घर के नजदीक ही राकेश के भाई की दुकान है। वहां जाकर उसने भाई से अपने बच्चे का एलआईसी का प्रीमियम पटाने की बात कही कही। फिर बच्चे को भाई के पास छोडक़र पति-पत्नी कमरे में चले गए। यहां दोनों ने जहर सेवन कर लिया।

पत्नी की घर पर तो पति की रास्ते में मौत

जहर सेवन से पत्नी की घर पर ही मौत हो गई, जबकि राकेश को परिजन वाड्रफनगर अस्पताल ले जा रहे थे,लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि जब राकेश के पिता घर लौटे तो दोनों के कमरे का दरवाजा बंद देख उन्हें शक हुआ। उन्होंने आवाज लगाई तो कोई जवाब नहीं मिला।

इसके बाद उन्होंने दरवाजा तोड़कर भीतर प्रवेश किया तो बहू के मुंह से झाग निकल रहा था। वही बेटे की हालत भी खराब थी। दोनों ने उल्टियां भी की थी। सूचना पर डिंडो पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

अंबिकापुर सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के पूर्व छात्र जनरल उपेंद्र द्विवेदी बने थल सेनाध्यक्ष, जानिए, यहां कब की थी पढ़ाई?

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0 विद्या भारती को मिली दोहरी खुशी, एक आचार्य बना ओडिशा सीएम तो वहीं दूसरे सरस्वती शिशु मंदिर अंबिकापुर के पूर्व छात्र ने किया नगर समेत पूरे देश को गौरवान्वित

अंबिकापुर। अंबिकापुर के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल देवीगंज रोड में पढ़ाई कर चुके छात्र उपेंद्र द्विवेदी अब भारतीय नौसेना की कमान संभालेंगे। जी हां, जनरल उपेंद्र द्विवेदी भारत के नये थल सेनाध्यक्ष होंगे। वे 30 जून को अपना पदभार ग्रहण करेंगे। यह क्षण अंबिकापुर ही नहीं बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित करने वाला है।

गौरतलब है कि वर्ष 1971 में उपेंद्र द्विवेदी ने शहर के देवीगंज स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में नियमित छात्र के रूप में पढ़ाई की है। सरस्वती शिक्षा संस्थान हेडक्वार्टर रायपुर के सचिव विवेक सक्सेना, अध्यक्ष जुड़ावन सिंह ठाकुर , संगठन मंत्री डा. देवनारायण साहू , गौरीशंकर कटकवार , समन्वयक राजेश मिश्रा, विष्णु गुप्ता, संस्कार श्रीवास्तव , देवीगंज समिति के व्यवस्थापक बसंत कुमार गुप्ता, सुभाषचन्द्र अग्रवाल, प्राचार्य मीरा साहू , आचार्य परिवार सभी पूर्व छात्र ने स्कूल को मिली इस उपलब्धि पर हर्ष जाहिर किया है।

1972-73 में उत्तीर्ण की थी 5वीं की परीक्षा

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने वर्ष 1972-73 में अंबिकापुर के सरस्वती शिशु मंदिर से पांचवी कक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके बाद जुलाई 1973 में उन्होंने सैनिक स्कूल रीवा में प्रवेश लिया था। उन्होंने वर्ष 1981 में एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) में प्रवेश लिया। 1984 में उन्हें पहला कमीशन मिला था।

पूर्व आचार्य बने ओडिशा सीएम

सरस्वती शिशु मंदिर में आचार्य रहे मोहन चरण मांझी ओडिशा में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री होंगे। इस बात की जानकारी होने पर सरस्वती शिक्षा संस्थान के प्रचार प्रमुख संस्कार श्रीवास्तव ने खुशी जाहिर करते हुए उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी को बधाई शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

उन्होंने कहा है कि सरस्वती शिशु मंदिर समाज को अनुशासन सिखाता है। अब आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद ओडिशा का प्रशासन अनुशासन के तौर पर और मजबूत होगा हम सभी आचार्य इस बात की उम्मीद करते हैं।

नमनाकला हाउसिंग बोर्ड के पास अतिक्रमण कर बना लिए गए थे 3 घर, कमिशनर-एसडीएम ने चलवाया बुलडोजर

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0 शहर के नमनाकला हाउसिंग बोर्ड के आगे शासकीय नाले एवं भूमि पर 3 लोगों द्वारा किया गया था अतिक्रमण, प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में निगम के उड़नदस्ते की टीम ने कराया कब्जा मुक्त

अंबिकापुर। शहर की शासकीय जमीनों पर लगातार लोगों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। शिकायत मिलने पर नगर निगम की उड़न दस्ता टीम द्वारा कार्रवाई की जाती है। जबकि अधिकांश मामलों में सेटिंग कर मामला निपटा दिया जाता है। यही वजह है कि कई शासकीय जमीन आज तक अतिक्रमणकारियों कब्जे में हैं।

इसी कड़ी में शहर के नमनाकला हाउसिंग बोर्ड के ऊपर शासकीय नाले व जमीन पर 3 लोगों द्वारा अतिक्रमण करने की शिकायत मिलने पर कमिश्नर व एसडीएम ने बुधवार की सुबह बुलडोजर चलवा दिया।

गौरतलब है कि शहर के नमनाकला हाउसिंग बोर्ड के पास शासकीय नाले और जमीन पर 3 लोगों द्वारा घर बनाकर अतिक्रमण किया गया था।

इसकी शिकायत मिलने पर निगम कमिश्नर व एसडीएम उड़न दस्ता टीम के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने तीनों अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाकर उसे ढहा दिया।

कमिश्नर और एसडीएम द्वारा अतिक्रमण को कब्जे से मुक्त करा लिया गया है। पूरी कार्रवाई बुधवार की सुबह टीम द्वारा की गई।

अस्पताल के फर्श महिला का प्रसव मामला: हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य संचालक, सरगुजा कलेक्टर, सीएमएचओ और सीएस को जारी किया नोटिस

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बिलासपुर। अंबिकापुर में दरिमा क्षेत्र अंतर्गत नवानगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्श पर महिला का प्रसव कराया गया था। इस मामले में कार्रवाई करते हुए जहां राज्य सरकार ने बीएमओ को निलंबित कर दिया है, वहीं मितानिन को हटा दिया गया है। अब हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया, जिस पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से हलफनामे पर जवाब तलब किया है। मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य संचालक, कलेक्टर सरगुजा के साथ सीएमएचओ अंबिकापुर, सिविल सर्जन अंबिकापुर और मेडिकल ऑफिसर नवानगर को नोटिस जारी किया है।

सरगुजा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर में 8 जून को प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला पहुंची थी। इस दौरान डॉक्टर व स्टाफ नर्स ड्यूटी से नदारद थे। एएनएम मीना चौहान ने दोनों को फोन लगाया लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया।

अंत में महिला का अस्पताल में ही जमीन पर प्रसव कराया गया। इस मामले में जब बवाल मचा तो जांच के बाद 9 जून को सीएमएचओ द्वारा एक स्टाफ नर्स कन्या पैंकरा को निलंबित करने के साथ ही एएनएम को हटा दिया गया था।

वहीं इस मामले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर 9 जून की देर शाम राज्य सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भफौली के बीएमओ डॉ. पीएन राजवाड़े को भी निलंबित कर दिया था।

हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

जमीन पर प्रसव मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। उन्होंने मुख्य सचिव ने जहां हलफनामे पर जवाब तलब किया है, वहीं स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य संचालक, सरगुजा कलेक्टर, सरगुजा सीएमएचओ, अंबिकापुर सीएस व नवानगर मेडिकल ऑफिसर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

Video: बलोदा बाजार हिंसा: अब तक 100 से अधिक लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी, कलेक्टोरेट में हिंसा के बाद धारा 144 लागू

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0 छत्तीसगढ़ के बलोदा बाजार कलेक्टोरेट परिसर में सतनामी समाज के लोगों ने सोमवार को किया था उग्र प्रदर्शन, कलेक्टर ऑफिस में पथराव के साथ ही लगा दी थी आग, 20 से अधिक कार व करीब 100 से अधिक बाइक जलकर हो गई थी खाक

बलोदा बाज़ार। सतनामी समाज द्वारा गिरौदपुरी से लगे अमर गुफा स्थित धार्मिक स्थल में शरारती तत्वों द्वारा जैतखाम काटने को लेकर बलोदा बाजार कलेक्टोरेट में सोमवार को उग्र प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर ऑफिस में पथराव करने के अलावा आग लगा दी थी। आग से बिल्डिंग्स के अलावा 20 से अधिक कार व 100 से अधिक बाइक जलकर खाक हो गए। आलम यह था कि 3 हजार से 4 हजार लोगों की भीड़ के हमले में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। इस मामले में शासन ने कड़ा एक्शन लेते हुए अब तक 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। वहीं जिले से लेकर शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है।

गौरतलब है कि जैतखाम तोडऩे के मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में सतनामी समाज के लोगों का कहना था कि गलत लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि असली आरोपी बाहर घूम रहे हैं।

इस मामले में डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने 2 दिन पूर्व ही न्यायिक जांच की घोषणा की थी। इधर सतनामी समाज द्वारा सोमवार को कलेक्टोरेट कार्यालय घेराव करने की चेतावनी दी गई थी। शासन-प्रशासन ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन की उम्मीद की थी लेकिन समाज के 3-4 हजार लोगों ने कलेक्टोरेट में घुसकर उग्र प्रदर्शन किया।

ऐसे में पुलिस महकमा भी एक्शन में आ गया और लाठियां भांजनी शुरु कर दी। इसके बाद दोनों तरफ से बवाल मच गया। हमले में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

सीएम ने मांगी रिपोर्ट, कड़ी कार्रवाई के निर्देश

बलोदा बाजार कलेक्टोरेट परिसर में उग्र प्रदर्शन के मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सीएम हाउस में उच्च स्तरीय बैठक करआईजी व कमिश्नर को तत्काल घटनास्थल पर भेजा। मुख्य सचिव और डीजीपी से घटना की रिपोर्ट भी मंगाई है। सीएम ने सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं और सभी से शांति व सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।

डिप्टी सीएम बोले- दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

इस मामले में डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कही भी सामाजिक सौहाद्र्र बिगाडऩे वाली घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे कृत्य करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने सभी से सामाजिक सौहाद्र्र बनाए रखने की अपील भी की है।

वहीं पूर्व विधायक गुरु रुद्रकुमार का कहना है कि आज की घटना निंदनीय है, लेकिन राज्य सरकार पहल करती तो यह घटना नहीं होती। आज की घटना क्यों घटी इसकी भी जांच होनी चाहिए।

इस घटना के पीछे कौन असामाजिक तत्व है। शासन-प्रशासन की कितनी लापरवाही है। या फिर समाज को बदनाम करने के लिए कोई साजिश तो नहीं रची गई है। इन सब मामलों की शासन को जांच करना चाहिए।

अतिरिक्त बल की तैनाती, भूपेश बघेल ने ये कहा

इस घटना के बाद बलोदा बाजार में अन्य जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। एसएसपी संतोष सिंह ने बताया कि घटना के बाद रायपुर से अतिरिक्त बल भेजा गया है। मामले पर पूरी नजर रखी जा रही है। शांति व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि बलौदाबाजार में हुई हिंसा की घटना चिंताजनक है। यदि शासन-प्रशासन ने समय पर आवश्यक कदम उठाए होते तो लोगों की नाराजगी को इस हद तक जाने से रोका जा सकता था।

Video: जैतखाम तोड़फोड़ मामला: सतनामी समाज ने कलेक्टोरेट और एसपी कार्यालय में तोड़फोड़, हिंसा के बाद लगाई आग, 100 से ज्यादा कार और 200 बाइक जलकर खाक

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0 बलौदा बाजार कलेक्टोरेट परिसर में प्रदर्शन करने पहुंचे थे सतनामी समाज के लोग, जैतखाम तोड़फोड़ करने वालों की कर रहे थे गिरफ्तारी की मांग, प्रदर्शन और झूमाझटकी के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल

बलौदा बाजार। 17 मई को बलौदा बाजार जिले के गिरौदपुरी धाम से 5 किलोमीटर दूर माना कोनी बाघिन गुफा (अमर गुफा) में स्थित जैतखाम और सतनामी समाज के धार्मिक स्थल में असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ की थी। इससे सतनामी समाज के लोग काफी आक्रोशित हैं। यह आक्रोश आज फूट पड़ा। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 5000 से अधिक सतनामी समाज के लोग 10 जून को कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस दौरान गुस्साए समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय परिसर में तोड़फोड़ के बाद गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।

आगजनी के कारण कलेक्टोरेट बिल्डिंग, एसपी बिल्डिंग सहित अन्य भवन जहां जलकर खाक हो गए, वहीं 100 से अधिक कार और 200 से अधिक बाइक भी जल गई। पूरे कलेक्ट्रेट परिसर में हड़कंप मच गया और कर्मचारी कार्यालयों में ही फंस गए। उन्हें पिछले रास्तों से निकालने का काम जारी है।

सतनामी समाज के लोगों को रोकने परिसर के बाहर बेरीकेडिंग भी की गई थी, लेकिन इसे तोड़ते हुए वे आगे बढ़ गए। इस दौरान उनकी पुलिसकर्मियों से झूमाझटकी और हमले भी हुए, इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

गृहमंत्री ने कहा- कार्रवाई होगी

इस मामले में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सतनामी समाज के विभिन्न संगठनों एवं प्रतिनिधियों की मांग पर गिरौदपुरी धाम के पवित्र अमर गुफा के नजदीक जैतखांभ में तोड़फोड़ मामले की जांच की जाएगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार उपमुख्यमंत्री एवं उन्होंने इस मामले के लिए न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है। उन्होंने दो टूक कहा कि प्रदेश में कही भी सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे कृत्य करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री में क्या अंतर होता है? आप भी जान लें ये बात…

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0 लोकसभा सीट के 15 प्रतिशत सांसद को ही बनाया जा सकता है मंत्री, पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में 71 सांसदों ने भी ली है मंत्री पद की शपथ

18वीं लोकसभा का चुनाव खत्म हो गया और नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। 9 जून को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। पीएम मोदी के साथ ही 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इसमें कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व राज्य मंत्री शामिल हैं। क्या आप जानते हैं कि कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व राज्य मंत्री में क्या अंतर होता है। आज हम आपको ये बताएंगे। इसके लिए आप पहले पूरी खबर पढ़ें-

हम आपको बता दें कि मोदी 3.0 में बना मंत्रिमंडल अब तक मोदी सरकार का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल है। 2014 में मोदी कैबिनेट में 46 सांसद मंत्री बने थे। 2019 में 59 सांसद मंत्री बने, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 71 तक पहुंच चुका है। संविधान में 81 मंत्रियों की सीमा तय है।

ऐसे में मोदी सरकार में 9 मंत्री और बन सकते हैं। संविधान के 91वें संशोधन के अनुसार लोकसभा के कुल सदस्यों में से 15 प्रतिशत को ही मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं, इसलिए कैबिनेट में 81 मंत्री ही हो सकते हैं।

ऐसे होता है मंत्रिमंडल का गठन

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति मंत्रिमंडल का गठन करते हैं। मंत्रिमंडल में 3 तरह के मंत्री होते हैं, जिनमें कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री होता है।

मंत्रिमंडल में सबसे ताकतवर कैबिनेट मंत्री होता है। उसके बाद राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और फिर राज्य मंत्री होता है। लेकिन कुछ लोग इन मंत्रियों में फर्क नहीं कर पाते और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री को भी कैबिनेट मंत्री समझ लेते है अगर आपको भी ये बात नहीं समझ में आती की इन तीनों में क्या फर्क होता है तो इस आर्टिकल में आपकी परेशानी दूर हो जाएगी।

इसके साथ ही आपको ये भी पता चल जाएगा कि जिन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, उन्हें बाकी सांसदों की तुलना में हर महीने अलग से भत्ता भी मिलता है।

कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री में अंतर

कैबिनेट मंत्री-

कैबिनेट मंत्री सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। इन्हें जो भी मंत्रालय दिया जाता है, उसकी पूरी जिम्मेदारी उनकी ही होती है। कैबिनेट मंत्री के पास एक से ज्यादा मंत्रालय भी हो सकता हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में कैबिनेट मंत्री का शामिल होना जरूरी होता है क्योंकि सरकार अपने सभी फैसले कैबिनेट बैठक में ही लेती है। इसी दौरान मंत्री अपने विभाग की रिपोर्ट और सुझाव प्रधानमंत्री को सौंपते हैं।

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

कैबिनेट मंत्री के बाद स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री होते हैं। इनकी भी सीधी रिपोर्टिंग प्रधानमंत्री के पास ही होती है। इनके पास अपना मंत्रालय होता है। इनके ऊपर कोई कैबिनेट मंत्री नहीं होता। स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री कैबिनेट की बैठक में शामिल होते है।

राज्य मंत्री

कैबिनेट मंत्री की मदद के लिए राज्य मंत्री बनाए जाते हैं। इनकी रिपोर्टिंग कैबिनेट मंत्री को होती है। एक मंत्रालय में एक से ज्यादा भी राज्य मंत्री बनाए जा सकते हैं। कैबिनेट मंत्री की गैरमौजूदगी में मंत्रालय की सारी जिम्मेदारी राज्य मंत्री की होती है। राज्य मंत्री कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं होते।