Wednesday, January 15, 2025
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DURG UNIVERSITY : कॉलेजों में एडमिशन लेने अब आखिरी 5 दिन, चूके तो सीधे अगले साल मिलेगा दाखिला

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भिलाई . हेमचंद यादव विश्वविद्यालय DURG UNIVERSITY से संबद्ध १६१ निजी व शासकीय कॉलेजों में दाखिले के लिए अब सिर्फ आखिरी पांच दिन शेष रह गए हैं। कायदे से, सामान्य दाखिले 25 जुलाई को समाप्त हो चुके हैं। अब कुलपति की विशेष अनुमति से विश्वविद्यालय ने एडमिशन पोर्टल फिर एक बार 31 जुलाई तक के लिए खोला है। उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा अधिसूचना में कहा गया है कि विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन ही करना होगा। हालांकि जिस संस्थान में सीटें रिक्त होंगे, सिर्फ वहीं एडमिशन मिलेंगे। छात्रों को आखिरी एक अगस्त तक कॉलेजों में उपस्थिति दर्ज कराते हुए अपना एडमिशन पक्का करना होगा।

अभी भी है सीटें रिक्त

संबद्ध सभी शासकीय कॉलेजों में भी मुख्य कोर्स में दाखिला आसानी से मिल जाएगा, क्योंकि इनमें करीब ३८ फीसदी सीटें अभी भी खाली पड़ी है। इसके अलावा निजी कॉलेजों में लगभग ४६ फीसदी सीटें रिक्त रह गई हैं। निजी और शासकीय कॉलेजों में अब पहले आओ, पहले पाओ के नियम से प्रवेश दिया जा रहा है। धनोरा स्थित मॉडल कॉलेज अंग्रेजी माध्यम है। इसमें भी सीटें रिक्त बची हुई है। इसी तरह सबसे बड़े ऑटोनोमस संस्थान दुर्ग साइंस कॉलेज के विभिन्न कोर्स में भी अभी सीटें रिक्त हैं।

अब सेमेस्टर से पढ़ाई

पहले तक कॉलेजों में दाखिले 14 अगस्त तक जारी रहते थे, लेकिन इस साल से नियम में संशोधन के बाद यह मियाद 31 जुलाई कर दी गई है। इसके पीछे की वजह सेमेस्टर एग्जाम है। इस साल से कॉलेजों में नई शिक्षा नीति लागू हो चुकी है, जिससे सालाना की जगह पर अब सेमेस्टर आधारित पढ़ाई और परीक्षा कराई जा रही है। यही वजह है कि समय पर सेशन शुरू करने और परीक्षा कराने के लिहाज से एडमिशन के दिनों को १५ दिन घटाया गया है।

कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले छात्रों के पास अब सिर्फ 31 जुलाई तक ही मौका है। इसके बाद एडमिशन पोर्टल पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। फिर सीधे अगले साल दाखिले ले पाएंगे।
भूपेंद्र कुलदीप, कुलसचिव, हेमचंद विश्वविद्यालय

दंतैल हाथी ने सो रहे चचेरे भाइयों पर किया हमला, एक को जमीन पर पटककर कुचला

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० रात में घर के बाहर सोने के दौरान गांव में आ धमका था हाथी, 3 दिन पहले भी एक ग्रामीण को इसी हाथी ने मार डाला था

बलरामपुर। बलरामपुर जिले के धमनी वन परिक्षेत्र अंतर्गत अकेले विचरण कर रहे एक दंतैल हाथी ने गुरुवार की रात एक ग्रामीण को कुचलकर मार डाला, जबकि उसके साथ रहे चचेरे भाई ने भागकर अपनी जान बचाई। इधर हाथी के घर के पास आने की आहट पाकर उठी पत्नी ने पति व चचेरे देवर को जगाने का प्रयास किया था लेकिन वे नहीं उठे। इसी बीच हाथी ने उसके पति को कुचलकर मार डाला। घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम गांव में पहुंची और घायल व मृतक को रामानुजगंज अस्पताल भिजवाया। यहां घायल का इलाज जारी है, जबकि मृतक का शव पीएम पश्चात शुक्रवार को उनके परिजन के सुपुर्द कर दिया गया।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के धमनी वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम अनिरुद्धपुर निवासी बाबूलाल सिंह 64 वर्ष अपने चचेरे भाई शिवनाथ सिंह के साथ खाट पर सोया था। बगल के खाट पर उसकी पत्नी भी सोई थी।

इसी दौरान एक दंतैल हाथी वहां आ धमका। हाथी को कुछ दूरी पर ही देखकर पत्नी उठी और दोनों को उठाने लगी, लेकिन वे नहीं उठे तो वह भागकर घर के भीतर चली गई।

इसी बीच हाथी वहां पहुंचा और सो रहे शिवनाथ पर पहले हमला किया। यह देख वह भी घायल अवस्था में घर के भीतर घुस गया। इधर बाबूलाल को हाथी ने खाट से उठाकर जमीन पर पटक दिया। फिर कुचलकर जान ले ली।

गांव में पहुंची वन विभाग की टीम

ग्रामीणों की सूचना पर रेंजर अजय वर्मा वन अमले के साथ गांव में पहुंचे और उन्होंने घायल को रामानुजगंज अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपए मृतक के परिजनों को प्रदान किया।

दंतैल हाथी ने ग्रामीण को पहले सूंड से उठाकर पटका, फिर छाती पर पैर रखकर कुचल डाला

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बलरामपुर/रायपुर . हाथी के उत्पात से एक ग्रामीण की मौत हो गई है। धमनी वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम अनिरुद्धपुर बस्ती में गुरुवार की रात को दंतैल नर हाथी ने घर के बाहर सो रहे ग्रामीण को सूंड से पटक कर कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं ग्रामीण के साथ सो रहे चचेरा भाई को भी हाथी ने सूंड में लपेट लिया था, लेकिन परंतु किसी प्रकार उसने घर में घुसकर अपनी जान बचाई। घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची घायल ग्रामीण को 100 बिस्तर अस्पताल रामानुजगंज इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

बताया जा रहा है कि रात करीब डेढ़ बजे ग्राम अनिरुद्धपुर के बीच बस्ती में घर के बाहर बाबूलाल सिंह पिता स्वर्गीय शिवचरण सिंह उम्र 64 वर्ष एवं उसका चचेरा भाई शिवनाथ सिंह पिता स्वर्गीय लखन सिंह एक ही खाट पर सो रहे थे। इसी दौरान हाथी वहां आ धमका। पहले उसने शिवनाथ के छाती पर पैर रखा। इसके बाद सूंड से लपेटने का प्रयास किया। मौका देख कर शिवनाथ वहां से कूदकर घर के अंदर घुस गया, लेकिन बाबूलाल नहीं भाग पाया। हाथी उसे सूंड से लपेट कर करीब पांच मीटर दूर ले जाकर पटक कर पैर से उसे कुचल दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की देर रात ही सूचना वन विभाग को दी गई। मौके पर रेंजर अजय वर्मा सहित वन अमला पहुंचा। मृतक के स्वजन को तात्कालिक आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई।

NITIN GADKARI : अब सेटेलाइट से कटेगा गाडिय़ों का टोल, तय रूट में जितने गेट पड़ेंगे उतना एक साथ चुका सकेंगे टैक्स

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नई दिल्ली . अब लंबे सफर के दौरान टोल प्लाजा में टोल चुकाने का पूरा सिस्टम बदल जाएगा। केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मौजूदा टोल सिस्टम को खत्म कर दिया है। इसके साथ ही सैटेलाइट टोल कलेक्शन सिस्टम लॉन्च करने की घोषणा की है। यानी सफर शुरू करने से लेकर खत्म करने तक जिस रूट से आप जाएंगे, उसमें पडऩे वाले सभी टोल प्लाजा की जानकारी के साथ आपका टोल पहले ही काट लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार टोल खत्म कर रही है और जल्द ही सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली शुरू की जाएगी। इस सिस्टम को लागू करने के पीछे का उद्देश्य टोल कलेक्शन को बढ़ाना और टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ को कम करना है।

सडक़ परिवहन और हाईवे मंत्रालय वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम लागू करने जा रहा है। ये अभी सिर्फ चुनिंदा टोल प्लाजा पर होगा। नितिन गडकरी ने कहा कि अब हम टोल खत्म कर रहे हैं और सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली होगी। आपके बैंक खाते से पैसे कटेंगे और आप जितनी दूरी तय करेंगे, उसके हिसाब से शुल्क लिया जाएगा। इससे समय और पैसे की बचत होगी। मुंबई से पुणे जाने में पहले 9 घंटे लगते थे, अब यह घटकर 2 घंटे रह गया है।

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएच) का टारगेट मार्च 2024 तक इस नई प्रणाली को लागू करना है। टोल प्लाजा पर प्रकियाओं को सुव्यवस्थित करने और वेटिंग टाइम को कम करने के प्रयासों के बारे में सूचना जारी की गई है।

अस्पताल में बढ़े उल्टी-दस्त, बुखार के मरीज, जलजनित रोग से हो रहे संक्रमित

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भिलाई . जिला और सिविल हॉस्पिटल में दाखिल मरीजों में उल्टी-दस्त और बुखार के रोगियों की संख्या अधिक है। शहर के अलग-अलग क्षेत्र से यह मामले आ रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक बारिश के दिनों में पानी की वजह से लोग बीमार होते हैं। नल, बोरिंग का पानी उपयोग करने से पहले उबाल लिया जाए, तो फिर यह परेशानी नहीं होगी। चिकित्सकों के मुताबिक इस मौसम में मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है। मलेरिया, डेंगू समेत अन्य बुखार लोगों को होती है। इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ-सफाई और पानी को एकत्र होने न दें। सोते वक्त मच्छरदानी का उपयोग करें।

यहां से आ रहे हैं मरीज

राम नगर, सुपेला, भिलाई में रहने वाले उमेश और उनकी पत्नी पिछले चार दिनों से उल्टी-दस्त से पीडि़त हैं। उनको सिविल हॉस्पिटल में दाखिल किया गया है। शुरू में हालत खराब थी। अब स्थिति में सुधार हो गया है। वे बोरिंग और शिवनाथ नदी से आने वाले पाइप से पानी उपयोग करते हैं। घर में मौजूद दोनों सदस्यों को एक साथ यह परेशानी हुई है। कैंप में रहने वाली प्रतिभा वर्मा उल्टी दस्त से पीडि़त है। वहीं 6 साल की बालिका निवासी सुपेला, चिंगरी पारा बुखार से पीडि़त है। इसी तरह से कैंप में रहने वाली एक बालिका पेट दर्द की वजह से दाखिल है।

20 फीसदी बढ़ गए मरीज

बारिश शुरू होने से पहले सिविल हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या ओपीडी में करीब 300 से 350 के दरमियान रहती थी। वह बढ़कर अब 400 से 500 तक पहुंच चुकी है। अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों में भी सबसे अधिक उल्टी दस्त, बुखार के रोगी हैं।

इस वजह से हो रहे बीमार


विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश में पानी से नाना प्रकार के जीव जन्तु व वस्तुएं बहकर नदी नालों में चले आते है। उसी प्रकार बारिश के पानी में रोगों के जीवाणु बहकर पीने योग्य पानी में मिल जाते हैं। इसमें कुंआ का पानी, हैंड पंप का पानी, नल से आने पाला पानी उपयोग करने से दस्त, उल्टी-दस्त, पीलिया, टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू के जीवाणु मनुष्य के शरीर में पीने के पानी के माध्यम से प्रवेश कर जाते हैं। नदी का पानी नलों से घरों तक पहुंचता है। इसका उपयोग बहुतायत क्षेत्रों में किया जाता है। पाइप में किसी तरह का लिकेज या गंदा पानी प्रवेश करता है, तब उल्टी-दस्त की शिकायत होती है। इसकी वजह से ही महामारी की आशंका भी बनी रहती है।

दूषित पानी से बचने का यह है रास्ता


शहरी क्षेत्रों में नलजल योजना का पानी सभी नगर वासियों के घरों तक पहुंचा हुआ है। इसमें से आने वाली पानी का सेवन सभी करते हैं। वहीं किसी कारण से पानी दूषित होकर घरों से पहुंच जाए, तो उल्टी-दस्त की शिकायत हो जाती है। इससे बचने का रास्ता यह है कि लोग पानी छानकर, उबालकर ही उपयोग करें। यहां से पहुंचता है शरीर में बैक्टीरिया विशेषज्ञ चिकित्सक के मुताबिक बारिश में कम से कम 4 माह तक गंदा पानी, बासी भोजन, सड़े गले फल, सब्जियां, भाजी, मशरूम (फुटू), सरई बोड़ा, मांस-मछली का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे शरीर में खाने के माध्यम से बैक्टीरिया पहुंच जाते हैं। यही उल्टी-दस्त का कारण बनते हैं।

जिला में यहां से मिले उल्टी दस्त के मरीज

जिला में इस साल उल्टी दस्त की शिकायत धमघा से 10 ओपीडी, 2 आईपीडी मेड़ेसरा से 13 ओपीडी 2 आईपीडी व अहिवारा से 14 ओपीडी 2 आईपीडी की मिल चुकी है। इसके पहले जो संक्रमित हुए थे। वे ठीक हो चुके हैं। उल्टी दस्त की जहां से शिकायत मिल रही है। वहां ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में मितानिनों, महिला, पुरुष स्वास्थ्य संयोजक से जीवन रक्षक औषधि के रूप में ओआरएस पैकेट, जिंक टेबलेट, मेट्रोजिल टेबलेट, क्लोरिन टेबलेट, ब्लिचिंग पाउडर का क्षेत्र में वितरण कर रहे हैं।


बारिश के मौसम में पानी का उपयोग उबालकर करें। ताजा भोजन का ही उपयोग करें। उल्टी दस्त की शिकायत मिलने पर तुरंत समीप के अस्पताल जाकर चिकित्सक से उपचार करवाएं। सोते वक्त मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें।
डॉक्टर सीबीएस बंजारे, जिला मलेरिया अधिकारी, दुर्ग

KARGIL VIJAY : पीएम मोदी बोले…, पाकिस्तान को हर बार धूल चटाने को तैयार बैठे हैं हमारे जाबांज

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KARGIL VIJAY DIWAS नई दिल्ली . देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। कहा कि, मैं आतंकवाद के सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। पीएम ने आगे कहा, आज जम्मू कश्मीर की पहचान जी-20 से हो रही है। आज भारत की हथियारों के एक्?सपोर्ट रूप में पहचान बनी है। पीएम मोदी द्रास स्थित वॉर मेमोरियल में कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में शहीदों के बलिदान को याद किया। साथ ही पाकिस्तान पर आतंकवाद के मुद्दे पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि आज लद्दाख की ये महान धरती कारगिल विजय के 25 वर्ष पूरे होने की साक्षी बन रही है। कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्रीय के लिए दिए गए बलिदान अमर होते हैं। दिन, महीने, वर्ष, सदियां गुजरती हैं, मौसम भी बदलते हैं लेकिन राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वालों के नाम अमिट रहते हैं।

पाकिस्तान को आड़े हाथों घेरते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, भारत उस समय शांति के लिए प्रयास कर रहा था। बदले में पाकिस्तान ने फिर एक बार अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया है, लेकिन असत्य के सामने सत्य और आतंक की हार हुई। पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए उसे मुंह की खानी पड़ी। लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा। मैं आतंकवाद के सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। मोदी ने कहा कि आतंकवाद को हमारे जांबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे। दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। लद्दाख हो या फिर जम्मू-कश्मीर, विकास के सामने आ रही हर चुनौती को भारत परास्त करके ही रहेगा।

धारा 370 पर भी की बात

पीएम ने कहा, कुछ ही दिन बाद 5 अगस्त को आर्टिकल 370 का अंत हुए 5 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर आज नए भविष्य की बात कर रहा है, बड़े सपनों की बात कर रहा है। जम्मू-कश्मीर की पहचान जी-20 जैसी ग्?लोबल समिट की अहम बैठक करने के लिए हो रही है।

लद्दाख में विकास के मुद्दे पर भी बोले

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लद्दाख में भी विकास की नई धारा बनी है। शिंकुल ला टनल के निर्माण का काम आज शुरू हुआ है। इसके जरिए लद्दाख पूरे साल, हर मौसम में देश से कनेक्ट रहेगा। ये टनल लद्दाख के विकास और बेहतर भविष्य के लिए नई संभावनाओं का नया रास्ता खोलेगी।

अब विश्वविद्यालय बदलने पर बीटेक छात्रों को नहीं होगी सिलेबस में परेशानी

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CSVTU NEWS भिलाई . बीटेक सहित विभिन्न तकनीकी कोर्स कर रहे विद्यार्थियों को उस वक्त सबसे अधिक परेशानी होती है, जब उन्हें अचानक से विश्वविद्यालय बदलना पड़ता है। नए विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने पर पूरा कोर्स बदल जाता है। इस समस्या को दूर करने इंडियन सोसाइटी फॉर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आईएसटीयू) बड़ी कोशिश करने जा रही है। हाल ही में हुई विश्वविद्यालयों की बैठक में तय किया गया है कि देश की तमाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी अपने पाठ्यक्रम में एकरूपता लाएंगे। यानी जो सिलेबस छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी का होगा वही कोर्स अन्य राज्यों के विश्वविद्यालय में भी पढ़ाएंगे। बैठक में इसके लिए प्रारूप व प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। इस बैठक की अगुवाई सीएसवीटीयू के कुलपति डॉ. एमके ने की। वहीं देशभर के तकनीकी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों भी इसमें शामिल रहे। इस प्रस्ताव पर सभी ने सहमति दी।

प्रश्नबैंक बनाने पर मंथन

सीएसवीटीयू सहित तमाम तकनीकी विश्वविद्यालय सेमेस्टर परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की जटिलताओं को दूर करने के लिए एक जुट हो गए हैं। सभी विश्वविद्यालय एक साथ मिलकर प्रश्नबैंक तैयार करेंगे। यह क्वेश्चन बैंक देश का ऐसा पहला सिस्टम होगा, जिसमें हर पेपर के हजारों प्रश्न अलग-अलग विश्वविद्यालयों के परीक्षा पैटर्न के हिसाब से तय किए जाएंगे। वैसे तो इस सिस्टम को डेवलप करने में करोड़ों रुपए का खर्च आएगा, लेकिन यदि तमाम तकनीकी विश्वविद्यालय मिलकर इसे तैयार करते हैं तो यह लागत न के बराबर हो जाएगी।

प्लेसमेंट पर होगा काम

आईएसटीयू की बैठक में तकनीकी विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के लिए एक सेंट्रलाइज सिस्टम तैयार करने पर सहमति बनी। इसमें देशभर के तकनीकी विश्वविद्यालय शामिल रहेंगे। किसी भी विश्वविद्यालय में होने वाला कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव सभी के लिए ओपन फोरम पर आयोजित होगा। इसका फायदा यह होगा कि सीएसवीटीयू का छात्र किसी भी अन्य तकनीकी विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट कैंपेन के साथ जुड़ जाएगा। युवाओं को प्लेसमेंट के काबिल बनाने के लिए सभी सीएसवीटीयू के साथ सभी विश्वविद्यालय विशेष प्रशिक्षण भी मुहैया कराएंगे। इसका सीधा लाभ विद्यार्थियों को रोजगार के साथ होगा।

आईएसटीयू की बैठक में छात्रहित को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए गए हैं। विश्वविद्यालय स्थानांतरण से लेकर सिलेबस अपडेशन और प्रश्नबैंक बनाने जैसे प्रस्ताव बनाए गए हैं।
डॉ. एमके वर्मा, कुलपति, सीएसवीटीयू

दंतेवाड़ा को चमकाने नायक और नायिका तैयार करेगा IIT BHILAI

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IIT BHILAI .. दंतेवाड़ा जिले को स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा और पोषण के क्षेत्र मेंबेहतर बनाने के लिए अब वहीं के फ्रंटलाइन युवा इनफ्लुएंसर्स काम करेंगे। इन युवाओं को नायक और नायिका नाम दिया गया है, जो गांवों में ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनकी वेलफेयर जरूरतों का ख्याल रखेंगे। इन नायक और नायिका को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी आईआईटी भिलाई को दी गई है। प्रोग्राम का नाम है, बापी ना उवैट। इस कार्यक्रम के पहले चरण में आईआईटी भिलाई ने ४० नायक और नायिकाओं को ट्रेनिंग दी है। यह ट्रेंड युवा अब दंतेवाड़ा जिले के गांव-गांव में जाकर महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग, चाइल्ड हेल्थ, मासिक धर्म हाईजीन जैसी सैकड़ों जानकारियां देंगे। गर्भवती महिलाओं की कंडीशन जानेंगे साथ ही जरूरत पडऩे पर उन्हें अस्पताल पहुंचाने में भी मदद करेंगे। जिस बीमारी का इलाज घर में रहकर हो सकता है, उसके लिए जरूरी दवाइयों के बंदोबस्त के लिए जिला प्रशासन की मदद लेंगे।

प्रशासन को मिलेगा डाटा

अभी तक दंतेवाड़ा के गांवों में बापी यानी दादी मां हुआ करती हैं, जो महिलाओं की गर्भवस्था से लेकर बच्चों को अपने नुस्खों से ठीक करती आ रही है। यही काम अब क्षेत्र के युवा डिजिलट लिटरेसी और आधुनिक समझ के साथ करेंगे।
पुराने समय तक प्रशासन के पास दंतेवाड़ा जिले के हालात का कोई भी पुख्ता आंकड़ा मौजूद नहीं था, लेकिन यह समस्या अब आईआईटी भिलाई ने दूर कर दी है। आईआईटी भिलाई की मदद से एक खास मोबाइल ऐप तैयार किया गया है, जिसे नायक और नायिकाओं को दिया जाएगा। यह नायक जैसे ही गांवों में पहुंचकर लोगों तक वेलफेयर पहुंचाएगा, उसकी एंट्री ऐप में करेंगे। इस ऐप की मदद से मिलने वाले डाटा को आईआईटी एनालिसिस करके प्रशासन को भेजेगा जिससे जिले में बुनियादी सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने काम किए जा सकेंगे। गुरुवार को इस ऐप का लोकापर्ण दंतेवाड़ा कलेक्टर ने किया।

फिर पूरे बस्तर संभाग में आएगा

यह प्रोजेक्ट दुनिया के नामी एनजीओ यूनीसेफ ने डिजाइन किया है, जिसको दंतेवाड़ा जिले में लागू करने के बाद बस्तर संभाग के सभी जिलों में पहुंचाने की योजना है। आईआईटी भिलाई के प्रोफेसर डॉ. संतोष बिस्वास ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत से पहले आईआईटी भिलाई ने दंतेवाड़ा जिले का दो बार दौरा किया। यहां जिला कलेक्टर, यूनीसेफ पदाधिकारी और ग्रामीणों से चर्चा की। इसके बाद नायक और नायिकाओं के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम को डिजाइन किया। इन्हें हेल्थ और हाइजीन की समझ देने के लिए एक निजी अस्पताल वीवाई ने भी मदद की। डॉ. बिस्वास ने कहा कि शुरुआती चरण में जिन ४० युवाओं को ट्रेनिंग दी गई है, वे सभी दंतेवाड़ा पहुंचकर सार्थियों को ट्रेनिंग देंगे और धीरे-धीरे यह नायक और नायिकाओं की संख्या बढ़ती चली जाएगी।

कलेक्टोरेट में खुलेगा ट्रेनिंग बूथ

आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर डॉ. राजीव प्रकाश ने बताया कि बापी प्रोग्राम को प्रभावी बनाने के लिए आईआईटी भिलाई दंतेवाड़ा मुख्यालय में भी अपना एक सेटअप लगाएगा, जहां नायक और नायिकाओं को ट्रेनिंग देंगे। यह सभी अपने क्षेत्र की वेलफेयर जरूरतों को प्रशासन तक पहुंचाने और आम लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल, पोषण जैसे विषयों में जागरुक करने विशेष संचार दूतों की तरह काम करेंगे। इस कोशिश से बाल कुपोषण, एनीमिया और बाल मृत्यु जैसी समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। गांवों में टीकाकरण, पोषण, एनीमिया में कमी, किशोर स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी सरकारी सेवाओं को बढ़ावा देने का कार्य बापियों, नायक और नायिकाओं की जिम्मेदारी होगी।

सावधानः मलेरिया का कहर जारी, पीड़ित बस्तर फाइटर जवान की हुई मौत

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CG Bastar division Kanker Bhanupratappur police station Karathi village malaria victim
CG Bastar division Kanker Bhanupratappur police station Karathi village malaria victim

भानुप्रतापपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कराठी गांव निवासी जवान अस्पताल में उपचार के दौरान तोड़ा दम

कांकेर। प्रदेश में मलेरिया का कहर जारी है। इससे सावधान होने की जरूरत है। थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा हो सकती है। अधिक नमी क्षेत्र में इसके किटाणु पनपते हैं। खासकर रुके हुए गंदे जल क्षेत्र में इसका अधिक प्रभाव देखने को मिल रहा है। हाल ही में इससे पीड़ित हमारे एक सुरक्षा जनाव की मौत हो गई है।

जानकारी अनुसार बस्तर संभाग के भानुप्रतापपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कराठी गांव निवासी उत्तम मंडावी 24 वर्ष बस्तर फाइटर कोड़ेकुर्से में तैनात जवान की मलेरिया से मौत हो गई। बताया जा रहा है जवान की तबीयत खराब होने पर वह 11 जुलाई को छुट्टी पर गांव आया था। जवान की तबीयत 19 जुलाई को ज्यादा खराब हुई जिसके बाद उन्हें जांच और उपचार के बाद हायर सेंटर रायपुर रेफर किया गया था। वहां उपचार के दौरान बुधवार रात को मौत हो गई। अचानक हुई घटना ने गांव में हर किसी को झकझोर कर रख दिया है।

बीजापुर में मरीजों का आंकड़ा 2000 पार
बता दें कि प्रदेश के बिलासपुर और बीजापुर जिले में भी मलेरिया से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बिलासपुर में 500 से ऊपर मरीज मिले हैं, वहीं मरीजों का आंकड़ा 2 हजार के पार पहुंच गया है। इतना ही नहीं मलेरिया से 2 बच्चों की मौत भी हो चुकी है। स्थिति को संभालने स्वास्थ्य विभाग, शैक्षणिक संस्थान, आवासीय विद्यालय और ग्रामीण इलाकों में मलेरिया जांच अभियान चला रहा है।

2016 लोग मलेरिया पॉजिटिव मिले
दो दिनों पहले बीजापुर क्षेत्र के 320 संस्थानों के 20 हजार 627 बच्चों और 1 लाख 94 हजार 163 ग्रामीणों का मलेरिया टेस्ट किया जा चुका था। जांच के बाद 1041 छात्र और 975 ग्रामीण मलेरिया पॉजिटिव मिले हैं। बीजापुर जिले में अब तक 2016 लोग पॉजिटिव हैं। जिला प्रशासन ने लोगों को एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।

राशनकार्ड का नवीनीकरण कराने मियाद 15 अगस्त तक बढ़ाई, अब घर बैठे भी कर सकेंगे ई-केवाईसी

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रायपुर, अंबिकापुर . अगर आप भी राशनकार्ड नवीनीकरण कराने से चूक गए हैं तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकार ने राशन कार्ड नवीनीकरण के लिए तारीख को आगे बढ़ा दिया है। अब हितग्राही 15 अगस्त तक राशनकार्ड का नवीनीकरण करा सकते हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशानुसार प्रदेश में प्रचलित राशनकार्ड के नवीनीकरण एवं राशनकार्डधारियों का ई-केवायसी किया जा रहा है। खाद्य विभाग के संचालक जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के सभी श्रेणी के राशनकार्ड अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, निशक्तजन और एपीएल योजना के राशनकार्डधारियों का ई-केवायसी एवं राशन कार्डों के नवीनीकरण 15 अगस्त तक करा सकेंगे।

हालांकि हर हितग्राही को ई-केवाई करना अनिवार्य रहेगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान समय में 75 लाख हितग्राही है। अब तक कुल 70 लाख 26 हजार 106 राशन कार्डधारकों का नवीनीकरण किया जा चुका है। नवीनीकरण के कार्य में पहले पायदान पर बीजापुर जिला है। यहां कुल हितग्राही 71,329 में से 71,109 हितग्राहियों ने नवीनीकरण कराया है। द्वितीय स्थान पर नारायणपुर जिला है, जहां 36,136 में से 35,790 हितग्राहियों ने प्रक्रिया पूरी की। इसी प्रकार तृतीय स्थान पर सुकमा जिला है, जिसमें 78,703 हितग्राहियों में से लगभग 78 हजार हितग्राहियों ने अपना राशन कार्ड नवीनीकरण का कार्य करवा लिया है।

इस तरह करा सकते हैं नवीनीकरण

राशनकार्ड नवीनीकरण के लिए खाद्य विभाग ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का नया मोबाइल एप तैयार किया है। इसे प्ले स्टोर में जाकर डाउनलोड किया जा सकता है। हितग्राही द्वारा खाद्य विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड करके नवीनीकरण का कार्य किया जा सकता है। इसके अलावा हितग्राही उचित मूल्य दुकान में भी जाकर ऑनलाइन के माध्यम से अपना नवीनीकरण और ई-केवायसी का कार्य करवा सकते हैं। यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क होगी।