Tuesday, January 14, 2025
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अब छत्तीसगढ़ में भी नौकरीपेशा कर सकेंगे प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई, खुद तय करेंगे कक्षा का समय

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EDUCATION NEWS DESK . भिलाई इस्पात संयंत्र सहित प्रदेश की अन्य संस्थाओं में नौकरी कर रहे पेशेवर इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश ले सकेंगे। वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए यह विशेष बीटेक प्रोग्राम होगा, जिसमें कक्षाओं का समय पेशेवरों के हिसाब से तय किया जा सकेगा। हालांकि यह कोर्स उन्हीं इंजीनियरिंग कॉलेजों में संचालित होगा, जिनके पाठ्यक्रम एके्रडिटेशन बोर्ड से मान्यता रखते हैं। इन विशेष बीटेक पाठ्यक्रम को राज्य सरकार अगले वर्ष एनओसी जारी करेगी, इसके बाद छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय संबद्धता देगा। कुछ चुनिंदा कॉलेजों में यह पाठ्यक्रम इसी साल शुरू होना था, लेकिन एनओसी व विश्वविद्यालय से संबद्धता में हुई देरी की वजह से प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से जारी हुए निर्देश का हवाला देकर दो दर्जन से अधिक पेशेवर कॉलेज भी पहुंचे, लेकिन बात नहीं बन पाई। अब इन्हें अगले साल ही पेशेवर रहते हुए बीटेक की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। ये विद्यार्थी लेटरल एंट्री प्रोग्राम के जरिए शामिल हो सकेंगे।

तय रेडिएस से मिलेगा प्रवेश

जो पेशेवर डिग्री पाठ्यक्रम करना चाहते हैं, उनके पास न्यूनतम एक वर्ष का नियमित पूर्णकालिक कार्य अनुभव होना जरूरी होगा।
इसके साथ ही संस्थान से 50 किमी रेडियल दूरी के भीतर स्थित एमएसएमई के अलावा पंजीकृत उद्योग, संगठन (केंद्र/राज्य) या निजी और सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी में काम करने वाले पेशेवर प्रवेश ले सकते हैं। इस तरह कॉलेजों को सर्वाधिक विद्यार्थी भिलाई इस्पात संयंत्र के जरिए ही मिल जाएंगे। वहीं अन्य उद्योगों के युवा पेशेवर भी शामिल हो सकेंगे। इसके साथ ही संस्थानों को ये कोर्स चलाने कक्षाओं का समय शाम के समय या उद्योग,संगठन के समय के अनुरूप सेट करना होगा।

एक बैच में होंगे 30 पेशेवर

एआईसीटीई ने संस्थानों को योग्यता परीक्षा की योग्यता के आधार पर ट्रांसपेरेंट तरीके से योग्य उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के भी निर्देश दिए हैं। कॉलेजों को भेजे गए सर्कुलर में एआईसीटीई ने कहा है कि पाठयक्रम में अधिकतम 30 उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जा सकता है, वहीं बैच चलाने के लिए न्यूनतम 10 पेशेवर विद्यार्थियों की जरूरत होगी।

नौकरी के साथ करेंगे पढ़ाई

वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों से बीटेक व बीई डिग्री हासिल करने की अनुमति दी है। इस कोर्स में शामिल होसे से पहले उक्त पेशेवर को अपनी कंपनी या उद्योगों से एनओसी लेना जरूरी होगा, तभी वह नौकरी करते हुए भी पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए कुछ कॉलेज इवनिंग शिफ्ट में कक्षा शुरू कर सकते हैं।

एक कोर्स सीएसवीटीयू में भी

तकनीकी विश्वविद्यालय सीएसवीटीयू में एमटेक स्टील टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम संचालित होता है, जिसे फिलहाल सीएसवीटीयू ने क्लोज कर दिया है। इस कोर्स में हमेशा से ही बीएसपी के कर्मचारी और अधिकारी एडमिशन लिया करते थे। जिनको बीएसपी स्पॉन्डरशिप देता था। बाद में कोर्स की फीस को लेकर बीएसपी और तकनीकी विश्वविद्यालय सीएसवीटीयू के बीच समझौता नहीं हो पाया। इस वजह से बीते दो साल से बीएसपी कर्मचारियों के साथ अन्य वर्किंग प्रोफेशनल को भी प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा। बहरहाल, पहले तक इन पेशेवरों के पास सिर्फ सीएसवीटीयू ही एक विकल्प था, लेकिन अब अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी वे पढ़ सकेंगे।

Breaking news: एनएच पर माइलस्टोन से टकरा गई तेज रफ्तार बाइक, अंबिकापुर के 2 युवकों की मौत

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० अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाइवे पर काराबेल के पास हुआ हादसा, अंबिकापुर से किसी काम से गए थे दोनों युवक, लौटते समय हुई दुर्घटना

अंबिकापुर। अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाइवे पर सीतापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत काराबेल के पास शनिवार की रात 8 बजे बाइक सवार 2 युवक सडक़ किनारे स्थित माइलस्टोन से टकरा गए। हादसे में एक युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दूसरे की अस्पताल पहुंचते ही मौत हो गई। युवकों की मौत से उनके परिजनों में मातम पसर गया है।

अंबिकापुर निवासी 25 वर्षीय युवक जोसेफ शनिवार को अपने दोस्त 23 वर्षीय विकास के साथ सीतापुर इलाके में किसी काम से पहुंचे थे। रात करीब 8 बजे दोनों बाइक से सीतापुर की ओर लौट रहे थे।

वे अंबिकापुर-रायगढ़ एनएच 43 पर काराबेल के पास पहुंचे ही थे कि स्पीड में होने के कारण बाइक सडक़ किनारे माइलस्टोन से टकरा गई। हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया।

वहां से गुजर रहे लोगों ने एंबुलेंस की मदद से दोनों को सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया। यहां जांच पश्चात दूसरे युवक ने भी दम तोड़ दिया।

सूचना मिलते ही पहुंचे परिजन

सडक़ हादसे की सूचना मिलते ही सीतापुर पुलिस अस्पताल पहुंची। वहीं उन्होंने मामले की सूचना युवकों के परिजनों को दी। हादसे में युवकों की मौत से परिजनों में मातम पसर गया है। पुलिस ने दोनों के शवों को मरच्यूरी में रखवाया है।

शौक-शौक में शुरू किया यूट्यूब चैनल, आज दिलीप के यूट्यूब फेसबुक पर 3 लाख सब्सक्राइबर, कमाई हर महीने 1 लाख

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KHABAR NAVIS DESK . अकसर कहा जाता है कि युवाओं में धैर्य की कमी होती है। धैर्य का दामन थामकर मेहनत जारी रखी जाए तो क्या नहीं किया जा सकता। आज भिलाई के उस यूट्यूबर से मिलिए जिसने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोडक़र यूट्यूब को फुलटाइम कॅरियर बनाया। इनका नाम है, दिलीप देवांगन। ग्रेजुएट हैं। कंप्यूटर में अच्छी पकड़ रखते हैं। अपनी स्किल का फायदा उठाया और धैर्य के साथ यूट्यूब की दुनिया में एंट्री ले ली। सिर्फ दो साल में दिलीप के यूट्यूब पर 3 लाख, फेसबुक पर 2.63 लाख और इंस्ट्राग्राम पर 75 हजार सब्सक्राइबर हैं। इससे उन्हें हर महीने न्यूनतम 1 लाख रुपए की कमाई हो जाती है।

शौक बन गया पैशन

सक्सेस स्टोरी बताते हुए दिलीप ने कहा कि साल 2016 में वह अपने दोस्त के साथ बैठे हुए थे। उसी वक्त जीयो का ४जी लॉन्च हुआ था। शहर का यूथ जब यूट्यूब पर वीडियो देख रहा था, हमने वीडियो बनाने की सोची और सबसे पहले घर के पास हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम को कवर किया। यह शौक धीरे-धीरे पैशन बनने लगा। चैनल पर छत्तीसगढ़ के सभी छालीवुड कलाकार, पद्मश्री व अन्य नामी हस्तियों के इंटरव्यू वीडियो फार्मेट में मौजूद हैं।

फिर कह रहा, धैय रखिए…

बातचीत के दौरान दिलीप ने दर्जनों बार धैर्य नामक शब्द का जिक्र किया। बताया कि अब तक उनके दो चैनल्स हो चुके हैं, दोनों ही मॉनीटाइज थे, जिनसे अच्छी अर्निंग शुरू हो गई थी। यह शुरुआत दौर था, जब चैनल मॉनीटाइज होना ही बहुत बड़ी बात होती है। उस वक्त हमारे दोनों चैनल बंद हो गए। ज्यादा समझ नहीं थी, इसलिए टेक्निकल प्वाइंट समझ नहीं आ पाते थे। बावजूद इसके जहां अभी के युवा बेसब्रों की तरह यूट्यूब को छोडक़र कहीं और काम-धंधे में निकल जाते हैं, हमने तीसरा चैनल मोर मितान बनाया, आज भी चल रहा है। अब समझ विकसित हो गई है। चीजों को हैंडल करने आ गया है।

पहली कमाई 7 हजार रुपए

दिलीप ने बताया कि यूट्यूब से उनकी पहली कमाई 7400 थी। जिस दिन चैनल पहली बार मॉनीटाइज हुआ, उस समय ऐसी खुशी हुई जैसे बोर्ड परीक्षा में प्रथम स्थान मिल गया हो।इसके बाद दो साल तक यूट्यूब से कोई पेमेंट नहीं मिली, मगर हमने चैनल पर वीडियो डालना बंद नहीं किया। अब हालात यह है कि परिवार वाले कहीं नौकरी नहीं करने देते। कहते हैं यूट्यूब पर ही काम करो। पैसा कमाओ, खुद की प्रतिभा बढ़ाओ, दूसरों को भी इसकी जानकारी दो।

सरकार को मत कोसिए

दिलीप से सीरियस लहजे में कहा कि अधिकतर युवा नौकरी न मिलने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। यह सही नहीं है। पैसे कमाने के लिए जायज तरीके के दर्जनों विकल्प मौजूद हैं। यूट्यूब भी उनमें से ही एक है। बतौर युवा आप यूट्यूब शुरू कर सकते हैं। एक साधारण कैमरा फोन की जरूरत पड़ेगी और कारवां चल पड़ेगा। अंत में फिर वहीं, धैर्य रखना होगा। कमाई भी होगी, लेकिन धीरे से।

बालोद और दुर्ग से करना चाहते है एलएलएम, आज ही कर दीजिए आवेदन, फिर नहीं मिलेगा मौका

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DURG-BHILAI . हेमचंद यादव विश्वविद्याद्यलय से संबद्ध कल्याण महाविद्यालय और बालोद के घनश्याम सिंह गुप्त विधि महाविद्यालय में एलएलएम की 20-20 सीटों के लिए एडमिशन पोर्टल दोबारा शुरू कर दिया गया है। एलएलएम की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को हेमचंद विश्वविद्यालय के पोर्टल पर जाकर २५ जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद २६ जुलाई को दोनों ही कॉलेज अपनी मेरिट सूची का प्रकाशन करेंगे। सूची में शामिल विद्यार्थियों को ३१ जुलाई से पहले कॉलेज पहुंचकर दाखिला लेना होगा। प्रवेश प्रक्रिया निशुल्क होगी। आवेदन करने का कोई शुल्क नहीं लगेगा। शुल्क सिर्फ संस्थान में प्रवेश के लिए देना होगा। ३१ जुलाई के बाद कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद हो जाएगी। इसके बाद ऑफलाइन या ऑनलाइन किसी भी माध्यम से कहीं भी प्रवेश नहीं लिया जा सकेगा।

प्रवेश के दिन घटाए गए

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से संबद्ध १६१ निजी व शासकीय कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए भी इस बार शेड्यूल भी बड़ा संशोधन किया गया है। पहले तक जहां विद्यार्थियों को कुलपति की अनुमति से १४ अगस्त तक प्रवेश की अनुमति मिलती थी, उसमें बदलाव के बाद अब छात्रों को ३१ जुलाई तक प्रवेश संपन्न करना होगा।

सामान्य नियम से बिना कुलपति की मंजूरी के आवेदन करने के लिए अब सिर्फ ५ दिन ही शेष रह गए हैं। दरअसल, इस वर्ष से यूजी संकाय की पढ़ाई नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर सिस्टम से होनी है। ऐसे में एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से सेशन की पढ़ाई विद्यार्थियों को नहीं मिलती। नए एकेडमिक कैलेंडर में नवंबर-दिसंबर में सेमेस्टर परीक्षाएं है, जबकि पुराने नियम से अगस्त का पूरा महीना एडमिशन में गुजर रहा था, जिसके बाद शासन ने कॉलेज प्रवेश के लिए दिनों को कम करने का निर्णय लिया।

व्यापमं सीजी सेट : बारिश के दिन है इसलिए कमरों में होगी रौशनी की अतिरिक्त व्यवस्था

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BHILAI-RAIPUR/ छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं cg vyapam ने रविवार को होने वाली पात्रता परीक्षा (सेट) के आयोजन के लिए दुर्ग, भिलाई में 99 परीक्षा केन्द्र बनाए हैं। सोमवार को इन सभी केंद्रों के अध्यक्ष और पर्यवेक्षकों की बैठक साइंस कॉलेज दुर्ग में कराई गई। व्यापमं के लिए जिला समन्वयक डॉ. एमए सिद्दीकी और सहायक समन्वयक डॉ. अनुपमा अस्थाना ने बताया कि ब्रीफिंग सेशन में जिला प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर बजरंग दुुबे सहित अन्य अफसर मौजूद रहे। ब्रीफिंग के दौरान अपर कलेक्टर ने दुर्ग जिले की कलेक्टर रिचा प्रकाश चौधरी द्वारा दिए गए निर्देशों की जानकारी केंद्राध्यक्षों को दी। कहा कि बारिश के मौसम के कारण शाम की पाली में होने वाली परीक्षा के दौरान के लिए सभी कक्षों में रौशनी की इंतजाम किया जाना चाहिए ताकि पेपर हल करते समय अभ्यर्थियों को परेशानी न हो। वहींसहायक समन्वयक डॉ. अभिनेष सुराना ने उपस्थित परीक्षार्थियों के उपस्थिति के विवरण और दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के संबंध में व्यापमं द्वारा दिए गए निर्देशों की जानकारी दी।

ब्लाइंड अभ्यर्थियों को अधिक समय

ब्रीफिंग सेशन में पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विस्तार से जानकारी देते हुए सहायक समन्वयक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि बिना ओरिजनल फोटो युक्त परिचय पत्र के कोई भी परीक्षार्थी में परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा। परीक्षा 99 परीक्षा केन्द्रों में दो पालियों में आयोजित होगी। प्रथम पाली में सुबह 10 से 11.15 बजे तक सामान्य अध्ययन का प्रश्नपत्र होगा। द्वितीय पाली में दोपहर 2 से 4.15 बजे तक विभिन्न विषयों का प्रश्नपत्र आयोजित होगा। दृष्टिहीन परीक्षार्थियोंके लिए प्रति घंटा 20 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। केन्द्र में उपस्थित दोनों पर्यवेक्षकों को कुल उपस्थित परीक्षार्थियों की संख्या का 10 प्रतिशत परीक्षार्थियों से संबंधित विवरण का भौतिक रूप से सत्यापन करना अनिवार्य होगा।
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आषाढ़ के आखिरी दिनों में झमाझम बारिश, सोमवार से सावन की शुरुआत

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भिलाई . सोमवार से सावन की शुरुआत से पहले बारिश में बढ़ोतरी होने लगी है। शुक्रवार की रात को झमाझाम 31.8 मिलीमीटर यानी डेढ़ इंच पानी गिरा। इसके बाद शनिवार को दिनभर तेज धूप ने हलाकान किया। इससे उमस में दोगुनी वृद्धि हो गई। दिनभर उमस में गुजराने के बाद शाम को एक बार फिर काले बादल छाए और हल्की बूंदाबांदी की शुरुआत हुई जो शाम 6.30 बजे के आसपास तेज बारिश में बदल गई। इस तरह अषाढ़ के आखिरी दो दिनों में बढिय़ा बारिश मानसून की सक्रियता की ओर इशारा कर रही है। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश में भारी बारिश का मुख्य क्षेत्र अगले कुछ दिन मध्य छत्तीसगढ़ यानी दुर्ग संभाग रहेगा। 21 से 25 जुलाई तक दुर्ग जिला सहित संभाग के जिलों में बढिय़ा बारिश की संभावना बन रही है। ओडि़शा के तट पर बने अमदाब से अब छत्तीसगढ़ की ओर तीन किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से कमजोर होगा। इसके बाद अगले 12 घंटों में इससे कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह स्थिति जिले में बारिश की संभावनाएं बढ़ाएंगी।

जिले में अब तक 206.4 मिमी वर्षा

जिले में एक जून से 20 जुलाई तक 206.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून से अब तक सर्वाधिक वर्षा &70.1 मिमी पाटन तहसील में हुई है। न्यूनतम 1&0.4 मिमी बोरी तहसील में दर्ज की गई है। इसके अलावा तहसील दुर्ग में 167.8 मिमी, तहसील धमधा में 146.& मिमी, तहसील भिलाई & में 181.4 मिमी और तहसील अहिवारा में 242.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।

आषाढ़ का आखिरी दिन आज

इस साल 19 जून को मानसून ने दुर्ग जिले में दस्तक दी। इस लिहाज से अभी तक जिले में मानसून से जितनी बारिश हुई है, उतनी बारिश आषाढ़ के आखिरी दो दिनों में हो गई। दुर्ग जिले में सबसे अ‘छी बारिश इस बार भी पाटन तहसील में हुई वहीं सबसे कम बारिश धमधा ब्लॉक में हुई। शनिवार को दुर्ग में 20.2 मिमी वर्षा हुई। तहसील धमधा में 8.8 मिमी, तहसील पाटन में 51.4 मिमी, तहसील बोरी में 15.9 मिमी, भिलाई & में 19.0 मिमी और तहसील अहिवारा में 16.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि अब मानसून की सक्रियता बनी रहेगी। जुलाई की विदाई तक जिला सहित प्रदेशभर में झमाझम बारिश के लिए सभी परिस्थितियां अनुकूल बनती दिख रही है।

तापमान, उमस में कमी नहीं

शुक्रवार की रात को हुई झमाझम बारिश के बाद तापमान में गिरावट की उम्मीद थी, लेकिन इसका विपरित हुआ। शनिवार को दोपहर में अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। भीगी हुई जमीन पर पड़ी सूरज की तेज किरणों ने जमकर भांप बनाई, जिससे चिपचिपी चुभने वाली गर्मी का अहसास हुआ। विभाग ने फिलहाल अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट के संकेत नहीं दिए हैं। इन दिनों जिले का न्यूनतम फिलहाल 25 डिग्री के आसपास बना हुआ है, लेकिन फील चेम्प्रेचर के मामले में रात बेचैन करने वाली है। रात का पारा 27 डिग्री तक पहुंच रहा है।

अगले कुछ दिन वर्षा का मुख्य क्षेत्र मध्य छत्तीसगढ़ रहेगा। इससे रायपुर और दुर्ग संभाग में झमाझम बारिश की संभावना है। दुर्ग संभाग के जिलों में भारी बाारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है। हालांकि दुर्ग की स्थिति अभी येलो अलर्ट के आसपास कही जा सकती है।
एचपी चंद्रा, मौसम विशेषज्ञ

आईपीएस हिमांशु गुप्ता ने 33 साल पहले ही बता दिया था ‘एआई’ का भविष्य, रिसर्च पेपर भी किया था प्रकाशित

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0 आईपीएस हिमांशु गुप्ता का इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वर्ष 1991 में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स’ विषय पर रिसर्च पेपर भी हुआ था प्रकाशित

Khabar Navis Desk। सरगुजा के पूर्व आईजी व वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में महानिदेशक के पद पर पदस्थ आईपीएस हिमांशु गुप्ता ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के भविष्य की 33 साल पहले ही परिकल्पना की थी। वर्ष 1991 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान हिमांशु गुप्ता द्वारा वर्ष 1991 में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं रोबोटिक्स’ विषय पर रिसर्च पेपर भी प्रकाशित किया गया था। इसमें उन्होंने आम जिंदगी तथा औद्योगिक क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा रोबोट्स के उपयोग, भविष्य तथा खतरों को रेखांकित किया गया था।

आज से 33 वर्ष पूर्व जब एआई को अधिकांश लोग जानते भी नहीं थे, उस समय हिमांशु गुप्ता द्वारा रिसर्च पेपर के माध्यम से बताया गया था कि एआई के विकास के साथ-साथ उसका दुरुपयोग भी बढ़ेगा। आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति अपराध घटित करने में उसका उपयोग भी करेंगे।

ऐसे में एआई के विकास के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एआई का दुरुपयोग न हो। उनका यह भी मानना है कि 33 वर्ष पूर्व एआई के जिस मॉडल की परिकल्पना की गई थी, वर्ष 2024 तक उसका 10 प्रतिशत ही विकास हुआ है। एआई के क्षेत्र में अभी भी 90 प्रतिशत विकास बाकी है।

आईपीएस हिमांशु गुप्ता की ये हैं अन्य उपलब्धियां

आईपीएस हिमांशु गुप्ता 1994 बैच के आईपीएस हैं। वे वर्ष 2016 से 2018 तक सरगुजा संभाग के आईजी रह चुके हैं। वर्तमान में वे पुलिस मुख्यालय में महानिदेशक के पद पर पदस्थ हैं तथा प्रशासन शाखा का कार्य देख रहे हैं।

सरगुजा में आईपीएस हिमांशु गुप्ता को मृदुभाषिता, कार्य कुशलता, मिलनसार व्यवहार तथा आज जनता और पुलिसकर्मियों के लिए कल्याणकारी कार्यों के लिए याद किया जाता है।

सरगुजा व दुर्ग में आईजी के रूप में रहते हुए उन्होंने ‘आग्रह कक्ष’ की स्थापना की थी, इसमें हर मंगलवार को आम जनता व पुलिसकर्मी उनसे सीधा या वीडियो कॉल के माध्यम से संवाद कर अपनी समस्याओं का निराकरण कराते थे। ये सफल पुलिस अधिकारी के साथ-साथ टेक्नोक्रेट भी हैं तथा टेक्नोलॉजी का पुलिसिंग में इनोवेटिव रूप से उपयोग करते हैं।

इन पदों पर रह चुके हैं पदस्थ

आईपीएस हिमांशु गुप्ता दंतेवाड़ा, बस्तर, धमतरी, जांजगीर-चांपा एवं कोरबा जिले में एसपी तथा सरगुजा, बस्तर तथा दुर्ग रेंज के आईजी रह चुके हैं। साथ ही एडीजी इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी काम किया है।

वे छत्तीसगढ़ के एकमात्र आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने सीईओ जिला पंचायत, आयुक्त तकनीकी शिक्षा, रोजगार तथा कौशल उन्नयन, सीईओ छत्तीसगढ़ स्किल डेव्हलपमेंट अथॉरिटी तथा सीईओ लाइव्लीहुड कॉलेज प्रोजेक्ट के रूप में सफलतापूर्वक कार्य किया है।

सीईओ छत्तीसगढ़ लाइव्लीहुड कॉलेज प्रोजेक्ट की पदस्थापना के दौरान 9 मई 2015 को पीएम नरेंद्र मोदी लाइव्लीहुड कॉलेज दंतेवाड़ा में आगमन हुआ था। इस दौरान करीब 10 मिनट तक हिमांशु गुप्ता ने पीएम मोदी के सामने लाइव्लीहुड कॉलेज की ब्रीफिंग की थी।

Big Breaking: एनएच पर बड़ा हादसा: ट्रक की टक्कर से पति-पत्नी व मासूम बच्चे की मौत, मोबाइल लेकर भागे बदमाश

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0 अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाइवे पर मंगारी के पास हुआ हादसा, बाइक सवार पति-पत्नी व बच्चे को ट्रक ने लिया चपेट में

अंबिकापुर। अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाइवे पर शुक्रवार की दोपहर 3 बजे तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार दंपती व उनके मासूम बच्चे को टक्कर मार दी। हादसे में तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि महिला का जहां हाथ कटकर अलग हो गया, वहीं उसके पति के सिर के चीथड़े उड़ गए। हादसे के बाद मानवता को शर्मसार करते हुए बाइक सवार 2 युवक मृतकों का मोबाइल लेकर फरार हो गए।

अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाइवे पर आए दिन सडक़ हादसे होते रहते हैं। इसी क्रम में शुक्रवार की दोपहर करीब 3 बजे सीतापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मंगारी के पर तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार पति-पत्नी व उसके मासूम बेटे को चपेट में ले लिया। हादसे में तीनों की दर्दनाक मौत हो गई।

उनके शव सडक़ पर यहां-वहां बिखरे नजर आए। यह नजारा जिसने भी देखा, उसकी रूह कांप गई। सूचना मिलते ही सीतापुर पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है। उनके द्वारा शवों को उठाकर अस्पताल भिजवाया गया। मृतकों की शिनाख्त फिलहाल नहीं हो पाई है।

मोबाइल लेकर लुटेरे फरार

हादसे के बाद मानवता को शर्मसार करने वाला मामला भी देखा गया। मृतकों के शव के पास बाइक सवार 2 युवक पहुंचे और उनका मोबाइल लेकर वहां से फरार हो गए। घटनास्थल पर मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें आवाज भी लगाई लेकिन वे भाग निकले।

विकास दुबे को सांप ने 7 बार नहीं एक बार ही डसा था, सामने आई सच्चाई, इस बीमारी का है शिकार

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0 डीएम ने मामले में जांच के दिए थे निर्देश, 3 सदस्यीय टीम की जांच में 7 बार सांप द्वारा डसने का दावा निकला झूठा, प्राइवेट अस्पताल ने मोटा बिल बनाने नहीं बताई थी सच्चाई

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर निवासी विकास दुबे को 7 बार सांप डसने का मामला झूठ निकला। उसे सांप ने 7 बार नहीं बल्कि 1 बार ही डसा था। दरअसल विकास दुबे को स्नैकफोबिया है। ऐसे में उसे लगता है कि सांप बार-बार उसे डस रहा है। इस मामले में फतेहपुर के डीएम ने सीएमएचओ को मामले की जांच के निर्देश दिए थे। सीएमएचओ ने 3 सदस्यीय टीम से जांच कराई तो सच्चाई सामने आ गई। यह रिपोर्ट उन्होंने डीएम को सौंप दिया। वहीं जांच टीम द्वारा यह भी कहा गया है कि प्राइवेट अस्पताल द्वारा मोटा बिल बनाने विकास दुबे को धोखे में रखा गया।

पूरे देश में हो रही थी सांप डसने की चर्चा

दरअसल फतेहपुर के ग्राम सौरा निवासी युवक विकास दुबे ने दावा किया था कि उसे 40 दिनों में सांप ने 7 बार डसा है। यह घटना देशभर में चर्चा का विषय बन गया था। वैज्ञानिक और डॉक्टर भी इस बात को लेकर हैरान थे।

विकास का कहना था कि पहली बार जब उसे सांप ने डसा तो वह अपने खेत में काम कर रहा था। इस दौरान इसे सामान्य घटना मानकर इलाज कराया गया। लेकिन इसके बाद से सांप डसने का सिलसिला जारी हो गया और 40 दिन में उसे 7 बार सांप ने डस लिया।

उसने कहा कि हर बार वह अपना इलाज फतेहपुर के एक निजी अस्पताल में करा रहा था। वहां उसे एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन देने के साथ ही पूरा इलाज किया जाता था।

9वीं बार में साथ ले जाने का भी दावा

विकास दुबे का कहना था कि उसे एक ही फन वाले सांप ने कई बार डसा है। वह यह भी कहता था कि सपने में उसे सांप कहता था कि उसे उक्त तिथि को डसेगा। इसके बाद वह भागकर अन्य जगह पर चला जाता था, लेकिन सांप वहां भी उसे डस लेता था।

उसने बताया कि 7वीं बार उसके मौसी के घर सांप ने उसे डसा था। उसने यह भी दावा किया कि सांप ने उसे 9वीं बार में साथ ले जाने कहा था। यह मामला सामने आने के बाद डीएम ने मामले की जांच कराई थी।

विकास को है स्नैक फोबिया

हम आपको बता दें कि फोबिया किसी तर्कहीन डर को कहते हैं। किसी चीज से बहुत ज्यादा डर जाने के बाद फोबिया हो जाता है। विकास को भी एक बार सांप द्वारा डसे जाने के बाद स्नैक फोबिया हो गया। उसे यह लगता था कि सांप ने उसे फिर से डस लिया।

यहीं वजह है कि उसने 40 दिनों में 7 बार सांप डसने की बात बताई। जब भी उसे लगता था कि उसे सांप ने डस लिया तो वह प्राइवेट अस्पताल में चला जाता था।

यहां के डॉक्टरों ने भी उसे भ्रम में रखा और इलाज करते रहे। यदि दूसरी बार में ही उसे बता दिया गया होता कि उसे सांप ने नहीं डसा है तो यह नौबत नहीं आती।

रोजगार का बड़ा अवसर.. डाक विभाग में 10वीं पास को 44 हजार पदों के लिए आवेदन आमंत्रित

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Employment Guidance New Delhi Indian Postal Department Gramin Dak Sevak
Employment Guidance New Delhi Indian Postal Department Gramin Dak Sevak

अभ्यर्थी विस्तृत जानकारी डाक विभाग की वेबसाइट indiapostgdsonline.gov.in पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं

रोजगार/मार्गदर्शन/खबर-नवीस। बेरोजगार युवाओं के लिए शासकीय नौकरी पाने का अच्छा अवसर सामने आया है। भारतीय डाक विभाग ने ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) की बंपर नियुक्ति निकाली है। इसके तहत देशभर में 44 हजार से अधिक तथा बिहार में 2558 पदों पर नियुक्ति की जानी है।

डाक विभाग की अधिसूचना के अनुसार बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित 23 राज्यों में नियुक्तियां होनी हैं। इनमें ब्रांच पोस्ट मास्टर, सहायक ब्रांच पोस्ट मास्टर और डाक सेवक के पद भी शामिल हैं।

10वीं पास इस वेबसाइट पर करें आवेदन
इच्छुक अभ्यर्थी डाक विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए निर्धारित योग्यता 10वीं पास है। अभ्यर्थी विस्तृत जानकारी डाक विभाग की वेबसाइट indiapostgdsonline.gov.in पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं।

सामान्य वर्ग के बड़ी संख्या में पद
हर डाक सर्किल में होने वाली 2558 पदों पर नियुक्ति में सामान्य वर्ग के 1067 पद हैं। इसके अतिरिक्त 725 ओबीसी, 371 एससी, 117 एसटी, 220 ईडब्ल्यूएस, 25, पीडब्ल्यूडी-ए, 18 पीडब्ल्यूडी-बी, और 15 पीडब्ल्यूडी-सी के पद हैं। आवेदन की अंतिम तिथि पांच अगस्त है।