0 सूचना मिलते ही कुसमुंडा कोल प्रबंधन मौके पर पहुंची, लापता सीनियर अंडर मैनेजर की तलाश में जुटी एसडीआरएफ की टीम, शाम 4 से 4.30 बजे के बीच हुआ हादसा
कोरबा। कोरबा के कुसमुंडा कोल माइंस में शनिवार की शाम एक बड़ा हादसा हो गया। दरअसल दोपहर से हो रही भारी बारिश की वजह से कोल माइंस में खड़ा मिट्टी का पहाड़ अचानक ढह गया। इस दौरान 5 कोल कर्मियों के साथ मौके पर मौजूद सीनियर अंडर मैनेजर मिट्टी की देर के साथ बह गए। सूचना मिलते ही कोल प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान 5 कर्मियों को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन सीनियर अंडर मैनेजर का कहीं भी पता नहीं चल पाया। प्रबंधन द्वारा एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया, लेकिन अंधेरा हो जाने की वजह से उन्हें सीनियर अंडर मैनेजर की तलाश करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
शनिवार की दोपहर करीब 3 घंटे लगातार हुई मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। गली मोहल्ले की सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं। शाम तकरीबन 4 से 4:30 बजे के बीच कुसमुंडा खदान अंतर्गत गोदावरी फेस अंतर्गत ओल्ड केट फेस में एक हादसा हो गया।
यहां बने लोहे की गुमटी में सीनियर अंडर मैनेजर जितेंद्र नागरकर के अलावा 5 अन्य कर्मचारी बारिश से बचने रुके थे।काफी देर तक बारिश नही रुक रही थी, ऐसे में बीच बीच में थोड़ी बारिश कम होने पर 2-2 लोग एक दूसरे का हाथ पकड़ कर गुमटी से बाहर निकले और आगे बढ़ने लगे।
इसी दौरान अचानक से पानी के साथ बड़ी मात्रा में मिट्टी बहकर नीचे आ गई, इस मिट्टी के ढेर के साथ ही जितेंद्र नागरकर बह गए। इस दौरान 5 कर्मचारी तो किसी तरह बाहर निकल आए, लेकिन सीनियर अंडर मैनेजर का पता नहीं चला।
मौके पर पहुंचे अधिकारी
वहीं घटना की सूचना के बाद एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रबंधन स्तर पर अधिकारी की खोजबीन शुरू की गई। वहीं घटना की सूचना पर एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची।
शाम 7 बजे के बाद अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू में कार्य में दिक्कत आने लगी। रात 12 बजे तक सीनियर अंडर मैनेजर का पता नहीं चल सका है। रेस्क्यू कार्य अभी भी जारी है।
राज्य सरकार ने अब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और एंटी करप्शन ब्यूरो के लिए अधिसूचना जारी की है
रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकार ने एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत अब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को जुआ एक्ट की सभी धाराओं में जांच और कार्यवाही करने का अधिकार प्रदान किया गया है। राज्य सरकार ने यह अधिकार देने के लिए नियमों में आवश्यक बदलाव किए हैं।
इस अधिसूचना का उद्देश्य राज्य में जुआ एक्ट के तहत हो रहे अपराधों की जांच और उन पर प्रभावी कार्यवाही करना है। एसीबी-ईओडब्ल्यू को यह अधिकार मिलने से जुआ एक्ट के तहत अपराधों पर नियंत्रण और रोकथाम में महत्वपूर्ण प्रगति होने की उम्मीद है।
NEW DELHI . .बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर चर्चा में हैं। शनिवार को हुई नीति आयोग की बैठक में उन्हें दरकिनार कर दिया। बोलने का मौका तक नहीं दिया गया। इससे आहत हुई ममता बैठक छोडक़र बाहर निकल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक हुई। सरकारी सूत्रों ने ममता के दावों को खारिज किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ममता बनर्जी ने मीडिया में कहा है कि उनका माइक बंद कर दिया गया, यह पूरी तरह से झूठ है। ममता बनर्जी के आरोपों पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम सभी ने उन्हें सुना। हर मुख्यमंत्री को अलॉट किया हुआ समय दिया गया जो हर टेबल पर लगी स्क्रीन पर दिखाई दे रहा था। बावजूद इसके ममता बनर्जी ने मीडिया अटेंशन के लिए बाहर आकर गलत खबर फैलाई। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो सच नहीं है।
हर कोई कह रहा, माइक बंद किया
इस मामले में केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्लियामेंट में कोई कहता है मेरा माइक बंद कर दिया जाता है, कोई कहता है मुझे बोलने नहीं दिया जाता। ये कहीं ना कहीं अफवाह है और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। मैं उस मीटिंग में था नहीं लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसा नहीं हुआ होगा।केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी कहा कि ममता बनर्जी जो कह रही हैं वह पूरी तरह से मिसलीडिंग है। उन्होंने खुद कहा कि वह जल्दी निकलना चाहती हैं, इसलिए उन्हें पहले बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
आखिर क्यों बाहर भडक़ पड़ी ममता
ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक को बीच में ही छोडक़र निकल आईं। उन्होंने कहा कि मैंने बैठक का बहिष्कार किया है। चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए। असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के सीएम ने 10-12 मिनट तक बात की। मुझे सिर्फ पांच मिनट बाद बोलने पर ही रोक दिया गया. यह गलत है। बाहर निकलकर केंद्रीय सरकार पर भडक़ी ममता ने नीति आयोग को खत्म कर देने की बात कही। नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय ताकत दें या योजना आयोग को वापस लाएं।
लाइफ स्टाइल डेस्क . अभी तक आपको एयरोप्लेन के भीतर मोबाइल को स्वीच ऑफ या एयरोप्लेन मोड में रखने को कहा जाता था। इससे आप इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पाते थे, लेकिन अब आप प्लेन के अंदर भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसको लेकर टाटा ग्रुप की विस्तारा एयरलाइन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में ग्राहकों को फ्री वाई-फाई सुविधा देने वाली पहली भारतीय एयरलाइन बन गई है। शनिवार को एयरलाइन की ओर से यह जानकारी दी गई है। जिसमें कहा गया है कि एयरलाइन की प्लेन में 20 मिनट की फ्री वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी। एयरलाइन ने आगे कहा कि 20 मिनट के वाई-फाई की सुविधा कंप्लीमेंट्री होगी। इसकी मदद से यात्री आसानी से अपने प्रियजनों के साथ यात्रा के दौरान जुड़े रह सकते हैं। वहीं, ज्यादा समय तक वाई-फाई उपयोग करने के लिए आपको इंटरनेट का एयरोप्लेन प्लान खरीदना होगा। फिलहाल यह सुविधा बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर और ए यरबस ए321 नियो एयरक्राफ्ट पर उपलब्ध होगी। इसमें ग्राहक ईमेल पर आए ओटीपी की मदद से इनफ्लाइट वाई-फाई का उपयोग कर सकेंगे।
एयरोप्लेन में फ्री वाई-फाई को लेकर विस्तारा के चीफ कमर्शियल ऑफिसर दीपक राजावत ने कहा कि ग्राहक हमारे इस प्रयास को पसंद करेंगे। इससे उनकी यात्रा पहले के मुकाबले अधिक सुविधाजनक होगी। बिजनेस क्लास और विस्तारा प्लेटिनम क्लब के सदस्यों को 50 एमबी कंप्लीमेंट्री वाई-फाई दिया जाएगा। एयरलाइन ने कहा कि गैर-सदस्यों को अनलिमिटेड डेटा के साथ वॉट्सऐप जैसे मैसेजिंग ऐप उपयोग करने के लिए 372.74 रुपये के साथ जीएसटी का भुगतान करना होगा।
उड़ान के दौरान इंटरनेट सर्फिंग, सोशल मीडिया और वेब के उपयोग के लिए 1,577.54 के साथ जीएसटी चुकाना होगा। वहीं, अनलिमिटेड डेटा के साथ सभी स्ट्रीमिंग का उपयोग करने के लिए 2,707.04 रुपए समेत जीएसटी का भुगतान करना होगा। विस्तारा ने आगे कहा कि एयरलाइन में फ्लाइट के दौरान 700 घंटों का इन-फ्लाइट इंटरटेनमेंट पैकेज ऑफर किया जाता है। इसमें मूवी, टीवी शो और ऑडियो टाइटल्स शामिल हैं।
DURG UNIVERSITYभिलाई . हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के ७ अगस्त को बीआईटी सभागार में अपना दूसरा दीक्षांत समारोह करा रहा है। शनिवार को दीक्षांत के लिए ड्रेस कोड तय हो गए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि यह दीक्षांत भारतीय सभ्यता के दर्शन कराएगा। जिन छात्र-छात्राओं को उपाधि मिलेगी, वे वेस्टन गाउन के बजाए ट्रेडिशन पोशाक में नजर आएंगे। ड्रेस कोड के तौर पर छात्र सफेद कुर्ते के साथ सदरी पहनेंगे। वहीं छात्राओं को ट्रेडिशनल साड़ी पहननी होगी। इसके साथ छात्र और छात्राएं दोनों ही अपने सिर पर पगड़ी धारण करेंगे। विद्यार्थियों के साथ कार्यक्रम में शामिल कार्यपरिषद, विद्यापरिषद के सदस्य और सभी डीन के सिर पर भी पगड़ी नजर आएगी। दूसरे दीक्षांत में मेडल हासिल करने वाले विद्यार्थियों को कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा शपथ दिलाएंगी। विश्वविद्यालय द्वारा कराए गए पहले दीक्षांत में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिरकत की थी वहीं राज्यपाल (कुलाधिपति) ऑनलाइन जुड़े थे। इस बार कुलाधिपति और राज्य के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दोनों ने ही कार्यक्रम में शामिल होने की सहमति विश्वविद्यालय को दे दी है।
मेडल के साथ नकद पुरस्कार
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद दीक्षांत का यह दूसरा मौका है। इस कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा, अरुण साव, दयालदास बघेल, विधायक गजेंद्र यादव, ललित चंद्राकर, रिकेश सेन मंच पर होंगे। इस समारोह में 60 पीएचडी धारकों और 44 स्वर्णपदक पाने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल मिलेंगे। इसके साथ ही उन्हें विश्वविद्यालय की ओर नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे। विश्वविद्यालय में इस साल दीक्षांत समारोह में स्मृति मेडल देने वाले दनदाताओं की संख्या में इजाफा हो गया है।
निकलेगी भव्य शोभायात्रा
दीक्षांत समारोह के दौरान भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस शोभायात्रा का नेतृत्व विश्वविद्यालय के कुलसचिव भूपेंद्र कुलदीप करेंगे। कुलसचिव के पीछे कार्यपरिषद और विद्यापरिषद के सदस्य और सभी संकायों के डीन शामिल होंगे। शोभायात्रा के अंतिम छोर में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कुलपति शामिल होकर इस यात्रा की गरिमा बढ़ाएंगे।
सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण
विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि दीक्षांत समारोह का लाइव प्रसारण करने विभिन्न सोशल मीडिया का सहारा लिया जाएगा। ऐसे में जो लोग दीक्षांत में शामिल नहीं हो पाएंगे, वे अपने घरों से बैठे-बैठे ही दीक्षांत में अपने लोगों को उपाधि हासिल करते हुए देख पाएंगे। बीआईटी ऑडिटोरियम में बैठक की सीमित व्यवस्था के मद्देनजर यह व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि इससे पहले प्रथम दीक्षांत समारोह भी बीआईटी दुर्ग के ऑडिटोरियम में ही कराया गया था।
दूसरे दीक्षांत के लिए ड्रेस कोड तय कर लिया गया है। छात्र सफेद कुर्ता पैजामा और सदरी पहनेंगे वहीं छात्राएं ट्रेडिशनल साड़ी में उपाधि लेंगी। कार्यपरिषद के साथ सभी सदस्यों को भी यह ड्रेस कोड पहनना होगा। मुख्यमंत्री व राज्यपाल ने समारोह के लिए सहमति दे दी है। भूपेंद्र कुलदीप, कुलसचिव, हेमचंद विश्वविद्यालय —
मौसम विभाग के अनुसार बालोद, बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, राजनांदगांव, मोहला मानपुर-अंबागढ़ चौकी और कांकेर जिले में भारी से अति भारी बारिश की संभावना
सुकमा जिले में तेलंगाना का महाराष्ट्र से सड़क संपर्क टूट गया, नेशनल हाइवे-163 तारलागुड़ा व हाइवे-63 पर पुलों के ऊपर से पानी बह रहा
रायपुर। प्रदेश में सप्ताह भर से लगातार बारिश से आम जनजीवन आस्त-व्यस्त हो गया है। भारी पानी गिरने से छत्तीसगढ़ के हर क्षेत्र में नदी-नालों का जलस्तर खतरे के निशान से उपर चल रहा है। देखा जाए तो सप्ताह भर से बारिश की वजह से जन और धन का बड़ा नुकसान हो रहा है। इधर लगातार पानी को देखते हुए बेमेतरा जिले में तीन दिनों के लिए स्कूलों में अवकाश की कलेक्टर ने घोषणा की है।
वहीं कांकेर जिले के कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। कोयलीबेड़ा की मेंढकी नदी उफान पर है ऐसे में ग्रामीण साप्ताहिक बाजार भी नहीं जा पा रहे हैं। इसके साथ ही बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के कई इलाकों में फिर से बाढ़ के हालात बन गए हैं। नेशनल हाइवे-163 तारलागुड़ा और नेशनल हाइवे-63 पर बने पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है। लिहाजा, महाराष्ट्र का सड़क संपर्क छत्तीसगढ़ से टूट गया है। बालोद, बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, राजनांदगांव, मोहला मानपुर-अंबागढ़ चौकी और कांकेर जिले में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है।
इस बीच बस्तर संभाग में पिछले 13 दिनों से हो रही मुसलाधार बारिश से सामान्य जन-जीवन अस्तव्यस्त है, बाढ़ में डूबने से एक ग्रामीण की मौत हो गई जबकि तीन सौ से अधिक परिवार बेघर हो गए। इंद्रावती, शबरी, संकनी-डंकनी तथा स्थानीय नदी-नाले उफान पर हैं। दक्षिण बस्तर का संपर्क संभाग मुख्यालय से टूट चुका है।
बीजापुर जिले में रिकॉर्ड बारिश दर्ज जानकारी अनुसार बीजापुर जिले में अब तक तेरह सौ दस मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड किया गया है, वहीं आंध्रप्रदेश से छत्तीसगढ़ का संपर्क टूट चुका है। गोदावरी नदी में बाढ़ के कारण हैदराबाद, सिरोंचा, वरंगल में आवागमन बंद है। लगातार बारिश होने की स्थिति में इंद्रावती का जल स्तर और ज्यादा बढऩे कि संभवना है, क्योंकि महारष्ट्र में गोदावरी का जल स्तर भी बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसे भोपालपटनम से लगे सोमनपल्ली नाले के पास बाढ़ का पानी रोड पार आ चुका है। सोमनपल्ली नाले मे तेजी से पानी बढ़ रहा है जिससे इस मार्ग पर रास्ता पूरी तरह से बंद होकर छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र का सड़क संपर्क कट गया है।
खतरे के निशान पर है नदियां लगातार बारिश की वजह से चिंतावागु नदी भी उफान पर है। इसी नदी में गुरुवार को एक ग्रामीण की डूबने से मौत हो गई। मद्देड़ थाना के अनुसार अंगमपल्ली के आश्रित गांव रायगुडा निवासी रमेश कुरसम (42) रायगुडा से बर्तन के सहारे चिंतावागु नदी को पार कर अंतिम संस्कार कार्यक्रम के लिए पेगड़ापल्ली जा रहा था तभी उसका संतुलन बिगड़ गया और नदी में डूबने से उसकी मौत हो गई। बीजापुर-गीदम मार्ग पर जांगला नदी पर बाढ़ आने की वजह से आवागमन बंद है। किरंदुल में भारी वर्षा के कारण लोग अपने घर पर नहीं रह पा रहे हैं और न ही बाहर कहीं ठहर पा रहे हैं। स्थिति गंभीर होते जा रही है।
चार दर्जन गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूटा नारायणपुर जिले में सोनपुर इलाके में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। डोंडीबेड़ा के एक दम्पति की नौ माह की बेटी के इलाज के लिए उफनती नदी को पार कर सोनपुर स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे, पुल के उपर पानी बहने से अबूझमाड़ के 50 से अधिक गांव मुख्यालय से कट गए हैं। अबूझमाड़ के कई इलाके टापू में तब्दील हो गए हैं। सुकमा जिले में भारी वर्षा से तेलंगाना का महाराष्ट से संपर्क टूट चुका है। सुकमा जगदलपुर मार्ग पर बाढ की स्थिति बनी हुई है। भारी वर्षा से गोदावरी, शबरी का जलस्तर बढ़ा हुआ है जिला प्रशासन निचले बस्ती के इलाके में मकान खाली कराने का मुनादी करा दिए हैं। कांकेर जिले में भी भारी वर्षा की स्थिति है। सभी नदी-नाले उफान पर हैं। पोटरी-मेढ़की महानदी तथा दूध नदी का भी जलस्तर बढ़ चुका है तथा इससे 50 से अधिक गांव टापू बन चुके हैं।
चालू मानसून में 509.2 मिमी औसत वर्षा छत्तीसगढ़ राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक गत एक जून से अब तक राज्य में 509.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में एक जून से शनिवार यानी 27 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1237.1 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 196.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 318.3 मिमी, बलरामपुर में 450.9 मिमी, जशपुर में 334.0 मिमी, कोरिया में 334.8 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 359.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 461.5 मिमी, बलौदाबाजार में 601.8 मिमी, गरियाबंद में 563.7 मिमी, महासमुंद में 411.9 मिमी, धमतरी में 591.9 मिमी, बिलासपुर में 481.5 मिमी, मुंगेली में 526.7 मिमी, रायगढ़ में 392.6 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 233.0 मिमी, जांजगीर-चांपा में 435.2 मिमी, सक्ती में 329.5 कोरबा में 572.7 मिमी,
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 468.3 मिमी, दुर्ग में 335.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 414.1 मिमी, राजनांदगांव में 582.7 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 595.5 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 398.9 मिमी, बालोद में 683.3 मिमी, बेमेतरा में 336.4 मिमी, बस्तर में 655.0 मिमी, कोण्डागांव में 550.4 मिमी, कांकेर में 695.1 मिमी, नारायणपुर में 677.1 मिमी, दंतेवाड़ा में 724.2 मिमी और सुकमा जिले में 852.7 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।
नवागढ़ थाना क्षेत्र के कुआं गांव में कुएं के अंदर लगे पंप को निकालते समय तीन युवक चपेट में आ गए
बेमेतरा। प्रदेश में लगातार जहरीली गैस से जान जाने की घटना सामने आ रही है। इस बार बेमेतरा जिले में घटना घटी है। यहां शनिवार को यह दर्दनाक हादसा हो गया। नवागढ़ तहसील के कुआं गांव में कुएं के अंदर जहरीली गैस के रिसाव से 3 युवकों की मौत हो गई। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंचे और जाँच में जुट गई।
गांव में तीन लोगों की जान जाने के बाद कोहराम मच गया। जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला नवागढ़ थाना क्षेत्र के कुआं गांव का है। जहां शनिवार को नवागढ़ तहसील के कुआं गांव में 2 युवक एक कुएं के अंदर मोटर पंप निकालने के लिए उतरे थे। इसी दौरान जहरीली गैस का रिसाव होने लगा।
इस बीच युवक काफी देर तक कुएं से बाहर नहीं आए तो इलाके में हड़कंप मच गया। फिर उन्हें बचाने के लिए तीसरा युवक कुएं में उतरा। जिससे तीनों युवकों की जहरीली गैस के चपेट में आने से मौत हो गई। फिलहाल पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।
0 बच्चों का इलाज कराने आई थी हॉस्टल अधीक्षिका, नर्सों ने उनके साथ किया था दुर्व्यवहार, वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने की कार्रवाई
बलरामपुर। बलरामपुर जिले केराजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हॉस्टल अधीक्षिका और छात्रों से स्टाफ नर्सों ने बदसलूकी की थी। वहां मौजूद लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। मामला संज्ञान में आते ही बलरामपुर कलेक्टर ने तत्काल एक्शन लेते हुए दोनों नर्सों को निलंबित कर दिया है।
दरअसल राजपुर विकासखण्ड स्थित राजी पड़हा हॉस्टल की शिक्षिका वहां के बच्चों के स्वास्थ्य खराब होने पर इलाज के लिए राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आई थी। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ राजपुर की स्टॉफ नर्स आंचल सिंह एवं रजनी तिर्की ने उनके साथ अभ्रदतापूर्ण दृर्व्यवहार किया गया।
इसकी शिकायत कलेक्टर तक पहुंची। इस मामले में कहा गया कि नर्सों का यह व्यवहार उनके पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं अकर्मण्यता को दर्शाता है।
आंचल सिंह एवं रजनी तिर्की का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 (1) (2) (3) के विपरीत है। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के उपनियम (1) क के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
बलरामपुर अस्पताल में किया गया अटैच
निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय जिला चिकित्सालय बलरामपुर नियत किया गया है। निलंबन अवधि में आंचल सिंह एवं रजनी तिर्की स्टाफ नर्स सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजपुर को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
0 छत्तीसगढ़ के इस जिले में ऐसा पहला मामला आया सामने, निजी नर्सिंग होम में महिला ने एक साथ 4 स्वस्थ बच्चों को दिया जन्म
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर स्थित एक निजी नर्सिंग होम में एक महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है। इनमें 2 लड़का और 2 लड़की हैं। प्रसूता महिला सरपंच की पत्नी है। डॉक्टरों ने बताया है कि चारों बच्चे और उनकी मां बिलकुल स्वस्थ हैं। गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में एक साथ 3 व 4 बच्चों के एक साथ जन्म लेने के कई मामले सामने आ चुके हैं। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक महिला ने एक साथ 6 बच्चियों को जन्म दिया था।
सुकमा जिले के जैमर ग्राम पंचायत के हमीरगढ़ निवासी हिरमा कवासी सरपंच हैं। उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों द्वारा जगदलपुर के बंसल नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था।
यहां पत्नी ने एक साथ 4 स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है। बच्चों में 2 बेटे और 2 बेटियां हैं। डाक्टरों ने चारों बच्चों और उनकी मां को विशेष निगरानी में रखा है। डाक्टरों के मुताबिक फिलहाल चारों बच्चे और उनकी मां बिलकुल स्वस्थ हैं।
जगदलपुर में ऐसा पहला मामला
बस्तर जिले के जगदलपुर 4 बच्चों को जन्म देने का पहला मामला है। इससे पहले एक साथ 3 बच्चों के जन्म के कई मामले सुकमा जिले में सामने आ चुके हैं। एक साथ दो बेटे और दो बेटिंयों के जन्म से कवासी परिवार में खुशी का माहौल है। उनके रिश बधाइयां दे रहे हैं।
0 सभी शासकीय, प्राइवेट और अनुदान प्राप्त स्कूलों में 27, 28 और 29 जुलाई को रहेगी छुट्टी, शिक्षकों समेत अन्य स्टाफ को आना होगा स्कूल
धमतरी। जिले में लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए धमतरी कलेक्टर ने सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 दिन की छुट्टी घोषित कर दी है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी शासकीय, अशासकीय और अनुदान प्राप्त स्कूलों के अलावा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में 27, 28 व 29 जुलाई को छुट्टी रहेगी। लेकिन यह अवकाश सभी शिक्षकों, स्टाफ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के लिए लागू नहीं होगा।
कलेक्टर ने आदेश जारी कर इसका कड़ाई से पालन करने कहा है। गौरतलब है कि धमतरी जिले में लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग द्वारा 27 से 29 अगस्त तक जिले में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इस वजह से स्कूलों और आंगनबाड़ी के लिए यह आदेश जारी किया गया है।
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