Sunday, January 12, 2025
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सरकार की बड़ी घोषणा, अब सभी को फ्री मिलेगी 200 यूनिट बिजली, PHD करने वालों को मिलेंगे 25 हजार, कैबिनेट में लिया गया फैसला

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0 21 से 50 वर्ष उम्र तक की गरीब एवं जरुरतमंद महिलाओं को राज्य सरकार प्रतिमाह एक हजार रुपए की देगी आर्थिक सहायता, इसके अलावा सरकार ने कई अहम फैसलों पर भी लगाई मुहर

रांची। झारखंड की चंपई सरकार ने शुक्रवार को राज्य की जनता को बड़ी राहत देते हुए 200 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा की है। शुक्रवार को राजधानी राचं में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके साथ ही सरकार ने नई कई अहम फैसलों पर भी मुहर लगाया। फिलहाल दिल्ली के अलावा पंजाब और कर्नाटक के लोगों को 200 यूनिट तक बिजली फ्री मिलती है। अब इस फेहरिश्त में झारखंड राज्य भी आ गया है। सीएम चंपई सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार की शाम कैबिनेट की बैठक में 2 दर्जन से भी ज्यादा कल्याणकारी और लोक लुभावन योजनाओं पर मुहर लगाई गई।

राजधानी रांची में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य के लोगों को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई। राज्य में अब तक 125 यूनिट तक की बिजली मुफ्त है। अब सरकार 21 से 50 वर्ष उम्र तक की गरीब एवं जरुरतमंद महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपए देगी।

यह सहायता ‘मुख्यमंत्री माई-कुई (बहन-बेटी) स्वावलंबन योजना’ के तहत दी जाएगी और इस पर सरकार के खजाने से प्रतिवर्ष 5 हजार 500 करोड़ रुपए का भार सरकार पर आएगा।

पीएचडी करने वालों को 25 हजार तो शहीदों को 60 लाख

राज्य सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए पीएचडी करने वाले अभ्यर्थियों को 25 हजार रुपए की सहायता देगी। वहीं झारखंड में ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों को अब सरकार 60 लाख रुपए की सहायता देगी। मुठभेड़ के दौरान जख्मी होने पर उनके इलाज और एयर एंबुलेंस का खर्च सरकार उठाएगी।

ब्वायफ्रेंड के साथ पकड़ी गई गायब सीएचओ, अपहरण की रची थी झूठी कहानी, 15 लाख की फिरौती का कराया था फोन

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0 शाम को बाजार से गायब हो गई थी सीएचओ, आज ही भाई के पास फिरौती के लिए किडनैपर्स का आया था फोन, शिकायत के बाद पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर युवती को बिलासपुर में प्रेमी के साथ पकड़ा

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सक्ती के सरायपाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ सीएचओ अनुपमा जलतारे की अपहरण के मामले का पटाक्षेप हो गया। अपहरण व 15 लाख की फिरौती के लिए किडनैपर्स का फोन आने के बाद परिजनों व पुलिस महकमे में हडक़ंप मच गया था। दरअसल वह खुद ही अपने प्रेमी के साथ गुरुवार की शाम सक्ती से भागी थी। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर शुक्रवार की शाम उसे बिलासपुर से उसके प्रेमी के पास से बरामद कर लिया। उसे सक्ती ले जाया जा रहा है।

गौरतलब है कि सीएचओ गुरुवार की शाम सक्ती से गायब हुई थी। रात भर जक वह घर नहीं लौटी तो परिजन चिंतित थे। इसी बीच शुक्रवार को उसके भाई कलेश्वर जलतारे के पास अज्ञात व्यक्ति ने कॉल कर कहा कि उसकी बहन का उसने अपहरण कर लिया है।

फिरौती में उसने 15 लाख रुपए मांगे। नहीं देने पर बहन की हत्या कर लाश टुकड़े-टुकड़े कर देने की धमकी भी दी थी। इसकी शिकायत सीएचओ के भाई ने थोन में दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरु की थी।

सीएचओ का मोबाइल लोकेशन मिला बिलासपुर

पुलिस ने जब कॉल करने वाले अज्ञात व्यक्ति तथा सीएचओ का मोबाइल लोकेशन ट्रेस किया तो बिलासपुर में उनके होने की जानकारी मिली।

इसके बाद पुलिस ने शाम को बिलासपुर में घेराबंदी कर युवती को उसके प्रेमी के साथ बरामद कर लिया। युवती ने खुद ही अपने अपहरण की झूठी कहानी रची थी तथा अपने प्रेमी से फिरौती के लिए फोन कराया था।

महिला से दुष्कर्म के बाद पत्थर से सिर कुचलकर हत्या, डंडे से प्राइवेट पार्ट किया जख्मी, पिता की हत्या मामले में जमानत पर छूटा था आरोपी

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0 पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार, महिला पर बुरी नजर रखता था आरोपी, पति नहीं था घर में तो पड़ोसी ने दिया वारदात को अंजाम, पिता की हत्या का है आरोपी

अंबिकापुर। सीतापुर थाना क्षेत्र में 26 जून की देर रात एक विवाहिता से गांव के ही युवक ने दुष्कर्म किया और पत्थर से सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी। आरोपी ने उसके प्राइवेट पार्ट में डंडा डाल दिया और फरार हो गया था। सूचना पर अगले दिन पुलिस व फॉरेंसिक टीम पहुंची और जांच की। पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी ने 3 वर्ष पूर्व अपने पिता की भी हत्या कर दी थी।

सरगुजा जिले के सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम उड़ुमकेला निवासी रघु माझी 40 वर्ष ने 26 जून की रात गांव की ही 25 वर्षीय एक महिला को घर में अकेली पाकर उससे दुष्कर्म किया। इस दौरान उसका पति बाहर काम करने गया था। आरोपी ने बलात्कार के बाद पत्थर से सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी और घर से 50 मीटर दूर उसका शव खेत में फेंक दिया।

आरोपी ने महिला के प्राइवेट पार्ट में डंडा भी डाल दिया था। 27 जून की सुबह गांव वालों ने सीतापुर पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही सीतापुर पुलिस व फॉरेंसिक की टीम मौके पर पहुंची और जांच की। महिला का सिर कुचला हुआ था।

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफतार

इस मामले में पुलिस की जांच में पता चला कि रघु माझी महिला पर बुरी नजर रखता था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपराध करना स्वीकार किया। इसके बाद पुलिस ने उसे शुक्रवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

पिता की हत्या में जमानत पर था बाहर

आरोपी ने 3 वर्ष पूर्व अपने पिता की भी हत्या कर दी थी। इस मामले में वह ढाई साल तक जेल में बंद था। 3-4 महीने पूर्व ही वह जमानत पर बाहर आया था।

कानून के हाथ लंबे होते हैं, जी हां, इंजीनियर ने 38 साल पहले 20 हजार का किया था घोटाला, रिटायरमेंट के 16 साल बाद मिली सजा

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Muzaffarpur land Triveni canal scam court decision, punishment to the accused
Muzaffarpur land Triveni canal scam court decision, punishment to the accused

0 त्रिवेणी नहर जमीन घोटाला मामले में विशेष निगरानी कोर्ट का अनोखा फैसला, इंजीनियर को मिली 4 साल की कैद और 10 हजार का जुर्माना

मुजफ्फरपुर। यहां एक ऐसे मामले पर कोर्ट से फैसला आया है जिससे सीख ली जा सकती है कि अपने कर्तव्य से गड़बड़ी करने पर आज नहीं तो कल सजा अवश्य मिलती है। 38 साल बाद कोर्ट से फैसला आने पर रिटायर्ड इंजीनियर के पैरों तले समझो जमीन खिसक गई.. जी.. हां यह बात हर किसी को आश्चर्य में डालने वाली है। बता दें कि त्रिवेणी नहर जमीन घोटाला मामले में विशेष निगरानी कोर्ट का अनोखा फैसला आया है।

घोड़ासाहन स्थित त्रिवेणी नहर की मरम्मत में हुए मात्र 20 हजार रुपये के घोटाले के एक मामले में 38 साल के बाद विशेष निगरानी न्यायालय में फैसला आया। इसमें दोषी पाए गए पटना निवासी तत्कालीन सहायक अभियंता 76 वर्षीय सुरेंद्रनाथ वर्मा को 4 साल कैद व 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना नहीं भरने पर जेल की सजा बढ़ा दी जाएगी।

पुलिस रिकार्ड के अनुसार त्रिवेणी नहर मरम्मत के दौरान यह गड़बड़ी सामने आई थी। घोटाला वित्तीय वर्ष 1986-87 में हुआ था। तब सुरेंद्रनाथ वर्मा पूर्वी चंपारण के रामनगर अवर प्रमंडल में पदस्थापित थे। विशेष निगरानी न्यायाधीश सत्यप्रकाश शुक्ला ने सजा के बाद सुरेंद्रनाथ को जेल भेज दिया।

1.50 करोड़ रुपये का घोटाला पाया गया

मामले में साक्ष्य पेश करने वाले विशेष लोक अभियोक कृष्णदेव साह ने बताया कि घोड़ासाहन में त्रिवेणी नहर के मरम्मत में घोटाले की जांच मुख्यालय स्तर पर तत्कालीन डीआईजी डीपी ओझा के नेतृत्व में निगरानी टीम ने की थी। तीन करोड़ के मिट्टी के कार्य की जांच में एक हजार स्थलों पर गड़बड़ी पाई गई। इसमें 1.50 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया।

घोटाले में हुई थी 13 एफआईआर

इस घोटाले को लेकर निगरानी ब्योरो ने अलग-अलग 13 एफआईआर दर्ज कराई। इसमें जून 1987 को 20 हजार 925 रुपये के घोटाले के आरोप में तत्कालीन निगरानी इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह विनीत ने एक एफआईआर दर्ज की।

इसमें सुरेंद्रनाथ के अलावा तत्कालीन कार्यपालक अभियंता रामचंद्र प्रसाद सिंह, तत्कालीन जूनियर इंजीनियर नवल किशोर प्रसाद सिंह और ठेकेदार समी खान को आरोपित बनाया गया था।

विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि निगरानी जांच में पाया गया कि ठेकेदार समी खान ने महज 1031 रुपये का काम कराया था, लेकिन उससे घूस लेकर 21 हजार 956 रुपये का भुगतान किया गया।

तीन आरोपी की हो चुकी है मौत

इस तरह 20 हजार 925 रुपये का घोटाला हुआ। जांच के बाद निगरानी ब्योरो ने मट्रायल के दौरान तीन आरोपित रामदचंद्र प्रसाद सिंह, नवल किशोर प्रसाद सिंह और ठेकेदार समी खान की मौत हो गई। जिंदा बचे तत्कालीन सहायक अभियंता पर ट्रायल चला। इसमें फैसला सुनाकर उन्हें सजा दी गई।

विशेष लोक अभियोजक कृष्णदेव साह ने बताया कि त्रिवेणी नहर मरम्मत में घोटाला के 13 मामलों में 38 साल के दौरान अब तक पांच मामलों में फैसला हो चुका है। तीन में आरोपितों को सजा और दो में सभी को रिहाई मिल गई। आठ मामले अभी न्यायालय में सुनवाई के अधीन है।

महिला दौड़ते हुए आई और निर्माणाधीन भवन की 8वीं मंजिल से लगा दी छलांग, सिर के बल गिरी और फट गया सिर, मौत

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Raipur Rajdhani Tikrapara police station Boriyakhurd building woman jumped to death
Raipur Rajdhani Tikrapara police station Boriyakhurd building woman jumped to death

0 बिल्डिंग के आसपास ही रहती थी महिला, आत्महत्या केकरण का नहीं चल सका है पता

रायपुर। राजधानी में दुखद हादसा हुआ है। रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र के बोरियाखुर्द इलाके में बन रहे भवन से एक महिला ने छलांग लगा दी। मौके पर उसकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव बरामद कर पीएम के लिए भेजा।

घटना की जांच में जूटी पुलिस से मिली जानकारी अनुसार एक महिला दौड़ते हुए आई और टिकरापारा थाना क्षेत्र के बोरियाखुर्द के निर्माणाधीन भवन के ऊपर गई और 8वें मंजिल में जाकर वहां से नीचे कूद गई। नीचे गिरने से महिला का सिर फट गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार 41 साल की मृतका का नाम शबनम परवीन है। वह घटनास्थल के आसपास रहती थी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर आसपास के लोगों और मृतक महिला के परिजनों से पूछताछ कर आत्महत्या के कारणों की पतासाजी में लगी हुई है।

बता दें कि आरडीए कॉलोनी ब्लॉक-एच बोरिया खुर्द में बिल्डिंग निर्माणाधीन है। जहां आसपास के लोग थे, तभी दोपहर 12 बजे के आस पास शबनम तेजी से दौड़ते हुए भवन की तरफ आई।

बताया जा रहा है कि इस दौरान बिल्डिंग के आसपास लोग सड़क पर थे, जिन्होंने महिला को दौड़कर भवन के ऊपर जाते देखा। उसी दौरान कुछ मिनटों में महिला को नीचे गिरे पाया। जमीन पर नीचे गिरते ही उसका सिर बुरी तरह फट गया था।

भिलाई में गोलीकांड के आरोपी के घर पर प्रशासन का चला बुल्डोजर, बीएसपी तोड़ू दस्ते की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

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Durg Bhilai firing accused administration BSP bulldozer action at house
Durg Bhilai firing accused administration BSP bulldozer action at house

भिलाई। दुर्ग जिले के इस्पात नगरी भिलाई के टाउनशिप में गत दिनों महानगर की तरह गोली कांड हुआ था। दो गुट भिड़ गए थे। संयंत्र एरिया के ग्लोब चौक में फायरिंग करने वाले आरोपी के घर पर प्रशासन ने बुल्डोजर की कार्रवाई की है। आरोपी ने भिलाई टाउनशिप के सेक्टर-6 सड़क 31 की बिल्डिंग में अवैध कब्जा कर घर बनाकर रह रहेे थे। घटना के बाद पुलिस और संयंत्र प्रबंधन सक्रिय हुए और बीएसपी के इंफोर्समेंट विभाग के अधिकारी और तोड़ू दस्ते ने भारी पुलिस बल के साथ अवैध घर पर बुल्डोजर की कार्रवाई की।

माना जा रहा है कि यह बुल्डोजर कार्रवाई बीएसपी तोड़ू दस्ते की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। जानकारी में पुलिस के अनुसार भिलाई के टाउनशिप ग्लोब चौक में मंगलवार-बुधवार दर्मियानी रात नशे में धुत्त आरोपी अमित जोश ने एक विवाद के बीच तीन राउंड फायरिंग कर दी थी। इस घटना में 2 लोगों को गोली लगी और दोनों की हालात गंभीर बनी हुई है।

फायरिंग में दोनों को इलाज के लिए रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों घायलों में से एक सुनील यादव जिओ कंपनी का कर्मचारी है और दूसरा आदित्य सिंह उड़ान अकादमी में पीएससी की तैयारी कर रहा है। पुलिस की जांच अनुसार, बदमाश अमित जोश के खिलाफ़ दुर्ग पुलिस के पास 49 मामले दर्ज हैं। पुलिस ने कलेक्टर को पत्र लिखकर अमित को जिला बदर करने की मांग की है।

तीर्थयात्रियों को लेकर लौट रही थी बस, अचानक चालक को आई झपकी और ट्रक से हो गई टक्कर, भीषण हादसे में 13 लोगों की मौत

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karnataka haveri bus accident pilgrim bus truck collision death
karnataka haveri bus accident pilgrim bus truck collision death

0 सड़क पर खड़े ट्रक से टकरा गई थी तीर्थयात्रियों से भरी बस, हादसे में 2 लोग गंभीर रूप से घायल

हावेरी। बस चालक को झपकी आने के कारण कर्नाटक में भीषण सड़क हादसा हो गया। इससे दर्जनभर से अधिक लोगों की जान चली गई। बस में सभी तीर्थयात्री थे। यह हादसा हावेरी जिले में हुआ शुक्रवार को हुआ। बयाडगी तालुक में मिनी बस सड़क पर खड़े ट्रक से टकरा गई। इस भयानक हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

घटना के संबंध में पुलिस ने बताया कि संबंधित लोग शिवमोगा के रहने वाले थे। वह बेलगावी जिले के सवादत्ती से देवी यल्लम्मा के दर्शन कर लौट रहे थे। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने अनुमान लगाया है कि बस चालक को झपकी आने के कारण यह हादसा हुआ है। पुलिस आगे की जांच जारी है।

लोगों ने बताया कि हादसे के बाद आसपास के लोग बस की ओर दौड़े। इस दौरान बस के अंदर यात्रियों में चीख-पुकार मची हुई थी। कांच और खिड़कियों के सहारे यात्रियों को बाहर निकाला गया। पुलिस को सूचना दी गई। एंबुलेंस आने के बाद सभी को अस्पताल पहुंचाया गया।

व्यवसायी चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या करने वाले 2 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा, सबूत मिटाने दफन कर दी थी लाश

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0 वर्ष 2020 में अंबिकापुर के ब्रह्म रोड में कैरम खेलने के बहाने घर में बुलाकर मुख्य आरोपी ने ड्राइवर के साथ मिलकर मारी थी गोली, प्लान के अनुसार 6 दिन पहले से ही खोद रहे थे गड्ढा

अंबिकापुर। Double murder case: 10 अप्रैल 2020 को अंबिकापुर में शहर के बीचो-बीच दोहरा हत्याकांड हुआ था। इसमें पैसे लेनदेन को लेकर हुए विवाद के बाद व्यवसायी चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या करने के बाद दोनों की लाश घर में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी, उसके ड्राइवर सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। 4 साल बाद 27 जून को कोर्ट ने मामले में अहम फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी आकाश गुप्ता व उसके ड्राइवर सिद्धार्थ जायसवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं साक्ष्य के अभाव में सज्जन अग्रवाल और शिव पटेल को बरी कर दिया गया है।

अंबिकापुर के ब्रह्म रोड निवासी सौरभ अग्रवाल 27 वर्ष और उसके चाचा सुनील अग्रवाल 40 वर्ष व्यवसायी थे। सौरव अग्रवाल ने वर्ष 2019 में अपने पड़ोस में रहने वाले आकाश गुप्ता का ब्रह्म रोड स्थित घर खरीदा था।

इसके बदले उसने 2 से 3 करोड रुपए भुगतान भी कर दिए थे। दोनों के बीच यह बात हुई थी कि 6 महीने में आकाश गुप्ता अपना घर खाली कर देगा। 6 महीने बीतने के बाद भी आकाश में घर खाली नहीं किया था। इस बात पर सौरव ने आपत्ति जताई तो दोनों के बीच विवाद हो गया था।

इस विवाद के बाद ही आकाश गुप्ता ने सौरव अग्रवाल की हत्या करने का प्लान बना लिया था। इसके लिए उसने घटना दिवस 10 अप्रैल 2020 से 6 दिन पहले अपने घर के पीछे के हिस्से में गड्ढा खोदने का कार्य शुरू कर दिया था, ताकि हत्या कर सौरभ अग्रवाल के शव को दफनाया जा सके।

कैरम खेलने बुलाया और दोनों को मार दी गोली

विवाद होने के बाद भी सौरभ अग्रवाल का आकाश गुप्ता के घर आना जाना था। घटना दिवस 10 अप्रैल को आकाश गुप्ता ने सौरव अग्रवाल को कैरम खेलने अपने घर बुलाया। यहां सौरभ अग्रवाल अपने चाचा सुनील अग्रवाल के साथ आकाश के घर पहुंचा था।

मौके पर पहले से ही आकाश गुप्ता का ड्राइवर सिद्धार्थ जायसवाल भी मौजूद था। इसके बाद चारों ने शराब पी और कैरम खेलने लगे। इसी बीच मौका पाकर आकाश गुप्ता वह उसके ड्राइवर ने सौरव अग्रवाल और सुनील अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद दोनों के शवों को घर के पीछे खोदे गए गड्ढे में दफन कर दिया।

कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

बस चर्चित चाचा भतीजे की हत्या मामले में कोतवाली पुलिस ने सबसे पहले आरोपी ड्राइवर सिद्धार्थ जायसवाल को उठाया। उससे पूछताछ में आकाश गुप्ता का नाम सामने आया था। वहीं हथियार उपलब्ध कराने वाले सज्जन अग्रवाल व शिव पटेल का भी नाम सामने आया था।

इसके बाद पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 4 साल तक चले ट्रायल के बाद अंबिकापुर कोर्ट ने 27 जून को मुख्य आरोपी आकाश गुप्ता और उसके कथित ड्राइवर सिद्धार्थ जायसवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि सज्जन अग्रवाल और शिव पटेल को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।

पत्नी का बर्थडे मनाने घर आ रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, दोस्त की भी गई जान, टैंकर ने मार दी टक्कर

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0 अंबिकापुर-बनारस स्टेट हाईवे पर तेज रफ्तार टैंकर ने बाइक सवार 2 युवकों को मारी टक्कर, टक्कर मारने के बाद पुलिया के नीचे टैंकर भी पलटा, ड्राइवर भी गंभीर रूप से घायल

सूरजपुर। एक युवक अपनी पत्नी का जन्मदिन मनाने अपने दोस्त के साथ बाइक से मार्केट से खरीदारी कर घर लौट रहा था। इसी बीच तेज रफ्तार टैंकर ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में दोनों युवकों की मौत हो गई, जबकि टैंकर चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। दरअसल अंबिकापुर-बनारस स्टेट हाईवे पर बुधवार की शाम भटगांव थाना क्षेत्र के मसान नाला पुलिया पर टैंकर ने बाइक सवार 2 युवकों को चपेट में ले लिया था। टक्कर मारने के बाद टैंकर पुलिया के नीचे गिर गया था। हादसे में युवक की मौत से पत्नी सदमे में है।

सूरजपुर जिले के भटगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दुरती निवासी मोहम्मद इमरान 29 वर्ष की पत्नी का जन्मदिन 26 जून को था। घर पर जन्मदिन मनाने की तैयारी वह कर रहा था। इसके लिए वह कुछ सामान और उपहार की खरीदारी करने अपने दोस्त ग्राम पोड़ी निवासी उत्तम चौधरी के साथ जरही गया था।

खरीदारी कर दोनों बाइक से शाम 6 बजे घर लौट रहे थे। इसी बीच अंबिकापुर बनारस मार्ग पर मसान नाला पुलिया पर प्रतापपुर की ओर से तेज रफ्तार में आ रहे टैंकर ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में गंभीर चोट लगने से इमरान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दोस्त उत्तम उछलकर नाले में जा गिरा।

इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इधर बाइक को टक्कर मारने के बाद टैंकर पुलिया की रेलिंग तोड़ते हुए नाले में जा गिरा। हादसे में टैंकर चालक भी गंभीर रूप से घायल हो गया।

दोस्त की भी हो गई मौत

हादसे की सूचना मिलते हैं भटगांव पुलिस मौके पर पहुंची, वहीं दोनों युवकों के परिजन भी वहां पहुंच गए। उत्तम के परिजन ने उसकी खोजबीन शुरू की तो नाले में गंभीर रूप से घायल अवस्था मिला। फिर उसे बाहर निकाल कर तत्काल भटगांव अस्पताल लाया गया।

वहीं टैंकर चालक को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। उत्तम को परिजन अंबिकापुर ला ही रहे थे कि सोनगरा जंगल में उसकी मौत हो गई, जबकि टैंकर चला का इलाज जारी है।

2 घंटे तक स्टेट हाइवे पर शव रखकर प्रदर्शन

घटना से गुस्साए मृत युवक के परिजनों व ग्रामीणों ने मोहम्मद इमरान का शव सड़क पर रखकर करीब 2 घंटे तक चक्का जाम कर दिया। इससे दोनों ओर वाहनों की लाइन लग गई।

मौके पर पहुंचे भटगांव तहसीलदार ने मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की, इसके बाद चक्का जाम समाप्त हो गया। सड़क हादसे में दोनों युवकों की मौत से परिजनों में मातम पसरा हुआ है

अनुकंपा नियुक्ति के बाद परिवार से भाग रहा था बेटा.. हाईकोर्ट ने दिया सख्त आदेश.. कहा- पिता के बाद मां की जिम्मेदारी बेटे की

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Chhattisgarh Bilaspur High Court compassionate appointment, mother's lesson, order to son
Chhattisgarh Bilaspur High Court compassionate appointment, mother's lesson, order to son

बिलासपुर। पिता की जगह मिली नौकरी के बाद बेटा मां की जिम्मेदारी से भागने लगा था। परेशान मां ने बेटे को सबक सिखाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बेटे को सख्त लहजे में खरी-खरी सुनाई और आदेश दिए कि पिता के बाद पूरी जिम्मेदारी आपकी है। पुत्र को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने जमकर फटकार लगाई।

सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि पिता की मौत के बाद मां की सहमति से ही उसे नौकरी मिली है। इसलिए वह अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता। कोर्ट ने बेटे को अपनी मां के लिए हर माह 10 हजार रुपए देने का आदेश भी दिया है। वहीं एसईसीएल प्रबंधन को बेटे के वेतन से कटौती कर सीधे उनकी मां के खाते में निर्धारित राशि जमा कराने का आदेश दिया।

बता दें कि मामला, कोरबा क्षेत्र की महिला का पति एसईसीएल दीपका में कर्मचारी था। काम के दौरान पति की मौत हो गई। उसके बाद महिला ने अपने बड़े पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति देने सहमति दी थी। एसईसीएल के नियमों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति पाने वाला मृतक के आश्रितों की देखभाल करेगा, यदि वह अपने नैतिक व कानूनी दायित्व का उल्लंघन करता है, तो उसके वेतन से 50 प्रतिशत राशि काट कर आश्रितों के खाते में जमा की जाएगी।

महिला ने कोर्ट को बताया कि अनुकंपा नियुक्ति पाने के बाद बेटे ने कुछ दिनों तक मां और भाई का देखभाल करता रहा। पर 2022 से उसने ऐसा करना बंद कर दिया। उसके बाद परेशान मां ने कोर्ट की ओर रूख किया। जहां मां के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला आने पर बेटे ने उसे चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में अपील की थी। याचिकाकर्ता बेटे ने अपील में बताया कि उसे 79 हजार नहीं बल्कि 47 हजार रुपए तनख्वा मिलती है। इसमें भी ईएमआइ कट रहा है।

एसईसीएल के जवाब पर पुत्र ने कहा की उसकी मां को 5500 रुपए पेंशन मिल रहा है। इसके अलावा पिता के सेवानिवृत्त के देयक राशि भी उन्हें ही मिली है। इससे वह अपनी देखभाल कर सकती है। उसका पक्ष सुनने के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने कहा कि मां की सहमति से ही उसे अनुकंपा नियुक्ति मिली है और उसकी जिम्मेदारी उठाने से बच नहीं सकता। डिवीजन बेंच ने उसकी दलीलों को खारिज करते हुए उसकी मां को हर महीने 10 हजार रुपए देने का आदेश दिया है।