Saturday, January 11, 2025
Home Blog Page 135

खंभे पर चढ़कर बिजली तार की मरम्मत कर रहा था लाइनमैन, अचानक किसी ने शुरू कर दी सप्लाई, चिपक कर हो गई मौत

0
Bastar division, Kanker, accident, negligence. Lyman's death
Bastar division, Kanker, accident, negligence. Lyman's death
0 प्रारंभिक जांच में काम के दौरान बिना सूचना अचानक बिजली सप्लाई शुरू करने की बात आई सामने

कांकेर। जिले में विद्युत संधारण के दौरान फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है। लाइनमैन की करंट लगने से जान चली गई। इसमें विभागीय समन्वय की कमी सामने आई है। बताया जाता है कि सुधार कार्य करने लाइनमैन खंभे पर चढ़ा था कि बिना किसी सूचना व संबंधितों से चर्चा किए बगैर अचानक बिजली सप्लाई शुरू कर दी गई। घटना के बाद लाइनमैन काफी देर तक खंभे से चिपका रहा।

घटना कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र का है। बारिश से कोयलीबेड़ा क्षेत्र में बिजली वितरण का काम ठप हो गया था। उसी को दुरूस्त करने लाइनमैन खंभे पर चढ़ा था। सुलंगी गांव क्षेत्र के लाइनमैन किशुन दर्रो की जिम्मेदारी में है। बिजली गुल होने पर वह खंभे पर चढ़ कर तारों को ठीक कर रहा था। इसी समय विभाग के लोगों ने अचानक गांव में बिजली की लाइन शुरू कर दी।

इससे बिजली के तार में करंट प्रवाहित होने लगा और चिपक कर उसकी मौत हो गई। बिजली सप्लाई बंद न किए जाने से मृतक किशुन का शव देर तक खंभे से चिपका रहा। आधे घंटे के बाद बिजली बंद कर उसका शव नीचे उतारा गया और स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना के संबंध में थाना प्रभारी मालिक राम ने बताया कि बिजली विभाग के जेईई ने सूचना दी कि सुलंगी गांव में करंट लगने से लाइनमैन की मौत हो गई है। उसके बाद टीम भेजी गई, फिर खंभे से शव उतार कर पीएम के लिए भेजा गया।

प्रारंभिक जांच में विभागीय लापरवाही आई सामने

मामले की प्रारंभिक जांच में बिजली विभाग की लापरवाही सामने आई है। विभाग अपने कर्मचारियों को बिना सुरक्षा उपकरण जान जोखिम में डालकर बिजली के काम करवा रहा है। ऐसी घटना पहले भी हो चुकी है, पर भी लाइनमैनों की जान की सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीर नहीं है।

कृषि मंत्री के तल्ख तेवर देख अधिकारियों में हड़कंप, मंच से दी चेतावनी, बोले- अब अधिकारी भ्रष्टाचार करेंगे तो छिपेगा नहीं, 7.77 करोड़ के घोटाले का दिया उदाहरण

0

0 एक कार्यक्रम में शामिल होने रामानुजगंज पहुंचे थे कृषि मंत्री रामविचार नेताम, पीडब्ल्यूडी और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दी चेतावनी

बलरामपुर। प्रदेश के कृषि मंत्री व रामानुजगंज विधायक रामविचार नेताम ने मंगलवार को रामानुजगंज में आयोजित एक कार्यक्रम में पीडब्ल्यूडी और जल संसाधन विभाग की अधिकारियों को मंच से चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा कि पूर्व में भ्रष्टाचार कर लिए, लेकिन यह चलेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी यदि भ्रष्टाचार करेंगे तो अब छिपेगा नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि पहले जिस तरह से अफसरों ने काला पीला किया है अब वह नहीं चल पाएगा। कृषि मंत्री के तल्ख तेवर देख अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

कृषि मंत्री नेताम ने उदाहरण देते हुए कहा कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने पूर्व में गम्हरिया डेम का निर्माण कागजों में दिखाकर 7.77 करोड़ रुपए का घोटाला किया। इसके बावजूद उनपर कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। कृषि मंत्री ने कहा की 5 साल पहले विधायक बृहस्पति सिंह के गांव गम्हरिया में डेम का निर्माण होना था। इसमें अन्य किसानों के साथ विधायक बृहस्पति सिंह का खेत भी शामिल था। इस दौरान जल संसाधन विभाग के तत्कालीन ईई यूएस राम ने बिना निर्माण कराए ही करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार कर दिया। जांच के भी आदेश तो हुए लेकिन मामले की लीपा पोती कर दी गई।

कांग्रेस सरकार में जमकर भ्रष्टाचार, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई

मंत्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 5 साल कांग्रेस की सरकार रही और तब क्षेत्रीय विधायक बृहस्पति सिंह थे। इसके बाद भी गमहरिया डैम मामले में जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने साफ शब्दों में ऑफिसरों को कहा कि अब भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बलरामपुर जिले में जल संसाधन विभाग में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कई बड़े घोटाले हुए हैं। इनमें खूंटपाली परियोजना सहित कई बड़े प्रोजेक्ट हैं।

क्या आपको पता है कि IRCTC हमें मनचाहा सीट चुनने की अनुमति क्यों नहीं देता? इसके पीछे ये है तकनीकी (Physics) वजह

0

0 भारतीय रेलवे टिकट बुकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से टिकटों की करता है बुकिंग, सॉफ्टवेयर इस तरह से सीटें बुक करता है कि सभी कोचों में एक समान यात्री वितरण हो

ट्रेनों में सफर करना सुरक्षित और सुविधाजनक होता है। यदि हमें कभी लंबी यात्रा करनी हो तो ट्रेनों को ही तवज्जो देते है। लेकिन जब हम ट्रेन की सीट बुक करते हैं तो हमें मनचाही सीट नहीं मिलती है। क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है? ट्रेन में सीट बुक करना किसी थिएटर में सीट बुक करने से कहीं अधिक अलग है। थिएटर एक हॉल है, जबकि ट्रेन एक चलती हुई वस्तु है। इसलिए ट्रेनों में सुरक्षा की चिंता बहुत अधिक है।

सॉफ्टवेयर बुक करता है टिकट

भारतीय रेलवे टिकट बुकिंग सॉफ्टवेयर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह ट्रेन में समान रूप से लोड वितरित करने के हिसाब से टिकट बुक करेगा। इसे इस प्रकार समझ सकते हैं। मान लें कि ट्रेन में S1, S2 S3… S10 नंबर वाली स्लीपर क्लास के कोच हैं और प्रत्येक कोच में 72 सीटें हैं।

जब कोई पहली बार टिकट बुक करता है, तो सॉफ्टवेयर मध्य कोच में एक सीट आवंटित करेगा। अर्थात S5 में बीच की सीट और 30-40 के बीच की संख्या वाली सीट। वहीं सॉफ्टवेयर पहले ऊपरी वाले की तुलना में निचली बर्थ को भरता है ताकि कम गुरुत्वाकर्षण केंद्र प्राप्त किया जा सके।

सभी कोच में एक समान यात्री का वितरण

हम आपको ये भी बता दें कि सॉफ्टवेयर इस तरह से सीटें बुक करता है कि सभी कोचों में एक समान यात्री वितरण हो और सीटें बीच की सीटों 36 से शुरू होकर गेट के पास की सीटों तक यानी 1-2 या 71-72 से निचली बर्थ से ऊपरी तक भरी जाती हैं।

रेलवे सिर्फ एक उचित संतुलन बनाना चाहता है कि प्रत्येक कोच में समान भार वितरण होना चाहिए। यही वजह है कि जब आप आखिरी में टिकट बुक करते हैं, तो आपको हमेशा एक ऊपरी बर्थ और एक सीट लगभग 2-3 या 70 के आसपास आवंटित की जाती है। सिवाय इसके कि जब आप किसी ऐसे व्यक्ति की सीट नहीं ले रहे हों जिसने अपनी सीट रद्द कर दी हो।

बेतरतीब सीट बुकिंग पर हो सकता है खतरा

यदि रेलवे बेतरतीब ढंग से टिकट बुक करता है, तो खतरा हो सकता है। इसे ऐसे समझें। ट्रेन एक चलती हुई वस्तु है जो ट्रैक पर करीब 100 किमी/घंटा की गति से चलती है। इसलिए ट्रेन में बहुत सारे बल और यांत्रिकी काम कर रहे होते हैं।

अगर S1, S2, S3 पूरी तरह से भरे हुए हैं और S5, S6 पूरी तरह से खाली हैं और अन्य आंशिक रूप से भरे हुए हैं। ऐसे में जब ट्रेन एक मोड़ लेती है तो कुछ डिब्बे अधिकतम अपकेंद्र बल (centrifugal force) का सामना करते हैं और कुछ न्यूनतम।ऐसे में ट्रेन के पटरी से उतरने की संभावना अधिक होती है।

यह एक बहुत ही तकनीकी पहलू है। जब ब्रेक लगाए जाते हैं तो कोच के वजन में भारी अंतर के कारण प्रत्येक कोच में अलग-अलग ब्रेकिंग फोर्स काम करती हैं, इसलिए ट्रेन की स्थिरता फिर से एक मुद्दा बन जाती है।

स्कूलों में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में हुई बढ़ोतरी, स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश, अब इस तारीख से लगेंगी कक्षाएं

0

0 18 जून से खुलने थे स्कूल, प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए शासन ने लिया निर्णय

रायपुर। प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों की ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में बढ़ोतरी की गई है। अब 26 जून से सभी स्कूलों की कक्षाएं शुरू होंगी। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक आदेश जारी कर सभी स्कूलों को निर्देशित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि पूर्व में स्कूलों में 1 मई से 16 जून तक ग्रीष्मकालीन छुट्टी का आदेश जारी किया गया था। 17 जून को ईद की छुट्टी होने के कारण 18 जून से स्कूल खुलने थे।

लेकिन प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मकालीन छुट्टियों की तिथि में बढ़ोतरी करते हुए 25 जून तक कर दिया है।

अब प्रदेश की सभी शासकीय, गैर शासकीय, अनुदान और गैर अनुदान प्राप्त स्कूल 26 जून से खुलेंगे।

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में मिला हीरे का अकूत भंडार, खुदाई के लिए यह विभाग जल्द ही करेगा ई-ऑक्शन

0

0 जशपुर जिले के तुमला में 25 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला है हीरे का भंडार, उच्च ताप और दाब वाले क्षेत्र में ही मिलते हैं ऐसे बेशकीमती खनिज

रायपुर। छत्तीसगढ़ वैसे भी खनिज भंडारों से भरा पड़ा है। यहां कोयले और बॉक्साइट का का पहले से ही अकूत भंडार है। हीरे और यूरेनियम का भंडार भी प्रदेश में पूर्व में ही मिल चुका है। अब जशपुर जिला स्थित ग्राम तुमला में भी हीरे का भंडार मिला है। तुम्ला गांव में 25 वर्ग किलोमीटर के दायरे में हीरे होने की पुष्टि हुई है। पूरे क्षेत्र में मौजूद संकेतक खनिजों क्रोमाइट, पाइरोप, इल्मेनाइट व अन्य भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। संकेतक खनिज उच्च ताप व दाब में ही मिलते हैं। हीरा भी उच्च ताप व दाब में मिलता है।

जशपुर जिले के तुमला में हीरे का भंडार मिलने की पुष्टि पर खनिज विभाग के अतिरिक्त संचालक डी. महेश बाबू ने बताया कि भौमिकी एवं खनिकर्म संचालनालय छत्तीसगढ़, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसलटेंसी के संयुक्त सर्वे में हीरे का यह ब्लाक खोजा गया है। जल्द ही राज्य भौमिकी एवं खनिकर्म विभाग हीरा खनन के लिए ई-आक्शन जारी करेगा।

गरियाबंद जिले में विश्व स्तरीय हीरा

छत्तीसगढ़ में पहले भी हीरा मिल चुका है। गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक अंतर्गत बेहराडीह, पायलीखंड में विश्वस्तरीय गुणवत्ता के हीरे पाए जाते हैं। यहां की खदान देश की सबसे बड़ी हीरा खदानों में एक है। गरियाबंद के अलावा महासमुंद, जांजगीर-चांपा में अलग-अलग जगहों पर हीरों के भंडार की मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है।

महासमुंद में सोने और हीरे के खनन का जारी किया जा चुका है ई टेंडर

हम आपको बता दें कि महासमुंद और कांकेर में सोने के छोटे-बड़े भंडार भी मिले हैं। खनिज विभाग ने महासमुंद और कांकेर जिलों के 3 खनिज ब्लॉकों में सोने और हीरे की खुदाई के लिए कुछ दिन पूर्व ही ई-टेंडर जारी किया है।

बलौदा बाजार हिंसा: भीम आर्मी तथा भीम रेजीमेंट के 2 बड़े पदाधिकारी समेत 8 और आरोपी गिरफ्तार, विशाखापट्टनम भागने की थी तैयारी

0

0 अमर गुफा स्थित जैतखाम को अज्ञात लोगों द्वारा काटे जाने के बाद सतनामी समाज के लोगों में था आक्रोश, 10 जून को बलौदा बाजार कलेक्टोरेट में तोड़फोड़ कर किया था आग के हवाले, हिंसा की रची गई थी साजिश

रायपुर। बलौदा बाजार हिंसा के मामले में पुलिस ने 8 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी भीम आर्मी और भीम रेजीमेंट के पदाधिकारी व कार्यकर्ता हैं। इनमें भीम आर्मी का रायपुर संभागाध्यक्ष जीवराखन बांधे भी शामिल है। पुलिस ने उसे जगदलपुर से गिरफ्तार कर लिया है। वह विशाखापट्टनम भागने की तैयारी में था। इसी बीच पुलिस ने उसे उसके साथियों के साथियों के साथ दबोच लिया।

गौरतलब है कि बलौदा बाजार हिंसा में भीम आर्मी व भीम रेजीमेंट के अलावा भीम क्रांतिवीर संगठन की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि हमले की पूरी साजिश रची गई थी।

इसी के तहत 10 जून को कलेक्ट्रेट पर पथराव और उसे आग के हवाले किया गया था। हमले के लिए सोशल मीडिया पर सतनामी समाज के लोगों को उकसाया जा रहा था। इस मामले में पुलिस 132 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

भीम रेजीमेंट का प्रदेश उपाध्यक्ष भी गिरफ्तार

पुलिस ने भीम रेजीमेंट के प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश सोनवानी को भी रायपुर के महादेव घाट से छापेमारी कर पकड़ा है। बलौदा बाजार की हिंसा में उसकी भी भूमिका थी। गिरफ्तार 132 आरोपियों में भीम आर्मी, भीम रेजीमेंट, भीम क्रांतिवीर सहित अन्य संगठनों से हैं।

पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव की पत्नी पंचतत्व में हुईं विलीन, कैंसर से थीं पीडि़त, रानी तालाब में हुआ अंतिम संस्कार

0

0 पिछले 6 महीने से कैंसर बीमारी से जूझ रही थीं पूर्व डिप्टी सीएम की पत्नी इंदिरा सिंह, धरमजयगढ़ राज परिवार में हुआ था जन्म

अंबिकापुर। प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की पत्नी इंदिरा सिंह का अंबिकापुर स्थित निवास स्थल तपस्या में शनिवार की सुबह 8 बजे निधन हो गया। वे पिछले 6 महीने से कैंसर बीमारी से जूझ रही थीं। उनका इलाज दिल्ली एवं मुम्बई के प्रमुख अस्पतालों में चल रहा था। उनका अंतिम संस्कार दोपहर 3.30 बजे अंबिकापुर स्थित रानी तालाब में किया गया।

गौरतलब है कि स्व. इंदिरा सिंह का जन्म 12 अप्रैल 1950 को धरमजयगढ़ राज परिवार में हुआ था। वे पिछले 6 महीने से कैंसर बीमारी से पीडि़त थीं। दिल्ली व मुंबई में इलाज के बाद 13 जून को मुंबई से एयर एंबुलेंस की मदद से अंबिकापुर लाया गया था।

यहां पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के निज निवास तपस्या में 15 जून शनिवार की सुबह करीब 8 बजे उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार दोपहर 3.30 बजे स्थानीय रानी तालाब में किया गया। मुखाग्नि उनके पति सिंहदेव ने दी। अंतिम संस्कार कार्यक्रम में काफी संख्या में राजपरिवार के लोग व शहरवासी शामिल हुए।

पूर्व सीएम बघेल ने भी जताया शोक

स्व. इंदिरा सिंह के निधन की खबर सुनकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी शोक जताया है। वे भी अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए। बघेल ने अपने एक्स हैंडल पर सुबह लिखा था कि ‘अभी बेहद दुखद सूचना प्राप्त हुई है,

सरगुजा राजपरिवार की श्रीमती इंदिरा सिंह जी (बेबी राज जी) का देहांत हो गया है। वे लंबे समय से गंभीर बीमारी से संघर्ष कर रही थीं। हम सब उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं। इस दुख की घड़ी में सिंहदेव परिवार के साथ हम सब हैं।’

आंधी-बारिश से कई पेड़ धराशायी, दबकर 11 वर्षीय बालिका और महिला की मौत, घर के ऊपर पेड़ गिरने से पिता, 3 पुत्र व 1 पुत्री समेत 8 घायल

0

0 प्री मानसून की बारिश ने मचाई तबाही, सरगुजा संभाग में तेज हवाओं के साथ जमकर हुई बारिश, शहर सहित गांवों में बिजली व्यवस्था ध्वस्त

अंबिकापुर। सरगुजा संभाग में प्री मानसून की बारिश लोगों के लिए शुक्रवार को आफत लेकर आई। आंधी और बारिश के बीच कई जगह पेड़ गिर गए। हादसे में 11 वर्षीय एक बालिका और 50 वर्षीय एक महिला की पेड़ के नीचे दबकर मौत हो गई। इसके अलावा उदयपुर के रामनगर में घर के ऊपर पेड़ गिर जाने से एक ही परिवार के 6 बच्चे समेत 8 लोग घायल हो गए। इनमें पिता और उसके 3 मालूम पुत्र शामिल है। अंबिकापुर शहर में भी काफी तेज हवाएं चलीं तथा बारिश हुई। इससे जगह जगह पेड़ गिर गए। ऐसे में शहर से लेकर गांव तक काफी देर तक बिजली गुल रही।

शुक्रवार की दोपहर करीब 3:30 बजे अचानक मौसम ने करवट ली और तेज हवाओं के साथ अंबिकापुर सहित ग्रामीण इलाकों में जमकर बारिश हुई। बारिश व हवाएं करीब आधे घंटे तक चलती रहीं। इस दौरान सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिले में कई पेड़ धराशाई हो गए,

वहीं सूरजपुर हुआ रघुनाथपुर में पेड़ के नीचे दबकर एक बालिका व एक महिला की मौत हो गई। दरअसल सरगुजा जिले के रघुनाथपुर भट्ठीपारा निवासी खुशबू कोरवा पिता छदन कोरवा 11 वर्ष बारिश के दौरान गांव में ही एक पेड़ के नीचे खड़ी थी।

इसी दौरान पेड़ की एक मोटी शाखा टूट कर बालिका के ऊपर गिर गई। हादसे में बालिका की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पहुंची रघुनाथपुर पुलिसने जेसीबी की मदद से पेड़ को हटाकर बालिका का शव बाहर निकाला। सूचना पर राजस्व अमला भी पहुंचा था।

पकनी में पेड़ के नीचे दबकर महिला की मौत

सूरजपुर जिले में भी तेज हवाओं के साथ बारिश के कारण पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई। महिला ग्राम पकनी निवासी 50 वर्षीय गांगी पैकरा थी। सूचना पर चेंद्रा पुलिस ने महिला का पीएम कराया गया।

घर के ऊपर पेड़ गिरने से 6 बच्चे समेत 8 घायल

इधर उदयपुर ब्लॉक के ग्राम रामनगर में पेड़ घर के ऊपर गिरने से एक ही परिवार के 6 बच्चे सहित 8 लोग दब गए। घायल बच्चों और उनके अभिभावकों को सरपंच ललिता सिंह टेकाम द्वारा स्वयं के वहां से उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। घटना की सूचना जब एसडीएम को मिली तो उनके निर्देश पर घायलों का इलाज किया गया।

घायलों में निकिता पिता नंदूराम उम्र 11 वर्ष, करिश्मा पिता रगलाल उम्र 8 वर्ष, कुंवर साय पिता नंदू उम्र 7 वर्ष, राजा पिता रगलाल उम्र 5 वर्ष, नरेंद्र पिता नंदू उम्र 5 वर्ष वर्ष, सकीता पिता नंदू उम्र 6 वर्ष, सोनी उम्र 35 वर्ष व नंदू उम्र 37 वर्ष शामिल हैं।

सरकारी अस्पतालों में मरीजों के फोटो लेने और video बनाने पर लगा बैन, अंबिकापुर में प्रसूता का वीडियो वायरल मामले में सरकार का बड़ा एक्शन

0

0 अंबिकापुर विकासखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर में प्रसूता ने जमीन पर दिया था बच्चे को जन्म, कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर कर दिया था वायरल, शासन ने माना इसे निजता का उल्लंघन

रायपुर। अंबिकापुर के नवानगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 8 जून को एक महिला ने डॉक्टर और नर्स के ड्यूटी से नदारद रहने के दौरान फर्श पर बच्चे को जन्म दिया था। एएनएम की मौजूदगी में कुछ लोगों ने अपने मोबाइल पर प्रसव का वीडियो बना लिया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया था। इस मामले में राज्य शासन ने कड़ा फैसला लेते हुए सरकारी अस्पतालों में मरीजों की फोटो लेना और वीडियो बनाने पर बैन लगा दिया है। अब ना तो डॉक्टर और ना ही स्टाफ किसी भी मरीज की फोटो ले सकते हैं और न ही वीडियो बना सकते हैं।

गौरतलब है कि अस्पताल के फर्श पर महिला के प्रसव मामले को हाई कोर्ट ने खुद संज्ञान में लेते हुए स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य संचालक, सरगुजा कलेक्टर, अंबिकापुर सीएमएचओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

महिला के प्रसव का वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में अब राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की फोटो लेना और वीडियो बनाने पर बैन लगा दिया है।

स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मनोज कुमार पिंगुआ ने मेडिकल एजुकेशन के कमिश्नर, स्वास्थ्य संचालक, आयुष संचालक, सभी डीन, सीएमएचओ और सिविल सर्जन को इस संबंध में आदेश जारी कर इसका सख्ती से पालन करने कहा है।

फोटो, वीडियो लेना महिला की निजता का उल्लंघन

मनोज पिंगुआ नेआदेश में कहा है कि किसी महिला मरीज का फोटो लेना और वीडियो बनाना उसकी निजता का उल्लंघन है। इससे महिलाओं की सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान पर बुरा असर पड़ता है।

सरकारी अस्पतालों में न केवल सामान्य लोग बल्कि स्टाफ भी फोटो वीडियो नहीं ले सकते हैं उन्होंने कहा है कि हम सभी को निजता का सम्मान करना चाहिए।

Baloda Bazar violence: बलौदा बाजार हिंसा मामले में तात्कालीन कलेक्टर और एसपी सस्पेंड, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

0

0 राज्य सरकार ने देर रात आदेश जारी कर तत्कालीन कलेक्टर को मंत्रालय तथा एसपी को पुलिस मुख्यालय किया अटैच

रायपुर। बलौदा बाजार हिंसा के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए तत्कालीन कलेक्टर केएल चौहान व तत्कालीन एसपी सदानंद कुमार को सस्पेंड कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा देर रात यह आदेश जारी किया गया। गौरतलब है कि सतनामी समाज द्वारा की गई हिंसा के बाद राज्य सरकार ने दोनों को हटा दिया था। इसके बाद यह कार्रवाई की गई।

बलौदा बाजार जिले के गिरौदपुरी से लगे अमर गुफा में शरारती तत्वों द्वारा सतनामी समाज के जैतखाम को काट दिया गया था। इसके बाद से सतनामी समाज आक्रोशित था। उन्होंने आरोपियों को पकड़ने की मांग को लेकर पिछले दिनों प्रदर्शन किया।

यह प्रदर्शन हिंसा में बदल गई थी। इस दौरान सतनामी समाज के लोगों ने पथराव करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में आग लगा दी थी। इससे कलेक्टर कार्यालय व एसपी कार्यालय सहित करीब 100 की संख्या में कार व बाइक जलकर खाक हो गई थी। इसे प्रशासन व इंटेलिजेंस का फेल्योर माना गया था।

इस मामले में प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 100 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया था। वहीं राज्य शासन ने कार्यवाही करते हुए तत्कालीन कलेक्टर केएल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को हटा दिया था।

साय सरकार ने की बड़ी कार्रवाई

अब प्रदेश की विष्णु देव साय सरकार ने दोनों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार की देर रात एक आदेश जारी कर उन्हें सस्पेंड कर दिया है।सस्पेंशन के दौरान तत्कालीन कलेक्टर का मुख्यालय मंत्रालय में जबकि एसपी का मुख्यालय पुलिस मुख्यालय निर्धारित किया गया है।